/financial-express-hindi/media/post_banners/FlpmKbNC3jF1Cib3CXVD.jpg)
नॉमिनी नहीं चुनने से आपकी जिंदगी भर की कमाई गलत हाथों में पड़ सकती है. (फाइल फोटो)
व्यक्ति को अपने बैंक खातों, बीमा या स्टॉक्स और संपत्ति के लिए नॉमिनी जरूर बनाना चाहिए, ताकि उसके बाद परिवार को अपनी आर्थिक जरूरतों के लिए किसी और के आगे हाथ न फैलाना पड़े. एक व्यक्ति को संपत्ति बनाने में बहुत लंबा वक्त लगता है या ये कहें कि पूरी जिंदगी लग जाती है तो यह गलत नहीं होगा. व्यक्ति इस संपत्ति को अपने परिवार या उत्तराधिकारी को विरासत के रूप देता है. लेकिन आप यह कैसे सुनिश्चित करेंगे कि आपके बाद आपकी संपत्ति सही हाथों में गई है या नहीं. इसका एक ही जवाब है नॉमिनी. नॉमिनी यानी उत्तराधिकारी जो आपके बाद आपकी संपत्ति का वारिस होगा. आप अपनी संपत्ति के लिए एक या एक से ज्यादा लोगों को नॉमिनी बना सकते हैं. उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि आपने लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी ली हुई है, जिसमें आपने किसी व्यक्ति को नॉमिनी बनाया है, जिसे आपकी मृत्यु के बाद क्लेम की राशि दी जाएगी.
ऐसे ही बैंक में डिपॉडिट, एफडी, आरडी, पीपीएफ फंड, म्यूचुअल फंड, स्टॉक में निवेश की गई राशि आपकी मृत्यु के बाद आपके नॉमिनी को मिलती है. गलत नॉमिनी चुनने से आपकी संपत्ति और पैसा दोनों ही खतरे में पड़ सकता है. आज हम आपको ये बताने वाले हैं कि नॉमिनी होना क्यों जरूरी है? और आपको नॉमिनी चुनते समय सावधानी क्यों बरतनी चाहिए?
नॉमिनी अहम क्यों हैं?
किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद नॉमिनी उसकी संपत्ति का संरक्षक होता है. व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके नॉमिनी को संपत्ति से जुड़े सभी कानूनी अधिकार मिल जाते हैं. अधिकतर मामलों में एक नॉमिनी किसी भी संपत्ति का इकलौता वारिस या उत्तराधिकारी नहीं होता है, इसलिए संपत्ति के सही वारिस के एलान तक नॉमिनी संपत्ति के गार्जियन के रूप में काम करता है. इसके साथ ही अलग-अलग प्रकार की संपत्ति और खातों के लिए एक व्यक्ति अलग-अलग नॉमिनी बना सकता है.
उदाहरण के लिए एक व्यक्ति FD, सेविंग अकाउंट, PPF, म्यूचुअल फंड, लाइफ इंश्योरेंस के लिए अलग-अलग व्यक्तियों को नॉमिनी बना सकता है. क्योंकि इंश्योरेंस पॉलिसी और म्यूचुअल फंड जैसे प्लान में आपको एक से ज्यादा व्यक्तियों को नॉमिनी बनाने का विकल्प उपलब्ध कराते हैं. इसके साथ ही शेयर के निवेश में एक से ज्यादा व्यक्तियों को नॉमिनी बनाया जा सकता है. हालांकि बैंक अकाउंट में सिर्फ एक ही व्यक्ति नॉमिनी हो सकता है.
बैंक बाजार.कॉम के जनरल काउंसल सौमी भट्ट ने कहा कि आमतौर पर बैंक अकाउंट में एक ही नॉमिनी का विकल्प दिया जाता है, लेकिन ऐसे कई अन्य निवेश हैं, जहां लोग नॉमिनी जोड़ना या नॉमिनी डिटेल को अपडेट करना ही भूल जाते हैं. नॉमिनी का चयन करते वक्त आपको यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि आपके द्वारा नॉमिनी बनाया गया व्यक्ति सही वही शख्स है, जिसे आप अपनी संपत्ति देना चाहते हैं. आमतौर पर लोग नॉमिनी बनाये जाने को ज्यादा गंभीरता से नहीं लेते हैं, लेकिन आपको यह ध्यान में रखना चाहिए कि अगर आपकी असामयिक मृत्यु हो जाती है, तो यही पैसा या संपत्ति आपके परिवार की आर्थिक जरूरतों को पूरा कर सकती है.
नॉमिनी कौन हो सकता है?
आप अपनी संपत्ति के लिए किसी भी व्यक्ति को नॉमिनी बना सकते हैं, यह नॉमिनी आपकी पत्नी, पति, दोस्त या रिश्तेदार भी हो सकता है. हालांकि नॉमिनी बनाये गए व्यक्ति को संपत्ति से जुड़े कानूनी अधिकार दिया जाना जरूरी नहीं है. अगर नॉमिनी को कानूनी अधिकार नहीं हैं, तो वह संपत्ति के लिए गार्जियन की भूमिका निभा सकता है. बैंक अकाउंट को छोड़कर आप अन्य निवेश प्लान में एक या एक से ज्यादा या फिर अलग-अलग व्यक्तियों को अपना नॉमिनी बना सकते हैं. म्यूचुअल फंड में अधिकतम तीन लोगों को नाॉमिनी बनाया जा सकता है.
नॉमिनी नहीं होने पर
नॉमिनी नहीं होने की स्थिति में आपकी संपत्ति खतरे में पड़ सकती है. खासकर उस स्थिति में जब आपने अपनी संपत्ति की वसीयत तैयार नहीं की है. नॉमिनी बनाये जाने से आपकी संपत्ति आपके सही उत्तराधिकारी को मिल जाती है, लेकिन गलत नॉमिनी चुनने या नॉमिनी नहीं बनाने से आपकी संपत्ति के दुरुपयोग होने का खतरा बढ़ जाता है.
FD की खास स्कीम पर 9% तक सालाना मिलेगा ब्याज, इस बैंक में अब ज्यादा फायदा
एंडोमेंट पॉलिसियों में व्यक्ति के असामयिक मृत्यु होने पर नॉमिनी को मैच्योरिटी राशि मिलती है. ऐसे में नॉमिनी के चयन में सावधानी बरतना और भी जरूरी हो जाता है, क्योंकि आपकी थोड़ी सी लापरवाही या असावधानी आपके कानूनी उत्तराधिकारी को एंडोमेंट पॉलिसी की मैच्योरिटी राशि प्राप्त करना चुनौतीपूर्ण बना सकता है.
सेटलमेंट के वक्त संपत्ति उस नॉमिनी को दी जाती है, जिसकी डिटेल आपने सबसे बाद में दी है. ऐसे में आपको अपने सभी निवेश स्कीमों से जुड़े नॉमिनी डिटेल को एक बार फिर से चेक कर लेना चाहिए और जरूरत के हिसाब से उसमें बदलाव करने चाहिए. आमतौर पर यह समझा जाता है कि नॉमिनी और कानूनी वारिस होना एक ही है, जबकि ये दो अलग-अलग चीजें हैं. व्यक्ति को अपनी वसीयत को तैयार रखना चाहिए, ताकि आपके बाद आपके सही उत्तराधिकारी को उसका हक़ और आपकी संपत्ति को उसका असली वारिस मिल सके.
(Article by Sanjeev Sinha)