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FD Monthly Income: एफडी मंथली इनकम स्कीम में अधिकतम कितनी भी राशि जमा की जा सकती है. (pixabay)
What is FD Monthly Interest Payout: बहुत से लोग फिक्स्ड डिपॉजिट में पैसे लगाते हैं और मैच्योरिटी के बाद उन्हें मूल धन पर ब्याज जोड़कर पैसे मिल जाते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि फिक्स्ड डिपॉजिट से भी आप हर महीने कमाई कर सकते हैं. फिक्स्ड डिपॉजिट मंथली इनकम स्कीम की सुविधा स्टेट बैंक ऑफ इंडिया समेत कई प्रमुख बैंक दे रहे हैं. अगर आप भी अपने जरूरी खर्चों को पूरा करने या रखे हुए पैसों पर एक्स्ट्रा इनकम करने की सोच रहे हैं तो मंथली फिक्स्ड डिपॉजिट इनकम या मंथली इंटरेस्ट पेआउट एफडी का विकल्प चुन सकते हैं.
मंथली इंटरेस्ट पेआउट एफडी क्या है
एफडी में 2 विकल्प होते हैं. पहला विकल्प कम्युलेटिव स्कीम का है, जहां मैच्योरिटी पर में मूलधन और ब्याज दोनों जोड़कर रकम मिलती है. वहीं नॉन कम्युलेटिव स्कीम में रेगुलर पेआउट एक फिक्स इंटरवल पर किया जाता है. आवेदन करते समय ही आप मंथली, तिमाही, छमाही और सालाना पेआउट का विकल्प चुन सकते हैं. मंथली विकल्प चुनने पर हर महीने रकम खाते में आती है.
एफडी मंथली इनकम: क्या है खासियत
-एफडी मंथली इनकम स्कीम में अधिकतम कितनी भी राशि जमा की जा सकती है.
-कुछ बैंक यह योजना 10 साल जैसी लंबी अवधि के लिए यह सुविधा प्रदान करते हैं.
-अन्य मंथली इनकम योजनाओं की तुलना में यह योजना अधिक लिक्विडिटी प्रदान करती है. एक निवेशक अपनी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए एक तय फॉर्मेलिटी पूरी कर किसी भी समय अपना कैश निकाल सकता है.
-इस स्कीम को शुरू करने के लिए कोई प्रोसेसिंग फीस नहीं है.
-बाजार में उतार-चढ़ाव के बावजूद निवेशकों को तय ब्याज के हिसाब से मंथली रिटर्न मिलता है, यानी यह पूरी तरह से सुरक्षित है.
-बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट मंथली इनकम स्कीम में नॉमिनेशन की सुविधा देते हैं.
-फिक्स्ड डिपॉजिट मंथली इनकम स्कीम पर लोन की भी सुविधा होती है. अपनी जमा पर निवेशक लोन ले सकते हैं.
वरिष्ठ नागरिकों के लिए बेहतर विकल्प
फिक्स्ड डिपॉजिट मंथली इनकम सीनियर सिटीजंस के लिए बेहतर विकल्प है जो अपनी जमा पूंजी को सुरक्षित रखते हुए उस पर मंथली इनकम कर सकते हैं. सीनियर सिटीजंस को एफडी पर ब्याज भी सामान्य एफडी की तुलना में 50 बेसिस प्वॉइंट अधिक मिलता है. इसमें जो ब्याज सालाना बनता है, उसे 12 महीनों में डिवाइड कर हर महीने अकाउंट में भेज दिया जाता है. आमतौर पर नॉन कम्युलेटिव स्कीम भी 12 महीने से 60 महीने के लिए होती है. मैच्योरिटी पीरियड खत्म होने पर मूलधन आपको वापस मिल जाता है. आप इस स्कीम को फिर आगे के लिए शुरू कर सकते हैं.
टैक्स के क्या हैं नियम
अगर आप टैक्स सेवर फिक्स्ड डिपॉजिट खाते में निवेश करते हैं तो एक वित्त वर्ष में इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सी के तहत 1,50,000 रुपये तक की रकम पर टैक्स छूट का लाभ उठा सकते हैं. अगर किसी वित्त वर्ष में मंथली इनकम या रिटर्न 40,000 रुपये से अधिक है तो बैंक 10% टीडीएस काटता है. सीनियर सिटीजंस के मामले में यह रकम 50,000 रुपये है. अगर जमाकर्ता के पास कोई पैन कार्ड नहीं है तो बैंक 20% टीडीएस कटेगा.