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हालिया मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, IRDA ने BIMA सुगम नामक एक बीमा एक्सचेंज प्लेटफॉर्म को मंजूरी दी है.
Bima Sugam: हालिया मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, IRDA ने BIMA सुगम नामक एक बीमा एक्सचेंज प्लेटफॉर्म को मंजूरी दी है. बीमा सुगम एक वन-स्टॉप प्लेटफॉर्म होगा, जिसकी मदद से इंश्योरेंस से जुड़ी सभी जरूरतों जैसे पॉलिसी खरीदने से लेकर क्लेम सेटलमेंट तक करना आसान हो जाएगा. इस प्लेटफॉर्म पर आप कई बीमा सुविधाओं का लाभ ले सकेंगे, जिसमें शामिल है- बीमा पॉलिसी खरीदना, क्लेम सेटलमेंट, एजेंट पोर्टेबिलिटी कर सकेंगे. इसके साथ ही इसमें पॉलिसी पोर्टेबिलिटी की सुविधा भी होगी. इसमें पॉलिसीधारकों के लिए डीमैट फॉर्मेट में E-BIMA या E-IA अकाउंट होगा. यह सेफ्टी के नज़रिए से भी बेहतर होगा, क्योंकि इसमें फिजिकल डॉक्यूमेंट्स को सुरक्षित रखने की जरूरत नहीं होगी. इसमें रिन्यूअल के लिए पेपरवर्क की जरूरत नहीं होगी और यह प्रक्रिया आसान हो जाएगी.
क्लेम सेटलमेंट हो जाएगा आसान
इसमें पॉलिसीधारक और उसकी पारिवारिक बीमा पॉलिसियों को एक जगह पर एक्सेस किया जा सकेगा. इसमें एक ही जगह पर सभी जानकारियां उपलब्ध होने के कारण नॉमिनी/लाभार्थियों के लिए क्लेम सेटलमेंट आसान होगा. इससे धोखाधड़ी पर भी अंकुश लगाया जा सकता है. यह सभी बीमा जरूरतों जैसे लाइफ, हेल्थ, जनरल इंश्योरेंस जैसे मोटर, ट्रैवल आदि कैटेगरी के लिए वन स्टॉप प्लेटफॉर्म होगा. सभी को एक ही जगह पर लाने के लिए मौजूदा स्ट्रक्चर में कुछ बदलाव करने की जरूरत है. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और सब्सिडी वाले प्रीमियम पर सभी को लाइफ और हेल्थ उपलब्ध कराने के क्रम में पॉलिसीधारकों के लिए "बीमा सुगम" के तहत इसके आसपास बहुत सारे समाधान होंगे. इसका एक्सेस बीमाकर्ता, एजेंटों और बिचौलियों और कस्टमर्स के पास होगा. यह UIDAI, NSDL, CDSL के साथ लिंक होगा.
BIMA सुगम एक्सचेंज की निगरानी IRDA द्वारा की जाएगी और इसमें निम्नलिखित प्रमुख हितधारक होंगे:
प्रमुख हितधारक | Stake | Fund Infusion |
लाइफ इंश्योरेंस काउंसिल | 30% | 25 Cr. |
जनरल इंश्योरेंस काउंसिल | 30% | 25 Cr. |
ऑनलाइन PSB | 35% | 30 Cr. |
ब्रोकर्स एसोसिएशन | 5% | 3 Cr. |
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कैसे होगा इसका फायदा
- इसमें एजेंट पोर्टेबिलिटी निश्चित रूप से उन वास्तविक ग्राहकों की मदद करेगी जो सेवाएं प्राप्त करने के मामले में मौजूदा एजेंटों के साथ कठिनाइयों का सामना कर रहे हैं. यह पॉलिसीधारक या स्वयं एजेंट के स्थान में बदलाव के कारण भी हो सकता है. इससे जहां भी एजेंस शामिल होंगे, वहां पॉलिसी बिक्री के बाद की सर्विस बेहतर होगी. इसके साथ ही, ग्राहकों को बेहतर एक्सपीरियंस मिलेगा.
- मौजूदा बीमा रिपोजिटरी को सभी बीमा कंपनियों द्वारा अप्रुव्ड पर्सन के रूप में सब्सक्रिप्शन लेने के मामले में बढ़ावा मिलेगा.
- मौजूदा फिनटेक खिलाड़ी जिनके पास ट्रांजेक्शनल प्लेटफॉर्म हैं, वे इससे प्रभावित हो सकते हैं. हालांकि इस बारे में नियामक की ओर से जल्द ही पूरी घोषणा या सर्कुलर आने की उम्मीद है.
(लेखक Manju Dhake एक पर्सनल फाइनेंस एडवाइजरी फर्म, 1Finance में बीमा के वॉइस प्रेसिडेंट हैं. यहां व्यक्त विचार उनके निजी हैं.)