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Lockdown: 5 साल पूरे होने से कुछ दिन पहले ही चली गई नौकरी, क्या ग्रेच्युटी के रहेंगे हकदार? एक्सपर्ट का जवाब

कोविड-19 (COVID-19) संकट में कई कंपनियों को अपने कर्मचारियों के वेतन में कटौती करनी पड़ी है तो कइयों ने छंटनी का भी सहारा लिया है.

कोविड-19 (COVID-19) संकट में कई कंपनियों को अपने कर्मचारियों के वेतन में कटौती करनी पड़ी है तो कइयों ने छंटनी का भी सहारा लिया है.

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Ritika Singh
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What happen if Employee is laid off with 3 months to go for completing 5 years, will he eligible to get gratuity amount

Image: PTI

What happen if Employee is laid off with 3 months to go for completing 5 years, will he eligible to get gratuity amount Image: PTI

कोविड-19 (COVID-19) संकट में कामकाज ठप रहने से कई कंपनियों के सामने लिक्विडिटी संकट उत्पन्न हो गया है. इसकी वजह से कई कंपनियों को अपने कर्मचारियों के वेतन में कटौती करनी पड़ी है तो कई ने छंटनी का भी सहारा लिया है. सभी जानते हैं कि अगर कोई कर्मचारी किसी कंपनी में लगातार 5 साल नौकरी कर लेता है तो वह ग्रेच्युटी पाने का हकदार है. लेकिन क्या हो अगर किसी की नौकरी के 5 साल पूरे होने में केवल 3 महीने रह गए हों और कंपनी ने उसे निकाल दिया हो. क्या ऐसी स्थिति में वह ग्रेच्युटी पाने का हकदार होगा?

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इस सवाल पर bankbazaar.com के सीईओ आदिल शेट्टी का कहना है कि वैसे तो पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी ऑफ एक्ट, 1972 के तहत कर्मचारी तभी ग्रेच्युटी पाने का हकदार है, जब उसने कंपनी में लगातार 5 साल काम किया हो. लेकिन अगर पांचवें साल में वह 240 दिन काम कर लेता है तो इसे पूरा एक साल माना जाएगा. इस तरह कर्मचारी के किसी कंपनी में कुल 4 साल 8 महीने काम कर लेने पर भी वह ग्रेच्युटी पाने का हकदार होगा.

जान लें ग्रेच्युटी के ये नियम

10 से ज्यादा इंप्लॉई वाली ऑर्गेनाइजेशन में अगर कोई कर्मचारी लगातार कम से कम 5 साल काम करता है तो वह ग्रेच्युटी पाने का हकदार है. हालांकि 5 साल लगातार काम की शर्त उस मामले में लागू नहीं होगी अगर कर्मचारी की नौकरी उसकी मृत्यु या अक्षमता की वजह से छूटी हो. कानून साफ तौर पर कहता है कि एक्सीडेंट, बीमारी, छंटनी, हड़ताल या लॉक आउट या काम की समाप्ति के चलते अगर कर्मचारी की लगातार नौकरी में व्यवधान आता है तो इसमें कर्मचारी की कोई गलती नहीं है.

पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी ऑफ एक्ट, 1972 में इन दिनों को भी कामकाजी दिनों में शामिल करने का प्रावधान है—

  • कर्मचारी पूरी सैलरी के साथ छुट्टी पर हो.
  • एक्सीडेंट के चलते कर्मचारी अस्थायी अक्षमता की वजह से काम पर न आ रहा हो.
  • महिला कर्मचारी के मामले में वह मातृत्व अवकाश पर हो.

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