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लंबे समय के लिए जीरो कूपन बांड्स में निवेश फायदेमंद है.
Zero Coupan Bonds: जीरो कूपन बांड्स को अधिकतर 'जीरो' भी कहते हैं क्योंकि इन बांड्स पर किसी कूपन (ब्याज) का भुगतान नहीं होता है. हालांकि इसके बावजूद जीरो कूपन बांड्स में निवेश आकर्षक माना जाता है. इसकी सबसे बड़ी वजह है कि यह हमेशा डिस्काउंट पर इशू होता है. इसका मतलब हुआ कि इसमें निवेश के लिए हमेशा निवेशकों को फेस वैल्यू से कम से कम पे करना होता है. मेच्योरिटी से पहले ये बांड डिस्काउंट पर ही ट्रेड होते हैं, प्रीमियम पर कभी नहीं.
लंबी अवधि के निवेशक जैसे कि पेंशन फंड्स और इंश्योरेंस कंपनियां जीरो कंपनियां जीरो कूपन बांड को खरीदकर और मेच्योरिटी तक उसे होल्ड करके किसी रेट ऑफ रिटर्न के लिए लॉक इन कर सकते हैं. जीरो कूपन बांड्स में रिइंवेस्टमेंट रिस्क नहीं होता है. किसी प्लेन वनीला बांड को जीरो कूपन बांड्स के पोर्टफोलियो के रूप में माना जा सकता है जो हर छह महीने के अंतराल पर मेच्योर होता है.
कोई रिइंवेस्टमेंट रिस्क नहीं
जीरो कूपन बांड खरीदने पर निवेशकों को मेच्योरिटी तक इंतजार करना होता है. मेच्योरिटी के बाद उसे अंत में फेस वै्यू प्राप्त होती है. डिस्काउंटेड भाव पर मिले बांड और फेस वैल्यू के बीच का अंतर ही निवेशक के लिए रिटर्न है. दूसरे शब्दों में कहा जाए तो जीरो कूपन बांड निवेशक को मेच्योरिटी पर उस प्रिंसिपल अमाउंट का भुगतान करता है जो उसने निवेश किया था. इसके अलावा निवेशक को ब्याज भी मिलता है और इस ब्याज पर भी ब्याज मिलता है. इस प्रकार प्लेन वनील बांड के विपरीत जीरो कूपन बांड में निवेश को लेकर कोई रिइंवेस्टमेंट रिस्क नहीं है.
लंबे समय के लिए फायदेमंद निवेश
जीरो कूपन बांड ऐसे निवेशकों के लिए बहुत फायदेमंद है जिन्हें बाजार में उतार-चढ़ाव से डर लगता है. इस बांड में निवेश उन निवेशकों के लिए बेहतर है जो लांग टर्म निवेश के विकल्प खोज रहे हैं और चाहते हैं कि उन्हें लंप सम के रूप में रिटर्न मिले. जैसे कि कोई निवेशक भविष्य में बच्चों की शादी या विवाह के लिए एकमुश्त पैसे चाहता है तो जीरो कूपन बांड में निवेश अच्छा विकल्प हो सकता है.
छमाही दर पर तय होती होती है डिस्काउंटेड प्राइस
जीरो कूपन यील्ड्स एक सिंगल कैश फ्लो है और इसकी कीमत सालाना या छमाही ब्याज दर के आधार पर लगाई जा सकती है. आमतौर पर इस प्रकार के बांड के फेस वैल्यू की डिस्काउंट वैल्यू छमाही दर पर निर्धारित की जाती है क्योंकि निवेशकों के पास कूपन पेइंग बांड्स और जीरो कूपन बांड्स में निवेश का विकल्प होता है. इसमें से कूपन पेइंग बांड्स की डिस्काउंटर दर छमाही आधार पर तय की जाती है, इसलिए आमतौर पर जीरो कूपन बांड्स की भी डिस्काउंट प्राइस छमाही रेट पर तय की जाती है ताकि निवेशक बेहतर तरीके से तुलना कर सकें.
(Article: Sunil K. Parameswaran, CEO, Tarheel Consultancy Services)