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आपको उन तीन विकल्पों के बारे में बताते हैं जिन्हें आप पीपीएफ मैच्योर होने पर इस्तेमाल कर सकते हैं.
पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) लंबी अवधि के लिए एक बेहतर निवेश विकल्प है. PPF में निवेश न केवल सुरक्षित है, बल्कि इसमें टैक्स छूट का पूरा लाभ मिलता है. निवेशकों के लिए इसमें जोखिम नगण्य होता है. चूंकि, PPF में निवेश को पूरी तरह सरकार का संरक्षण है, इसलिए यह पूरी तरह जोखिम मुक्त है. सेल्फ इम्प्लायड प्रोफेशनल और EPFO के दायरे में नहीं आने वाले कर्मचारियों के लिए पीपीएफ निवेश का एक सबसे उपयुक्त विकल्प है. इसके अलावा, जिन लोगों के पास नौकरी या कारोबार कोई संगठित ढांचा नहीं है, वह लंबी अवधि के निवेश के लिए पीपीएफ को चुन सकते हैं.
एक और कारण जिस वजह से पीपीएफ ज्यादातर नौकरीपेशा लोगों के लिए एक बेहतर ऑप्शन हैं, उसका कारण है पीपीएफ मेच्योरिटी के बाद पूरी तरह से टैक्स फ्री है. पीपीएफ 15 साल के बाद मैच्योर होता है. अब सवाल ये उठता है कि आप पीपीएफ मैच्योर होने पर क्या करें? आपको उन तीन विकल्पों के बारे में बताते हैं जिन्हें आप पीपीएफ मैच्योर होने पर इस्तेमाल कर सकते हैं.
अकाउंट मैच्योरिटी होने पर बंद कर दें
पीपीएफ अकाउंट में लगातार ब्याज का भुगतान नहीं किया जाता है, मगर ये आपके पीपीएफ अकाउंट में जुड़ता रहता है. जब आप पैसा निकालते हैं तो आपको मूल और ब्याज मिलता है, मगर इस रकम पर आपका कोई टैक्स नहीं लगता है. राशि को अपने सेविंग्स अकाउंट में ट्रांसफर करने के लिए आपको बैंक या पोस्ट ऑफिस में फॉर्म सब्मिट करना होगा जिसमें पीपीएफ और सेविंग्स अकाउंट की डिटेल होगी. साइन किए गए फॉर्म के साथ ऑरिजनल पासबुक और कैंसल चेक भी जमा करना है.
अकाउंट पैसे जमाकर बढ़ा सकते हैं
याद रहे अगर पीपीएफ मैच्यौर होने के बाद आप अपना अकाउंट बढ़ाना हो तो आपको फॉर्म एच भरना होगा. ध्यान रहे पीपीएफ अकाउंट बढ़ाने के लिए आपको साल भर के भीतर फॉर्म एच भरके देना होगा. यह पांच साल की अवधि के लिए होता है और आप इसे अपने मुताबिक कितनी भी बार कर सकते हैं.
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बिना नए कांट्रीब्यूशन जारी रखना
पीपीएफ में ये विकल्प डिफॉल्ट है. अगर आप पीपीएफ मैच्योर होने के बाद उसे नहीं निकालते हैं या कोई और विकल्प नहीं चुनते है तो खुद ब खुद आपका आपकी पीपीएफ मैच्योरिटी तारीख पांच सालों के लिए बढ़ जाती है. आप चाहें तो पीपीएफ मैच्योरिटी एक्टेशंन इच्छा अनुरुप भी ले सकते हैं. इसके लिए किसी कागजी काम की जरूरत नहीं है.