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बैंक या वित्तीय संस्थान ऐसे बॉरोअर्स को लोन देना पसंद करते हैं जो आर्थिक तौर पर मजबूत होते हैं.
Pre-Approved Loan: बैंक या वित्तीय संस्थान ऐसे बॉरोअर्स को लोन देना पसंद करते हैं जो आर्थिक तौर पर मजबूत होते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि ऐसे बॉरोअर्स डिफॉल्ट नहीं करते हैं और इनके लोन चुकाने की संभावना अधिक होती है. कई बैंक लोन देने के लिए बॉरोअर्स का इंतजार नहीं करते और खुद ही आर्थिक तौर पर मजबूत बॉरोअर्स से संपर्क कर लेते हैं और उन्हें लोन ऑफर करते हैं. जब बैंक लोन देने के लिए बॉरोअर्स से खुद संपर्क करते हैं तो इसे प्री-अप्रूव्ड लोन कहा जाता है.
अब सवाल यह है कि क्या आपको इन प्री-अप्रूव्ड लोन ऑफर्स को स्वीकार करना चाहिए? आपको प्री-अप्रूव्ड लोन ऑफ़र का मूल्यांकन कैसे करना चाहिए? आइए जानते हैं.
क्या है प्री-अप्रूव्ड लोन
प्री-अप्रूव्ड लोन को लेकर अक्सर लेंडर सहमत होते हैं और एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया व लागू नियमों-शर्तों के आधार पर लोन दिया जाता है. प्री-अप्रूव्ड लोन के तहत, बैंक आमतौर पर बॉरोअर की साख के बारे में पहले से जानते हैं. उदाहरण के लिए, बैंक आपके क्रेडिट स्कोर और इनकम के बारे में जानते हैं. हालांकि, उन्हें अभी भी रि-पेमेंट कैपिसिटी व वर्तमान आय की स्थिति को वेरिफाई करने के लिए आईटीआर रिटर्न और लेटेस्ट इनकम प्रूफ जैसे कागजातों की जरूरत हो सकती है. बैंक आपको प्री-अप्रूव्ड लोन की पेशकश कर सकते हैं. उदाहरण के लिए, आपको प्री-अप्रूव्ड होम लोन, कार लोन, बाइक लोन और पर्सनल लोन का ऑफर मिल सकता है.
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प्री-अप्रूव्ड लोन ऑफर किसे मिलता है?
उन बॉरोअर्स को प्री-अप्रूव्ड लोन ऑफर मिलने की संभावना अधिक होती है जिनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होती है. कुछ प्री-अप्रूव्ड ऑफ़र सीमित समय के लिए होते हैं और एक समय के बाद समाप्त हो जाते हैं. प्री-अप्रूव्ड लोन ज्यादातर हाई क्रेडिट स्कोर, जीरो लोन डिफ़ॉल्ट हिस्ट्री, आईटीआर के अनुसार हाई इनकम वाले व्यक्तियों को दिया जाता है.
प्री-अप्रूव्ड लोन और रेगुलर लोन में अंतर
प्री-अप्रूव्ड लोन के मामले में, बैंक के पास पहले से ही बॉरोअर की योग्यता के बारे में जानकारी होती है. वहीं, रेगुलर लोन में बैंक को पहले लोन एप्लिकेशन मिलता है और फिर आवेदक की पात्रता की जांच की जाती है. जब आपको प्री-अप्रूव्ड लोन ऑफर मिलता है, तो लोन लिमिट, ब्याज दर और शुल्क का खुलासा पहले ही कर दिया जाता है. जबकि रेगुलर लोन में आवेदन करते समय लोन अमाउंट की जानकारी नहीं होती. बॉरोअर को कितना लोन मिलेगा यह उसके क्रेडिट स्कोर, उम्र, मौजूदा लोन जैसी चीजों पर निर्भर करता है. अगर आप प्री-अप्रूव्ड लोन स्वीकार नहीं करते हैं, तो यह आपके क्रेडिट स्कोर को प्रभावित नहीं करता है. लेकिन अन्य लोन के लिए अप्लाई करने से आपके स्कोर पर थोड़ा नेगेटिव असर पड़ेगा.
प्री-अप्रूव्ड लोन ऑफर्स को चेक कैसे करें?
बैंक या वित्तीय संस्थान आमतौर पर अपने कस्टमर्स को अलग-अलग तरीकों जैसे ईमेल, व्हाट्सएप मैसेज, एसएमएस और ग्राहक के मोबाइल / ऑनलाइन बैंकिंग प्लेटफॉर्म के ज़रिए आपको ऑफर की जानकारी देते हैं. इसके अलावा, बैंक की कस्टमर सपोर्ट टीम आपको कॉल भी कर सकती है. आप किसी लोन एग्रीगेटर के पास ऑनलाइन भी जा सकते हैं, जहां आपको सभी प्री-अप्रूव्ड लोन ऑफर्स एक ही जगह पर मिल सकते हैं.
क्या प्री-अप्रूव्ड लोन रिजेक्ट हो सकता है?
प्री-अप्रूव्ड होने के बावजूद लेंडर अभी भी आपका लोन रिजेक्ट कर सकता है. लोन के लिए बॉरोअर को कुछ कागजात सबमिट करने होते हैं. अगर आप तय समय में इन्हें सबमिट नहीं करते हैं, तो आपका लोन रिजेक्ट किया जा सकता है. बैंक आमतौर पर पहले से उपलब्ध जानकारी के आधार पर प्री-अप्रूव्ड लोन ऑफर करते हैं. मान लीजिए कि बैंक को पहले से उपलब्ध जानकारी और आवेदक द्वारा दी गई जानकारी में अंतर मिलता है तो इस स्थिति में भी बैंक आपका लोन रिजेक्ट कर सकता है. उदाहरण के लिए, नौकरी में हाल ही में बदलाव, क्रेडिट स्कोर में अचानक गिरावट, आर्थिक स्थिति में गिरावट, बैंक के क्राइटेरिया में बदलाव जैसी चीजों के आधार पर भी आपका लोन रिजेक्ट किया जा सकता है.
लोन ऑफर स्वीकार करने से पहले जान लें जरूरी बात
पैसों की जरूरत होने पर ही प्री-अप्रूव्ड लोन ऑफर स्वीकार करना चाहिए. कभी भी लोन फैसिलिटी का लाभ केवल इसलिए न लें क्योंकि आप इसके लिए पात्र हैं और इसे आसानी से हासिल कर सकते हैं. प्री-अप्रूव्ड लोन स्वीकार करने से पहले अलग-अलग बैंकों की ब्याज दर, टेन्योर, शुल्क और लागू नियमों व शर्तों की तुलना कर लेनी चाहिए. प्री-अप्रूव्ड लोन तभी स्वीकार करें जब आपको यह किसी अन्य बैंक के ऑफर के समान या उससे बेहतर लगे. इस दौरान धोखेबाजों से सावधान रहें. आपको एसएमएस या ईमेल के जरिए फर्जी लोन ऑफर के जरिए जाल में फंसाया जा सकता है.
(Adhil Shetty, The author is CEO, Bankbazaar.com)