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इस साल के अंत तक गोल्ड के भाव में प्रति दस ग्राम 1 हजार रुपये तक की गिरावट संभव है.
सोने के प्रति आकर्षण लंबे समय से रहा है. दुनिया भर में लोग गोल्ड में निवेश करते रहे हैं. इसे निवेश का सुरक्षित माध्यम माना जाता है. अगस्त में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचने के बाद इस समय सोने के भाव में बहुत गिरावट आई है. इस साल अगस्त में दस ग्राम सोने के भाव ने 56 हजार के स्तर को पार किया था जो इस समय 48 हजार के आस-पास चल रहा है. ऐसे में निवेशकों के मन में आशंका बनी हुई है कि गोल्ड में निवेश के लिए यह सही समय है या अभी कुछ समय और इंतजार करना चाहिए.
एक अनुमान के मुताबिक अभी सोने में एक महीने के भीतर प्रति दस ग्राम एक हजार रुपये तक की गिरावट देखने को मिल सकता है. निवेश के लिए एक गोल्डेन फॉर्मूला यह है कि सस्ते में खरीदो और महंगा होने पर बेचो, इस फॉर्मूले के हिसाब से देखते हैं कि सोने में निवेश का सही समय क्या है
बढ़ती इकोनॉमिक गतिविधियों से गोल्ड में गिरावट
कोरोना महामारी के कारण दुनिया भर में इकोनॉमिक गतिविधियों में गिरावट आई थी. कमोडिटी मामलों के जानकार डॉ रवि सिंह का कहना है कि अब धीरे-धीरे स्थितियां सुधर रही हैं. इस वजह से लोगों की उम्मीद बढ़ रही हैं और म्यूचुअल फंड और एसआईपी जैसे विकल्पों में निवेश बढ़ रहा है. ऐसे में इक्विटी बाजार में तेजी देखने को मिल रही है और गोल्ड में गिरावट दिख रहा है.
कोरोना वैक्सीन आने की खबर ने गिराए भाव
पूरी दुनिया में कोरोना महामारी के कारण आर्थिक अनिश्चितता का माहौल बना और लोगों ने सुरक्षित निवेश के तौर पर गोल्ड में निवेश बढ़ाया. हालांकि अब वैक्सीन आने की खबर से लोगों के बीच स्थिर इकोनॉमी का माहौल बन रहा है और नतीजतन गोल्ड से इतर इक्विटी मार्केट की तरफ निवेश बढ़ा.
शादियों में डिमांड कम होने के कारण गिरावट
शादियों के सत्र में गोल्ड की डिमांड बढ़ जाती है क्योंकि हमारे यहां शादियों में सोने के गहने देने की परंपरा रही है. हालांकि इस बार कोरोना महामारी के कारण सोने के गहने की डिमांड हो रही है. इसकी एक वजह आर्थिक भी है और दूसरी वजह संक्रमण है. सोने के गहन की खपत कम होने के कारण गोल्ड की बिक्री कम हुई और इसके भाव को सहारा नहीं मिली.
अमेरिकी चुनाव के बाद गोल्ड प्रॉफिट बुकिंग
इस साल अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव के कारण एक अनिश्चितता का माहौल बना हुआ था. ऐसे में लोगों ने गोल्ड में निवेश बढ़ाया क्योंकि इसे सुरक्षित निवेश माना जाता है. अमेरिकी चुनाव के परिणाम आने के बाद लोगों ने प्रॉफिट बुकिंग शुरू किया और नतीजतन गोल्ड के भाव में गिरावट देखने को मिला. इसके अलावा एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी एंड रिसर्च) अनुज गुप्ता ने बताया कि अमेरिकी बांड यील्ड बढ़ गई है, इस कारण लोग बांड में निवेश के प्रति आकर्षित हुए हैं और गोल्ड के भाव में गिरावट आई.
एक माह में 1 हजार तक की गिरावट संभव
एक्सपर्ट का मानना है कि जिस तरह से बाजार में इकोनॉमिक एक्टिविटीज बढ़ रही हैं, उससे यही प्रतीत हो रहा है कि इस परिस्थिति में साल के अंत तक प्रति दस ग्राम गोल्ड का भाव 47 हजार तक का स्तर दिखा सकता है. हालांकि अगर किसी भी वजह से वैक्सीन आने में और देरी होती है तो इसके भाव में एक बार फिर तेजी देखने को मिल सकती है.