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ग्रेच्युटी की गणना एक तय फॉर्मूले के आधार पर होती है.
Gratuity Calculation and Formula: केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के ग्रेच्युटी भुगतान के नियमों में बड़ा बदलाव किया है. नए बदलाव के अनुसार, निश्चित अवधि (फिक्स्ड टर्म) वाले कर्मचारियों के लिए ग्रेच्युटी के भुगतान का प्रावधान किया गया है और इसके लिए न्यूनतम सेवा अवधि की कोई शर्त नहीं होगी. पहली बार, एक निश्चित अवधि वाला कर्मचारी जो एक निर्धारित अवधि के लिए काम कर रहा है, उसे एक नियमित कर्मचारी की तरह सामाजिक सुरक्षा का अधिकार दिया गया है. फिक्स्ड टर्म का मतलब अनुबंध यानी कांट्रैक्ट या निश्चित अवधि के लिए काम करने वाले कर्मचारियों से है. लोकसभा में बिल को पेश करने के दौरान श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने निश्चित अवधि (फिक्स्ड टर्म) वाले रोजगार को आईआर संहिता में लाने पर कहा कि निश्चित अवधि वाले कर्मचारियों की सेवा शर्तें, वेतन, छुट्टी एवं सामाजिक सुरक्षा भी, एक नियमित कर्मचारी के समान ही होंगी. इसके अतिरिक्त निश्चित अवधि वाले कर्मचारियों को प्रो राटा ग्रेच्युटी का अधिकार भी दिया गया है.
अब यह जानना जरूरी है कि ग्रेच्युटी की रकम की गणना करने का मौजूदा फॉर्मूला क्या है. यानी किस आधार पर इसकी गणना की जाती है. दरअसल, पेमेंट ऑफ ग्रेच्युटी एक्ट, 1972 के तहत इसका लाभ उस संस्थान के हर कर्मचारी को मिलता है जहां 10 से ज्यादा कर्मचारी कार्यरत हैं. काम करते हैं. अगर कर्मचारी नौकरी बदलता है, रिटायर हो जाता है या किसी कारणवश नौकरी छोड़ देता है लेकिन वह ग्रेच्युटी के नियमों को पूरा करता है तो उसे ग्रेच्युटी का लाभ मिलता है. इसके लिए पांच साल की न्यूनतम सर्विस अनिवार्य है.
बिल के अनुसार, कर्मचारी को नौकरी के खत्म होने पर लगातार पांच साल की सर्विस देने पर ग्रेच्युटी का भुगतान किया जाएगा. यह सेवानिवृत्ति, रिटायरमेंट या इस्तीफा, दुर्घटना या बीमारी से मौत या दिव्यांगता पर होगा. हालांकि, वर्किंग जर्नलिस्ट के केस में यह पांच साल की जगह तीन साल की होगी.
ग्रेच्युटी के लिए अब नहीं करना होगा 5 साल इंतजार
ग्रेच्युटी का फॉर्मूला
मौजूदा समय में ग्रेच्युटी की गणना एक तय फॉर्मूले के आधार पर होती है. इसमें मानक तय किए गए हैं. इसका कैलकुलेशन समझिए. कुल ग्रेच्युटी की रकम = (अंतिम सैलरी) x (15/26) x (कंपनी में कितने साल काम किया).
एक उदाहरण से समझिए.
मान लीजिए कि किसी कर्मचारी ने 10 साल एक ही कंपनी में काम किया. उस कर्मचारी की अंतिम सैलरी 50,000 रुपये (बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ता मिलाकर) है. यहां महीने में 26 दिन ही काउंट किया जाता है, क्योंकि माना जाता है कि 4 दिन छुट्टी होती है. वहीं एक साल में 15 दिन के आधार पर ग्रेच्यु​टी का कैलकुलेशन होता है.
कुल ग्रेच्युटी की रकम = (50,000) x (15/26) x (5)= 1,44,230
ग्रेच्युटी है क्या?
किसी कंपनी में यदि कोई कर्मचारी लंबे समय तक काम करता है तो उसको सैलरी, पेंशन और प्रोविडेंट फंड के अलावा ग्रेच्युटी मिलती है. ग्रेच्युटी किसी कर्मचारी को कंपनी की ओर से मिलने वाला एक सम्मान है. कुछ तय शर्तों को पूरा करने वाला कर्मचारी इस रिवार्ड को पाने का हकदार हो जाता है. आमतौ पर कंपनी ग्रेच्युटी का छोटा हिस्सा कर्मचारी की सैलरी से काटती है लेकिन बड़ा हिस्सा कंपनी की तरफ से दिया जाता है.
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