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यूज बेस इंश्योरेंस स्कीम में वाहन के इस्तेमाल के आधार पर प्रीमियम तय किया जाता है. यानी इस स्कीम में आप अपनी कार या वाहन को जितना चलाएंगे, उसके हिसाब से ही प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं.
Usage Based Insurance : अगर आप मोटर वाहन का इस्तेमाल करते हैं और महंगे प्रीमियम की वजह से मोटर इंश्योरेंस नहीं करवा पा रहे हैं. तो आप के लिए अच्छी खबर है, अब आप यूज बेस इंश्योरेंस (Usage Based Insurance) स्कीम के तहत बीमा करा सकते हैं. इस स्कीम में वाहन के इस्तेमाल के आधार पर प्रीमियम तय किया जाता है. यानी इस स्कीम में आप अपनी कार या वाहन को जितना चलाएंगे, उसके हिसाब से ही प्रीमियम का भुगतान कर सकते हैं. यह स्कीम उन लोगों के लिए ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकती है, जिन्हें आमतौर पर बहुत ज्यादा ड्राइव नहीं करना होता. साथ ही बहुत से लोग ऐसे हैं जिनके पास अपनी गाड़ी तो है, लेकिन वो कभी-कभी ही गाड़ी चलाना पसंद करते हैं.
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UBI से लोगों को राहत मिलेगी
हाल के दौर में हर सेक्टर महंगाई की मार से प्रभावित है. ऐसा ही कुछ हाल बीमा सेक्टर का भी है. यहां पर बीमा के प्रीमियम में इजाफा होने के बाद से लोग थोड़ा परेशान हैं. यही वजह है कि लोग अब बीमा पॉलिसी लेने से पहले न सिर्फ पॉलिसी के बारे में सभी जानकारियां ले रहे हैं, बल्कि पॉलिसी लेने से पहले मार्केट में उसके जैसी अन्य कंपनियों की पॉलिसी से उसकी तुलना कर रहे हैं. लोगों की ऐसी ही परेशानियों को देखते हुए कई कंपनियां नई-नई स्कीमों को लॉन्च कर रही है. ऐसी ही एक स्कीम है यूज बेस इंश्योरेंस (Usage Based Insurance) है इसे पे एज यू ड्राइव स्कीम भी कहा जा सकता है.
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इस्तेमाल के आधार पर तय होता है प्रीमियम
इससे पहले तक मोटर वाहन के मालिक को प्रीमियम के तौर पर एक तय राशि का भुगतान करना होता था. लेकिन अब UBI (Usage Based Insurance) स्कीम के तहत बीमा कराने वाले कार मालिक अपनी कार के इस्तेमाल के आधार पर प्रीमियम से बची हुई अपनी राशि को प्राप्त कर सकते हैं. यूबीआई एक ऐड-ऑन कवर स्कीम है, जो एक रेगुलर मोटर इंश्योरेंस के साथ ली जा सकती है. हाल के दिनों में जब ज्यादातर कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम दिया था, तब लोग अपने मोटर वाहन का इस्तेमाल नहीं कर पा रहे थे. तब भी लोग इंश्योरेंस कंपनियों को प्रीमियम के तौर पर एक मोटी रकम का भुगतान कर रहे थे. लेकिन अब इस यूबीआई के तहत जितना इस्तेमाल उतना भुगतान किया जाएगा. इससे न सिर्फ आप की जेब पर पड़ने वाला खर्च कम होगा, बल्कि आने वाले दिनों में यह इंश्योरेंस सेक्टर में बड़े बदलाव की वजह बन सकता है.