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पेरेंट्स के लिए यह जरूरी है कि वे अपने बच्चे के भविष्य को ध्यान में रखते हुए जल्दी निवेश शुरू करें.
Child Education Plan: भारत में पढ़ाई-लिखाई का खर्च लगातार बढ़ता जा रहा है. हायर एजुकेशन की लागत और इसके संबंधित अन्य लागतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी माता-पिता के लिए चिंता का सबब बन रही है. इसे ध्यान में रखते हुए पेरेंट्स के लिए यह जरूरी है कि वे जल्दी निवेश शुरू करें, भले ही निवेश की शुरुआत छोटी रकम से हो. कई माता-पिता अपने बच्चे की भविष्य के लिए सोने में निवेश करते हैं या अचल संपत्ति खरीदते हैं. लेकिन यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि उस संपत्ति को समय आने पर लिक्विड किया जा सके और उसका इस्तेमाल किया जा सके. पोर्टफोलियो की एक बड़ी राशि लिक्विड एसेट फॉर्म में होनी चाहिए. अपने बच्चे की शिक्षा के लिए निवेश कहां करना है और निवेश को कैसे आगे बढ़ाना है, यह तय करने से पहले, कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है.
शिक्षा की लागत को कैलकुलेट करें
अगर मोटा-मोटा अनुमान भी लगाया जाए तो शिक्षा में महंगाई दर करीब 10-12 फीसदी है. अगर इन्फ्लेशन का अनुमान लगभग 6% है, तो वर्तमान में 12 लाख रुपये की लागत वाले एमबीए कोर्स की 21 साल बाद लागत लगभग 37 लाख रुपये होगी. इसी तरह एक इंजीनियरिंग कोर्स, जिसकी लागत वर्तमान में 6-7 लाख रुपये है, वह 16 साल बाद 15-16 लाख रुपये तक पहुंच सकती है. इसे ध्यान में रखते हुए पेरेंट्स के पास एक स्पष्ट वित्तीय लक्ष्य होना और इसी आधार पर निवेश किया जाना चाहिए. अपने बच्चे की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए आप इन विकल्पों में निवेश कर सकते हैं.
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पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF)
यह लॉन्ग टर्म के निवेश विकल्पों में से एक है. इसमें निवेश की गई राशि पर आकर्षक ब्याज दर और रिटर्न मिलता है. पीपीएफ में मौजूदा ब्याज दर सालाना 7.1% चक्रवृद्धि है. इसमें आप सालाना 1 लाख रुपये निवेश कर सकते हैं और करीब 15 साल में आपको लगभग 31 लाख रुपये की रकम मिलेगी. यह सबसे सुरक्षित निवेश विकल्पों में से एक है क्योंकि यह सरकार द्वारा चलाई जाने वाली स्कीम है. इसका लॉक-इन पीरियड 15 साल है. यह अकाउंट प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये के निवेश की अनुमति देता है.
सुकन्या समृद्धि योजना
इस स्कीम को सरकार द्वारा साल 2014 में लॉन्च किया गया था. यह स्कीम 10 साल से कम उम्र की बेटियों के लिए है. इस योजना में निवेश करने के लिए एक वर्ष में न्यूनतम राशि 1,000 रुपये और अधिकतम 1.5 लाख रुपये है. इसकी मौजूदा ब्याज दर 7.6% सालाना चक्रवृद्धि है. भुगतान की अवधि 15 वर्ष है वहीं खाते की परिपक्वता अवधि 21 वर्ष है.
म्यूचुअल फंड
आप अपने बच्चे की भविष्य को ध्यान में रखते हुए म्यूचुअल फंड में भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड में आप अलग-अलग ऐसेट क्लास में निवेश कर सकते हैं और इसे एक्सपर्ट्स के द्वारा मैनेज किया जाता है. लंबी अवधि के लिए इक्विटी फंड में निवेश को बेहतर माना जाता है. इसमें आप अपनी जोखिम उठाने की क्षमता के आधार पर लार्ज कैप, मल्टी कैप, मिड कैप या स्मॉल कैप में निवेश कर सकते है. इक्विटी और फिक्स्ड इनकम दोनों में निवेश करने वाले हाइब्रिड फंड को बच्चे की शिक्षा के उद्देश्य के लिए बेहतर माना जाता है.
इसमें आप अगर किसी समय में अपना पैसा वापस निकालना चाहते हैं तो आप डेट फंड में स्विच कर सकते हैं ताकि जरूरी समय पर आवश्यक राशि बाजार के उतार-चढ़ाव से प्रभावित न हो. आप 500 रुपये के साथ एक सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान की शुरूआत भी कर सकते हैं. सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के ज़रिए आप एक नियमित अंतराल में निश्चित रकम निवेश कर सकते हैं और इस तरह एक बड़ा फंड जनरेट कर सकते हैं.
इस बात का ध्यान रखें कि इमरजेंसी की स्थिति में भी आप बच्चे की शिक्षा राशि का इस्तेमाल ना करें. आप किसी भी तरह की मेडिकल इमरजेंसी के लिए इंश्योरेंस प्लान खरीद सकते हैं, ताकि पैसै की जरूरत होने पर बच्चे की शिक्षा राशि के इस्तेमाल की नौबत ना आए.
(लेखक Ritu Wadhwa एमिटी बिजनेस स्कूल में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं.)