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होम लोन के लिए सभी ग्राहकों से एक समान दर पर ब्याज नहीं लिया जाता है. बैंक कई फैक्टर्स को ध्यान में रखकर इसकी दरें तय करते हैं.
Cheapest Home Loan: अपना एक घर होना लगभग हर किसी का सपना होता है. इस सपनो को पूरा करने के लिए कुछ लोग जिंदगी भर पाई-पाई जोड़ते हैं. वहीं कुछ लोग जल्द से जल्द इस सपने को पूरा करने के लिए दोस्तों से कर्ज लेते हैं या किसी बैंक से लोन लेते हैं. घर खरीदने के लिए बैंक से लोन लेना आसान है और इस समय यह बेहतर विकल्प बन गया है क्योंकि 7 फीसदी से भी कम दर पर लोन पा सकते हैं. फेस्टिव सीजन आने वाला है तो ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए बैंक आकर्षक ऑफर भी दे रहे हैं. बैंकों के अलावा हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां भी बैंकों को कम दरों पर लोन उपलब्ध करा रहे हैं. एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस समेत देश के पांच हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों से 8 फीसदी सालाना से कम की दर पर लोन पा सकते हैं. एलआईसी हाउसिंग फाइनेंस 6.9 फीसदी की दर से कर्ज ऑफर कर रहा है.
Kotak Mahindra Bank में 6.65% की दर से होम लोन
देश में सबसे सस्ती दरों पर होम लोन कोटक महिंद्रा बैंक उपलब्ध करा रहा है. कोटक महिंद्रा बैंक 6.65 फीसदी सालाना की दर से होम लोन दे रहा है, हालांकि घर खरीदारों को 0.50 फीसदी की प्रोसेसिंग फीस भी चुकानी होगी. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 6.8 फीसदी की दर से कर्ज ऑफर कर रहा है और कोई प्रोसेसिंग फीस भी नहीं है.
होम लोन कस्टमर्स के लिए SBI का आकर्षक ऑफर
देश का सबसे बड़ा बैंक एसबीआई 30 लाख रुपये तक का होम लोन न्यूनतम 6.9 फीसदी और 30 लाख रुपये से अधिक का होम लोन न्यूनतम 7 फीसदी की दर से दे रहा है. योनो ऐप के जरिए लोन के लिए आवेदन करने पर 0.05 फीसदी (5 बीपीएस) की अतिरिक्त छूट मिलेगी. इसके अलावा देश के 8 शहरों में बैंक 3 करोड़ रुपये तक के कर्ज के लिए ब्याज दरों में 0.2 फीसदी (20 बीपीएस) की छूट दे रहा है और यह छूट शेष स्थानों के लिए 30 लाख से 2 करोड़ रुपये तक के लोन के लिए उपलब्ध है. 75 लाख रुपये से अधिक के होम लोन पर 25 बेसिस प्वाइंट (0.25 फीसदी) की छूट मिलेगी. हालांकि एक बात का ध्यान रहे कि ब्याज दरों में छूट क्रेडिट स्कोर से लिंक्ड है.
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इन चीजों से तय होती हैं होम लोन की ब्याज दर
होम लोन के लिए सभी ग्राहकों से एक समान दर पर ब्याज नहीं लिया जाता है. बैंक इसके लिए खास क्राइटेरिया अपनाता है. होम लोन की दर आय, क्रेडिट स्कोर, प्रॉपर्टी की लोकेशन, लोन राशि, लोन का प्रकार, लोन अवधि, रोजगार की स्थिति, प्रोमो ऑफर्स पर निर्भर करती है.
- आय: स्थाई और अधिक आय होने पर बैंक यह मानकर चलेगा कि आप लोन अफोर्ड करने में सक्षम हैं और कम दर पर ब्याज लिया जाएगा.
- क्रेडिट स्कोर: लोन के लिए आवेदन करते समय जब इसकी स्क्रूटनी होती है तो क्रेडिट रिपोर्ट पर भी ध्यान दिया जाता है. अगर क्रेडिट स्कोर अधिक है तो लोन एप्लीकेशन के पास होने के चांसेज बढ़ते हैं और आप ब्याज दरों को लेकर नेगोशिएट भी कर सकते हैं.
- प्रॉपर्टी की लोकेशन: जिस प्रॉपर्टी के लिए लोन ले रहे हैं, वह किसी प्राइस लोकेशन पर है या इसे किसी विश्वसनीय बिल्डर या एजेंसी से ले रहे हैं तो ब्याज दरों पर लगने वाले चार्जेज में राहत पा सकते हैं.
- लोन राशि: ब्याज दर लोन की राशि पर भी निर्भर करती है.
- लोन के प्रकार: आप किस प्रकार का होम लोन ले रहे हैं, इस पर भी ब्याज दरें निर्भर करती हैं. नया घर खरीदने पर स्टैंडर्ड रेट लगेगा जबकि घर में किसी सुधार इत्यादि के लिए लोन ले रहे हैं तो अधिक दरों पर कर्ज मिलेगा.
- लोन अवधि: अधिक अवधि के लोन ले रहे हैं तो ब्याज दरें कम हो सकती हैं.
- ब्याज दर के प्रकार: आमतौर पर फिक्स्ड रेट फ्लोटिंग रेट की तुलना में अधिक होती है.
- रोजगार के प्रकार: वेतन कर्मियों को कम दरों पर होम लोन मिलता है जबकि स्वरोजगार लोगों को लोन देने में अधिक रिस्क रहता है जिसके चलते इन्हें अधिक दरों पर लोन मिलता है. बैंक सैलरीड और नॉन-सैलरीड के लिए अलग स्लैब बनाते हैं.
- प्रोमो ऑफर्स: बैंक कई प्रोमो ऑफर्स भी देते हैं जिसे बिल्डर्स या एग्रीगेटर्स के साथ टाई-अप में ऑफर किया जाता है. इसके तहत भी ब्याज दरों में राहत पा सकते हैं.