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Under Pradhan Mantri Shram Yogi Maan-dhan scheme, the amount of monthly contribution is based on age and has to be paid till age 60.
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वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को अंतरिम बजट पेश किया. इस बजट में अनऑर्गेनाइज्ड सेक्टर में काम कर रहे लोगों के लिए एक मेगा पेंशन योजना प्रधान मंत्री श्रम-योगी मानधन (PMSYM) की घोषणा की गई. पीएमएसवाईएम से पहले भी नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) और अटल पेंशन योजना (APY) लोगों के लिए उपलब्ध हैं. इसमें से एनपीएस कांट्रीब्यूशन पेंशन प्लान है जबकि एपीवाई और पीएमएसवाईएम दोनों बेनेफिट पेंशन प्लान्स हैं. इन पेंशन प्लान में सबसे बड़ा अंतर यह है कि एपीवाई और पीएमएसवाईएम और एपीवाई दोनों में फिक्स्ड पेंशन का प्रावधान है जबकि एनपीएस मार्केट लिंक्ड पेंशन प्लान और पेंशन की राशि सेविंग पर निर्भर करती है. आइए इन तीनों प्रमुख पेंशन योजनाओं की पूरी जानकारी लेते हैं.
प्रधान मंत्री श्रम-योगी मानधन (PMSYM)
यह योजना अनऑर्गेनाइज्ड सेक्टर के कामगारों के लिए लाया गया है जिनकी सैलरी 15 हजार रुपये प्रति माह से कम है. इसके तहत उन्हें 60 वर्ष की उम्र पूरी होने तक हर माह छोटी सी राशि का अंशदान करना होगी. 60 वर्ष की उम्र पूरी होने तक उन्हें हर महीने 3 हजार रुपये प्रति माह पेंशन के तौर पर दिए जाएंगे. 29 वर्ष की उम्र में इस योजना से जुड़ने पर कामगारों को हर महीने 100 रुपये का अंशदान करना होगा. अगर 18 वर्ष की उम्र में ही इस योजना से जुड़ जाते हैं तो हर महीने महज 55 रुपये का ही अंशदान करना होगा. केंद्र सरकार भी हर महीने उतनी ही राशि का अंशदान करेगी.
अटल पेंशन योजना (APY)
यह योजना भी अनऑर्गेनाइज्ड सेक्टर के कामगारों के लिए है. इसके तहत 60 साल की उम्र पूरी होने पर हर महीने न्यूनतम 1000 रुपये, 2000 रुपये, 3000 रुपये, 4000 रुपये और 5000 रुपये का गारंटेड पेंशन देने का प्रावधान है. पेंशन की राशि योजना में कांट्रीब्यूशन राशि पर निर्भर करती है. 5 हजार रुपये का मासिक पेंशन पाने के लिए सब्सक्राइबर्स को योजना में शामिल होने के समय अपनी उम्र के मुताबिक 210 रुपये से लेकर 1454 रुपये 60 साल की उम्र तक हर महीना जमा करना होगा. सब्सक्राइबर्स की मृत्यु होने पर पेंशन की राशि उसके पति या पत्नी या नामिनी को मिलती है.
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS)
एनपीएस एक वाल्युंटरी डिफाइन्ड कांट्रिब्यूशन रिटायरमेंट सेविंग स्कीम है. इसमें ग्रोथ के अलावा पेंशन राशि भी निश्चित नहीं होती. सब्सक्राइब्रस के कांट्रीब्यूशन्स को इक्विटी या डेब्ट या दोनों में निवेश किया जाता है. इसके सब्सक्राइबर्स को 60 साल पूरा होने पर कितनी राशि पेंशन के तौर पर मिलेगी, यह बाजार पर निर्भर करेगा. अनऑर्गेनाइज्ड सेक्टर के लोगों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने एनपीएस-लाइट भी शुरू किया है.
(लेख सुनील धवन ने लिखा है.)