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Invest Your Diwali Bonus: अगले महीने दिवाली का त्योहार है. वहीं, अगला महीना आने में अब 10 दिन ही बचे हैं. ऐसे में ज्यादातर नौकरीपेशा वालों को अपने आफिस से दिवाली बोनस का इंतजार होगा. दिवाली में सरकार जहां अपने कर्मचारियों को दिवाली बोनस देती है, वहीं आर्गनाइज्ड सेकटर में कई प्राइवेट कंपनियां भी दिवाली वाले महीने की सैलरी में बोनस देती हैं. हालांकि यह अलग अलग कंपनी और आपकी सैलरी पर निर्भर हो सकता है कि आपको कितना बानेस मिलेगा. यह आपकी मंथली सैलरी के बराबर भी हो सकती है.
फिलहाल बोनस के पैसों का आपको क्या करना है, इस बारे में आप प्लानिंग कर रहे होंगे. बहुत से लोग फेस्टिवल के दौरान शॉपिंग में इन पैसों का इस्तेमाल कर सकते हैं तो कुछ लोग किसी और तरीके से खर्च कर सकते हैं. लेकिन बेहतर यह है कि सैलरी के पैसों से ही फेस्टिवल मैनेज करें और इन पैसों का बचत करें, जिससे आपको फायदा हो. लेकिन यहां बचत का मतलब बैंक में जमा करना नहीं है. बल्कि एकमुश्त रकम मिले तो इसका और बेहतर योजनाओं में निवेश करना चाहिए, जिससे आपको बैंक की तुलना में ज्यादा फायदा हो.
लिक्विड फंड: 91 दिन के लिए
अगर आपको इस फंड की अभी जरूरत नहीं है, लेकिन आपको लगता है कि 3 महीने या 4 महीने बाद जरूरत पड़ेगी तो बेहतर है कि इसे लिक्विड फंड में निवेश करें. लिक्विड फंड डेट म्यूचुअल फंड होते हैं, जिनकी मेच्योरिटी अवधि 91 दिनों की होती है. यानी 3 महीने में आपका पैसा मेच्योर हो जाता है. 3 महीने मेच्योरिटी होने से बाजार के उतार चढ़ाव का इस पर ज्यादा असर नहीं होता है. यह इक्विटी फंड के मुकाबले सुरक्षित होते हैं, जहां लागं टर्म रिटर्न देखें तो बैंक के बचत खाते की तुलना में दोगुना हो सकता है.
लिक्विड फंडों का 1 साल का औसत रिटर्न 4.37 फीसदी है, जबकि 3 साल का औसत रिटर्न 6.01 फीसदी है. वहीं, अलग अलग स्कीम की बात करें तो 1 साल में 5.7 फीसदी तक रिटर्न मिला है. जबकि 3 साल में अलग अलग फंडों का रिटर्न 6.5 से 6.9 फीसदी तक है. साफ है कि यहां बचत खाते से तकरीबन दोगुना और बैंक एफडी के बराबर ही रिटर्न मिल रहा है.
1 साल के लिए करना है निवेश
दिवाली बोनस में मिले पैसों को अगर 1 साल के लिए कहीं निवेश करना चाहते हैं तो इसके लिए शॉर्ट ड्यूरेशन फंड और 1 साल की उफडी बेहतर विकल्प हो सकती है.
शॉर्ट ड्यूरेशन फंड: शॉर्ट ड्यूरेशन फंड भी डेट म्यूचुअल फंड होते हैं, जहां स्कीम की मेच्योरिटी अवधि 1 साल की होती है. इसमें पिछले एक साल का औसत रिटर्न देखें तो 8.96 फीसदी रहा है. वहीं अलग अलग फंड का रिटर्न देखें तो कई ऐसे फंड हैं, जिन्होंने 11 से 11.5 फीसदी रिटर्न दिया है. यह बचत खाते की तुलना में 3 गुना से ज्यादा है, जबकि एफडी से दोगुना है.
1 साल की एफडी: 1 साल के लिए अगर बचत करनी है तो फिक्स्ड डिपॉजिट भी बेहतर विकल्प है. यह बैंक या डाकघर कहीं भी की जा सकती है. हालांकि डाकघर में 1 साल की एफडी पर 5.5 फीसदी ब्याज मिल रहा है तो एसबीआई में 4.9 फीसदी. अलग अलग बैंकों में सह 5 से 5.5 फीसदी के बीच है.
3 साल के लिए: मिड ड्यूरेशन फंड
मिड ड्यूरेशन फंड भी डेट म्यूचुअल फंड हैं, जिनकी मेच्योरिटी 2 से 3 साल होती है. यहां 3 साल का औसत रिटर्न 6.33 फीसदी है तो अलग अलग फंडों ने इस दौरान 8 से 9 फीसदी तक रिटर्न दिया है.
5 साल के लिए: FD या NSC
Fixed Deposit: इसके लिए डाकघर की टाइम डिपॉजिट स्कीम बेस्ट है. टाइम डिपॉजिट स्कीम में 5 साल की जमा पर 6.7 फीसदी सालाना ब्याज है, जो किसी बड़े बैंक के मुकाबले ज्यादा है. एसबीआई, एचडीएफसी बैंक, पीएनबी, बैंक आफ बड़ौदा और आईसीआईसीआई बैंक में 5 साल की उफडी पर 5.75 फीसदी से 6.25 फीसदी सालाना तक ब्याज मिल रहा है. इसमें निवेश करने पर इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है.
NSC: नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट में निवेश किसी भी पोस्ट ऑफिस जहां पर सेविंग खाता खोलने की सुविधा उपलब्ध हो वहां से कर सकते हैं. NSC स्कीम के तहत निवेश की कुल अवधि 5 साल की है. इसके तहत खाता कम से कम 100 रुपये से खुलता है. स्कीम में आप कितना भी पैसा जमा कर सकते हैं. एनएससी पर ब्याज 6.8 फीसदी सालाना है, जो एफडी से कुछ ज्यादा है. इसमें निवेश करने पर इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है.