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आमतौर पर नई कार खरीदते समय लोग कलर, इंजन, फीचर्स और कीमत पर विचार करते हैं.
Car Insurance Portability: आमतौर पर नई कार खरीदते समय लोग कलर, इंजन, फीचर्स और कीमत पर विचार करते हैं. लेकिन इसके साथ ही कार इंश्योरेंस के बारे में भी गंभीरता के साथ विचार किया जाना जरूरी है. जल्दबाजी में कार इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने पर आपको बाद में इसका पछतावा हो सकता है. आपको बाद में यह एहसास हो सकता है कि जानकारी के अभाव में या जल्दबाजी के चलते आपने अपनी जरूरत के हिसाब से सही कार इंश्योरेंस पॉलिसी का चुनाव नहीं किया है. इसके अलावा, ऐसा भी हो सकता है कि आप अपनी मौजूदा इंश्योरेंस कंपनी की सेवाओं से खुश न हों. ऐसी स्थिति में आप पॉलिसी पोर्टेबिलिटी का विकल्प चुन सकते हैं.
क्या है पॉलिसी पोर्टेबिलिटी
पॉलिसी पोर्टेबिलिटी का मतलब है अलग-अलग कार बीमाकर्ताओं के बीच स्विच करना. पॉलिसी पोर्टेबिलिटी का कॉन्सेप्ट सिम पोर्टेबिलिटी के समान काम करता है. इस सुविधा के ज़रिए अगर आप अपने कार इंश्योरेंस बीमाकर्ता से परेशान हैं तो आपको किसी अन्य इंश्योरेंस कंपनी के पास स्विच करने में मदद मिलेगी. जब भी आप कोई पॉलिसी खरीदते हैं, तो याद रखें कि यह आप पर उसी कंपनी के साथ बने रहने की बाध्यता नहीं है. कार इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी के साथ, पॉलिसीधारक के पास पॉलिसी अवधि के बीच में भी मौजूदा पॉलिसी के फीचर्स को खोए बिना दूसरी कंपनी में स्विच करने का विकल्प होता है.
पोर्टेबिलिटी की कई वजहें हो सकती हैं. आप कम प्रीमियम लागत पर समान कवरेज, बेहतर वैल्यू एडेड सर्विसेज या आसान क्लेम सेटलमेंट प्रक्रिया के लिए पॉलिसी पोर्टेबिलिटी का निर्णय ले सकते हैं. आसान शब्दों में, अगर आप अपनी वर्तमान इंश्योरेंस कंपनी से खुश नहीं हैं तो पॉलिसी पोर्टेबिलिटी का विकल्प चुन सकते हैं. यह ध्यान रखना चाहिए कि जब आप अपनी पॉलिसी को पोर्ट करते हैं, तो आपको नई कंपनी के इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू (IDV) और प्रीमियम के लिए सहमति देनी होगी. हालांकि, एक बार जब आप अपनी कार बीमा पॉलिसी को सफलतापूर्वक पोर्ट कर लेते हैं, तो आपकी पिछली पॉलिसी के लाभ, जैसे कि नो क्लेम बोनस (NCB) को नई पॉलिसी में कैरी फॉरवर्ड किया जाता है.
कार इंश्योरेंस पोर्ट करने का सबसे अच्छा समय क्या है?
कार बीमा पॉलिसी को पोर्ट करने के समय को लेकर कोई नियम नहीं है. एक्सपर्ट्स की सलाह है कि कार इंश्योरेंस रिन्यूअल के समय, यानी आपकी मौजूदा पॉलिसी की समाप्ति के 45 दिनों के भीतर स्विच करना सही होता है. इसके ज़रिए आप मौजूदा पॉलिसी जैसे नो क्लेम बोनस, नो व्हीकल इंस्पेक्शन का लाभ उठा सकते हैं.
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इन बातों का रखें ध्यान
- पॉलिसी की एक्सपायरी डेट - जैसा कि ऊपर बताया गया है, अगर आप अपनी इंश्योरेंस कंपनी को बदलना चाहते हैं, तो आपको पॉलिसी की एक्सपायरी डेट से कम से कम 45 दिन पहले प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए. कार बीमा पॉलिसी लैप्स हो जाने की स्थिति में आप नो क्लेम बोनस, नो व्हीकल इंस्पेक्शन जैसे लाभों को खो देते हैं.
- आपकी कार की मार्केट वैल्यू - आपकी कार की वैल्यू कई वजहों के चलते समय के साथ कम हो जाती है, जो आपके द्वारा भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम को प्रभावित करती है. अगर आप अपने इंश्योरेंस कंपनी को स्विच करना चाह रहे हैं, तो सुनिश्चित करें कि आप अपनी कार के वर्तमान IDV या इंश्योर्ड डिक्लेयर्ड वैल्यू की जांच करें क्योंकि इससे आपका प्रीमियम वर्तमान पॉलिसी से बदल जाएगा.
- ऑनलाइन पॉलिसी कंपैरिजन- बीमा कंपनी या पॉलिसी का चुनाव करने से पहले यह सलाह दी जाती है कि आप अपनी रिसर्च अच्छी तरह से कर लें. आप ऑनलाइन तरीके से या रिव्यू पढ़कर अलग-अलग बीमा कंपनियों द्वारा पेश किए गए प्रीमियम की तुलना कर सकते है. याद रखें कि आपने पॉलिसी पोर्ट करने का निर्णय इसलिए लिया है क्योंकि आप एक बार गलती कर चुके हैं. इसलिए दूसरी बार इसमें अधिक सावधानी बरतना जरूरी हो जाता है.
- नो क्लेम बोनस (NCB)- अगर आप पूरे एक साल या उससे अधिक समय तक क्लेम फाइल नहीं करते हैं तो बीमा कंपनी आपको नो क्लेम बोनस के साथ पुरस्कृत करती है. हर साल क्लेम नहीं करने पर आप रिन्यू के समय प्रीमियम पर छूट प्राप्त कर सकते हैं. स्विच करते समय, सुनिश्चित करें कि आपकी मौजूदा पॉलिसी से NCB बेनिफिट नई पॉलिसी में ट्रांसफर जाए.
- क्लेम सेटलमेंट रेश्यो- किसी भी इंश्योरेंस कंपनी का चुनाव करते समय उसका क्लेम सेटलमेंट रेश्यो चेक करना बेहद जरूरी है. कोई कंपनी एक साल में जितना क्लेम सेटलमेंट करती है, इससे उसके फाइनेंशियल स्टेबिलिटी का पता चलता है. किसी कंपनी का क्लेम सेटलमेंट रेश्यो जितना अधिक होता है, उसे उतना ही बेहतर माना जाता है. आपको किसी कंपनी के कम से कम पिछले पांच सालों का क्लेम सेटलमेंट रेश्यो चेक कर लेना चाहिए.