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आइए जानते हैं कि किन वजहों से आपके लिए बजट होम खरीदना ज्यादा फायदेमंद रहेगा.
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केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने होम लोन पर अतिरिक्त टैक्स बेनेफिट को एक और साल के लिए बढ़ाने का प्रस्ताव किया है. जहां मध्य आय वाले समूह के लिए क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी को नहीं बढ़ाया गया, वहीं रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा हाल ही में किए एलानों से यह आश्वासन मिला है कि ब्याज दरें अभी नरम बनी रहेंगी. अगर आप आने वाले दिनों में अपने लिए घर खरीदने की सोच रहे हैं, तो आपको बजट होम के बारे में विचार करना चाहिए. आइए जानते हैं कि किन वजहों से आपके लिए बजट होम खरीदना ज्यादा फायदेमंद रहेगा.
टैक्स बेनेफिट्स का विस्तार
बजट होम पर अतिरिक्त टैक्स बेनेफिट मिलता है. आम तौर पर, होम लोन पर सेक्शन 80C के तहत भुगतान की गई प्रिंसिपल राशि पर 1.5 लाख रुपये तक का टैक्स डिडक्शन और सेक्शन 24B के तहत भुगतान किए गए ब्याज पर 2 लाख रुपये तक की टैक्स छूट मिलती है. 2019 के बजट में एक नये डिडक्शन का एलान किया गया और बजट 2020 में उसे 31 मार्च 2020 तक बढ़ा दिया गया. इसमें एक नए सेक्शन 80EEA के तहत योग्य घर खरीदार ब्याज के भुगतान पर और 1.5 लाख रुपये का डिडक्शन ले सकते हैं.
इस तरह अब घर खरीदार होम लोन से 5 लाख रुपये तक का डिडक्शन ले सकते हैं. 30 फीसदी की स्लैब में आने वाला व्यक्ति 1.53 लाख रुपये तक की बचत कर सकता है. इसके लिए यह जरूरी है कि व्यक्ति अपना पहला घर खरीद रहा हो, उसकी स्टैम्प ड्यूटी का मूल्य 45 लाख रुपये से ज्यादा नहीं हो. इसके अलावा व्यक्ति ने लोन वित्तीय वर्ष 2019-20 या 2020-21 में लिया हो और कार्पेट एरिया मेट्रो शहरों में 645 sq. ft और दूसरी जगहों में 968 sq. ft से ज्यादा नहीं होना चाहिए.
छोटे लोन पर कम ब्याज दर का फायदा
आपका होम लोन छोटा होने पर वह सस्ता भी होगा. ज्यादातर बैंकों और होम फाइनेंसिंग कंपनियों में होम लोन की राशि के बढ़ने पर ब्याज में भी इजाफा होता है. उदाहरण के लिए, बड़े सरकारी बैंकों में सबसे कम रेट 7.9 फीसदी का महिलाओं द्वारा 30 लाख रुपये से कम के लोन के लिए है. यह रेट 30 लाख से 75 लाख रुपये के बीच लोन के लिए बढ़कर 8.15 फीसदी या उससे ज्यादा हो जाता है. 75 लाख रुपये से ज्यादा की राशि के लिए यह 8.25 फीसदी या ज्यादा है. इस तरह, लोन पर ब्याज दर काफी नीचे बनी हुई है. इनके इस तरह बने रहने की उम्मीद है क्योंकि बैंकों ने नए रिटेल लोन पर ब्याज दरों को रेपो रेट से जोड़ कर दिया है. इससे यह आश्वासन मिला है कि RBI से ग्राहकों को रेट में कमी का फायदा मिलेगा.
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सर्किल रेट डिस्काउंट में बढ़ोतरी
कई बार, प्रॉपर्टी का कमर्शियल रेट उसके उपयुक्त सर्किल रेटसे अलग हो सकता है. पहले, अगर यह अंतर 5 फीसदी से ज्यादा होता था, तो अंतर को खरीदार और विक्रेता दोनों की आय के तौर पर माना जाता था और नियमों के मुताबिक उस पर टैक्स लगता था. लेकिन बजट में वित्त मंत्री मे इस अंतर की सीमा को बढ़ाकर 10 फीसदी करने का प्रस्ताव किया है. इससे रियल एस्टेट ट्रांजैक्शन पर टैक्स का भार कम होगा जिससे खरीदारों को प्रोत्साहन मिलेगा.
इसके अलावा देशभर में बहुत से डेवलपर सरकार की सभी लोगों को 2022 तक घर खरीदने के विजन को देखते हुए किफायती घरों का निर्माण किया है. हालांकि, हाल ही में नकदी की कमी के कारण डिमांड में बड़ी कमी आई थी जिससे डेवलपर अपनी प्रॉपर्टी को जल्द बेचना चाहते हैं. इन सब वजहों से इस समय खरीदारों के पास घर खरीदने के लिए अच्छा मौका है जिसमें वे डेवलपर के साथ दाम को लेकर बातचीत कर सकते हैं और बेहतर डील ले सकते हैं.
(By: Adhil Shetty, CEO, BankBazaar.com)