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इंश्योरेंस खरीदने से पहले जान लें 'सम एश्योर्ड' और 'सम एंश्योर्ड' का मतलब, भविष्य में नहीं रहेगी कोई गफलत

इंश्योरेंस लेने वाले हर शख्स को इन टर्म्स के अर्थ की स्पष्ट जानकारी होनी चाहिए ताकि आगे चलकर कोई कन्फ्यूजन न रहे.

इंश्योरेंस लेने वाले हर शख्स को इन टर्म्स के अर्थ की स्पष्ट जानकारी होनी चाहिए ताकि आगे चलकर कोई कन्फ्यूजन न रहे.

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what is sum assured and sum insured in insurance policy, difference between sum assured and sum insured

what is sum assured and sum insured in insurance policy, difference between sum assured and sum insured ये दोनों टर्म सुनने में भले ही एक जैसे लगें लेकिन सैद्धांतिक रूप से दोनों के अर्थ में काफी अंतर है.

इंश्योरेंस यानी बीमा के मामले में आपने अक्सर दो टर्म 'सम एश्योर्ड' और 'सम इंश्योर्ड' सुने होंगे. ये दोनों टर्म सुनने में भले ही एक जैसे लगें लेकिन सैद्धांतिक रूप से दोनों के अर्थ में काफी अंतर है. सम एश्योर्ड (बीमित राशि) आपको होने वाले लाभ के बारे में बताता है, वहीं सम इंश्योर्ड (बीमाकृत राशि) बीमाकृत नुकसान की क्षतिपूर्ति से जुड़ा है. इंश्योरेंस लेने वाले हर शख्स को इन टर्म्स के अर्थ की स्पष्ट जानकारी होनी चाहिए ताकि आगे चलकर कोई कन्फ्यूजन न रहे.

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सम एश्योर्ड

सम एश्योर्ड, इंश्योरेंस लेने वाले और देने वाले के मध्य पहले से तय लाभ है. यह राशि पॉलिसी लेते समय ही तय हो जाती है. इसके पॉलिसी लेने से पहले तय किए गए अमाउंट में ही ​मिलने की पूरी गारंटी होती है. यह आमतौर पर लाइफ इंश्योरेंस यानी जीवन बीमा से जुड़ा है. जीवन बीमा पॉलिसी में बीमाकर्ता, पॉलिसी टर्म के दौरान बीमा लेने वाले व्यक्ति की मृत्यु की स्थिति में नॉमिनी को पूर्व निर्धारित राशि भुगतान करने का वादा करता है. इसे ही सम एश्योर्ड कहा जाता है. मैच्योरिटी बेनिफिट वाली लाइफ इंश्यारेंस पॉलिसी में पॉलिसी की अवधि के खत्म होने पर बोनस के साथ सम एश्योर्ड पॉलिसीधारक को वापस किया जाता है.

सम इंश्योर्ड

सम इंश्योर्ड क्षतिपूर्ति के सिद्धांत पर आधारित है. क्षतिपूर्ति या हर्जाने से अभिप्राय इंश्योरेंस लेने वाले के चोटिल/बीमार होने या उसकी किसी संपत्ति मसलन व्हीकल, प्रॉपर्टी, महंगा सामान आदि को नुकसान/चोरी की स्थिति में उस राशि की पूर्ति करना है. गैर-जीवन बीमा पॉलिसी जैसे हेल्थ, मोटर आदि बीमा पॉलिसी क्षतिपूर्ति के आधार पर काम करती हैं और इसमें इंश्योरेंस लेने वाले को हुए नुकसान को कवर किया जाता है. इसे ही सम इंश्योर्ड कहते हैं. उदाहरण के लिए एक स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में किसी को एक लाख रुपये का सम इंश्योर्ड किया गया है. यानी अगर इंश्योरेंस लेने वाला व्यक्ति बीमार होकर अस्पताल में भर्ती होता है तो उसका 1 लाख रुपये तक का खर्च इंश्योरेंस कंपनी उठाएगी. सम इंश्योर्ड मॉनेटरी बेनिफिट नहीं है, यह इंश्योरेंस लेने वाले को खर्च का मुआवजा है. खर्च सम इंश्योर्ड से अधिक होने पर बाकी का खर्च इंश्योरेंस लेने वाले को वहन करना होता है.

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कुछ पॉलिसी में दोनों फायदे

सम एश्योर्ड और सम इंश्योर्ड दोनों के मामले में एक बात समान है और वह यह कि सम एश्योर्ड और सम इंश्योर्ड जितना अधिक होगा, इंश्योरेंस का प्रीमियम उतना ही अधिक होगा. कई ऐसी इंश्योरेंस पॉलिसी भी हैं, जो सम एश्योर्ड और सम इंश्योर्ड दोनों तरह के लाभ प्रदान करती हैं. उदाहरण के लिए कुछ इंश्यारेंस कंपनियों ने ऐसी पॉलिसी देना शुरू किया है, जो मेडिकल ​खर्च तो कवर करती ही हैं साथ ही प्रीडिफाइंड बेनिफिट भी देती हैं. यह बेनिफिट, पॉलिसी में पहले से उल्लिखित मेडिकल ईवेंट घटित होने पर मिलता है. इस प्रकार के ड्युअल बेनिफिट प्लान की पेशकश लाइफ इंश्योरेंस और नॉन लाइफ इंश्योरेंस दोनों तरह की कंपनियां करती हैं.

Source: policybazaar.com