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UPI Changes: अगले हफ्ते से बदल जाएंगे यूपीआई पेमेंट से जुड़े ये नियम, आसान भाषा में समझ लें सभी PhonePe, Google Pay यूजर्स

NCPI ने कुछ खास कैटेगरी वाले डिजिटल पेमेंट के लिए UPI ट्रांजैक्शन लिमिट बढ़ा दी है, जिससे यूजर्स और मर्चेंट्स के लिए उच्च मूल्य वाले लेन-देन करना आसान हो जाएगा. ये नए बदलाव 15 सितंबर 2025 से लागू हो रहे हैं.

NCPI ने कुछ खास कैटेगरी वाले डिजिटल पेमेंट के लिए UPI ट्रांजैक्शन लिमिट बढ़ा दी है, जिससे यूजर्स और मर्चेंट्स के लिए उच्च मूल्य वाले लेन-देन करना आसान हो जाएगा. ये नए बदलाव 15 सितंबर 2025 से लागू हो रहे हैं.

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Mithilesh Kumar
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UPI Changes

UPI यूजर बढ़ी हुई पेमेंट लिमिट का लाभ आज से 5 दिन बाद यानी सोमवार 15 सितंबर 2025 से उठा सकेंगे. (Image: FE File)

UPI Payment Limits Changing from September 15: अगर आप भी उन लोगों में से हैं जो रोजमर्रा के खर्चों को पूरा करने लिए UPI पेमेंट के आदी हैं, तो यह खबर आपके काम की है. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने UPI पेमेंट लिमिट में अहम बदलाव किए हैं. कुछ खास कैटेगरी वाले डिजिटल पेमेंट के लिए NPCI ने UPI ट्रांजैक्शन लिमिट बढ़ा दी है, जिससे यूजर्स और मर्चेंट्स के लिए उच्च मूल्य वाले लेन-देन करना आसान हो गया है. ये बदलाव आज से 5 दिन बाद यानी सोमवार, 15 सितंबर 2025 से लागू होंगे.

यूजर्स को पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) पर बढ़ी हुई UPI पेमेंट लिमिट का फायदा अगल हफ्ते से मिलेगा. पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) कैटेगरी वाले पेमेंट से मतलब है जब एक यूजर UPI के जरिए इंश्योरेंस प्रीमियम भर रहा हो, लोन की मंथली ईएमआई पे करे या फिर मार्केट में इन्वेस्ट कर रहा हो. ऐसे मामलों में उसके लिए हायर वैल्यू वाले ट्रांजैक्शन अगले हफ्ते से आसान हो जाएंगे. NPCI का दावा है कि नए नियमों से इंश्योरेंस प्रीमियम, लोन ईएमआई या मार्केट निवेश जैसे पेमेंट करना आसान होगा. इन बदलावों से बड़े डिजिटल लेन-देन सुगम होंगे और कैशलेस ट्रांजैक्शन को और बढ़ावा मिलेगा. आइए जानते हैं कि अगले हफ्ते से UPI पेमेंट में क्या-क्या बदलाव नजर आएंगे.

अगले हफ्ते से UPI पेमेंट लिमिट में होंगे ये बदलाव?

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कैपिटल मार्केट और इंश्योरेंस पेमेंट: अगले हफ्ते से यूजर 2 लाख की जगह 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजैक्शन और 24 घंटे में मैक्सिमम 10 लाख तक की ट्रांजैक्शन कर सकेंगे.

सरकारी ई-मार्केटप्लेस और टैक्स पेमेंट: इसकी लिमिट भी 1 लाख से बढ़कर 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजैक्शन कर दी गई है, जो आगामी 15 सितंबर 2025 से लागू हो रही है.

ट्रैवल सेक्टर: अब 1 लाख की बजाय 5 लाख रुपये प्रति ट्रांजैक्शन, डेली कैप 10 लाख तक UPI यूजर के लिए हो जाएगा.

इसी तरह

क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट: एक बार में 5 लाख, डेली कैप 6 लाख.

लोन और ईएमआई कलेक्शन: 5 लाख प्रति ट्रांजैक्शन, 10 लाख डेली कैप.

ज्वेलरी खरीदारी: 1 लाख से बढ़कर 2 लाख प्रति ट्रांजैक्शन, डेली कैप 6 लाख.

बैंकिंग सर्विसेज: डिजिटल टर्म डिपॉजिट अब 5 लाख प्रति ट्रांजैक्शन और डेली कैप.

डिजिटल अकाउंट ओपनिंग: 2 लाख ही बनी रहेगी.

फॉरेन एक्सचेंज रिटेल पेमेंट (BBPS): 5 लाख प्रति ट्रांजैक्शन, डेली कैप 5 लाख.

नए नियम तहत, यूजर विशेष वेरिफाइड मर्चेंट कैटेगरी में 24 घंटे में 10 लाख रुपये तक ट्रांजैक्शन कर सकेंगे. ये बढ़ी हुई लिमिट केवल पर्सन-टू-मर्चेंट (P2M) कैटेगरी के पेमेंट पर लागू होगी, जबकि पर्सन-टू-पर्सन (P2P) ट्रांजैक्शन की लिमिट अभी भी 1 लाख रुपये प्रति दिन ही रहेगी. सदस्य बैंक अपनी जोखिम नीतियों के अनुसार कम लिमिट तय करने का विकल्प रखते हैं.

क्या नहीं बदलेगा?

ये बदलाव सिर्फ P2M ट्रांजैक्शन पर लागू होंगे. पर्सन-टू-पर्सन (P2P) ट्रांजैक्शन यानी दोस्तों या परिवार को पैसे भेजने की लिमिट अभी भी 1 लाख प्रति दिन ही रहेगी. इसके अलावा डिजिटल अकाउंट ओपनिंग की लिमिट भी 2 लाख ही बनी रहेगी.

बढ़ी हुई UPI पेमेंट लिमिट क्यों मायने रखती है?

  • हायर वैल्यू वाले पेमेंट को कई हिस्सों में न बांटना पड़े.
  • इंश्योरेंस प्रीमियम, लोन ईएमआई या निवेश आसानी से UPI से भर सकें.
  • रियल-टाइम सेटमेंट के साथ कम रुकावट वाला अनुभव.

UPI पेमेंट इस्तेमाल करने वाले Google Pay, PhonePe जैसे यूजर्स को इन बदलावों के बारे में जानकारी होना जरूरी है, ताकि 15 सितंबर के बाद आसानी से बड़े पेमेंट किए जा सकें.

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