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UPI : यह कदम भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस को यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन के इंटरकनेक्शन प्लेटफॉर्म से जोड़ता है. (Image: FE File)
Digital Transaction : अब UPI विदेशों में भी पैसे भेजने की प्रक्रिया को तेज, आसान और सस्ता बनाने जा रही है. दुबई में UPI–UPU इंटीग्रेशन प्रोजेक्ट की शुरूआत हो गई है. केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य एम सिंधिया ने 28वें यूनिवर्सल पोस्टल कांग्रेस में यूपीआई-यूपीयू एंटीग्रेशन प्रोजेक्ट लॉन्च किया. यह कदम भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन के इंटरकनेक्शन प्लेटफॉर्म से जोड़ता है. इस प्रोजेक्ट को इंडिया पोस्ट, एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (NIPL) और UPU ने मिलकर तैयार किया है.
सुरक्षित और कम लागत वाली प्रक्रिया
इस पहल का उद्देश्य भारत के एंटीग्रेटेट पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) और यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन इंटरकनेक्शन प्लेटफॉर्म की खासियत को मिलाकर सीमापार यानी विदेश में धन भेजने में बदलाव लाना है. सिंधिया ने कहा कि यह ‘एक तकनीकी पेशकश’ से कहीं बढ़कर एक सामाजिक समझौता है. डाक नेटवर्क की विश्वसनीयता और यूपीआई की गति के मेल से दूसरे देश में रहने वाले परिवार तेजी से, सुरक्षित और बहुत कम लागत पर पैसा भेज (Digital Payment) सकते हैं.
डाक नेटवर्क और यूपीआई का गठजोड़
भारतीय डाक विभाग (डीओपी), एनपीसीआई इंटरनेशनल पेमेंट्स लिमिटेड (एनआईपीएल) और यूनिवर्सल पोस्टल यूनियन (यूपीयू) द्वारा विकसित यह पहल भारतीय भुगतान प्रणाली यूपीआई को यूपीयू इंटरकनेक्शन मंच के साथ एकीकृत करती है और डाक नेटवर्क की पहुंच को यूपीआई की गति और क्षमता के साथ जोड़ती है. संचार मंत्री ने कहा कि यह इस बात की पुष्टि करता है कि नागरिकों के लिए निर्मित सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को मानवता की बेहतर सेवा के लिए सीमाओं के पार जोड़ा जा सकता है.
किफायती डिजिटल फाइनेंशियल सर्विसेज
सिंधिया ने एक आधुनिक, समावेशी डाक क्षेत्र के लिए भारत के दृष्टिकोण का उल्लेख किया. इसमें बिना रुकावट डेटा-संचालित लॉजिस्टिक के माध्यम से जुड़ना, प्रत्येक प्रवासी एवं डिजिटल उद्यम को किफायती डिजिटल वित्तीय सेवाएं देना, एआई, डिजीपिन और मशीन लर्निंग के साथ आधुनिकीकरण करना और यूपीयू-समर्थित तकनीकी इकाई के साथ दक्षिण-दक्षिण साझेदारी के माध्यम से सहयोग करना शामिल है. उन्होंने कहा कि आधार, जनधन और इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के माध्यम से 56 करोड़ से अधिक खाते खोले गए हैं, जिनमें से अधिकांश महिलाओं के नाम पर हैं.