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टर्म इंश्योरेंस प्लान भारत में बेहद लोकप्रिय बन गए हैं.
टर्म इंश्योरेंस प्लान भारत में बेहद लोकप्रिय बन गए हैं. कुछ सालों पहले तक, यह ऐसा प्रोडक्ट था जिसका कोई कंपनी ग्राहकों को पूरी तरह से निवेश करने का सुझाव नहीं देती थी. लेकिन यह सब कुछ बीमा कंपनियों द्वारा लॉन्च किए गए बेहतर कीमत वाले टर्म इंश्योरेंस प्लान के साथ बदला. ग्राहक इसके महत्व को समझ रहे हैं, इसे ले रहे हैं और अब अधिकतर बीमा कंपनियां नए ग्राहकों के लिए ऑन- बोर्डिंग टूल के तौर पर टर्म इंश्योरेंस प्लान का इस्तेमाल करती हैं.
टर्म इंश्योरेंस को तुलना करने वाली साइट्स इसमें सहूलियत को जोड़ती हैं और बेहतर विकल्प को चुनने को आसान बनाती हैं. जहां इसके लिए बहुत से विकल्प हैं कि आपको इसे क्यों खरीदना चाहिए, आइए कुछ महत्वपूर्ण को जानते हैं.
आपके अपनों के लिए सबसे बेहतर सुरक्षा का रूप
आपको और आपके परिवार को वित्तीय और मानसिक सुरक्षा देने के लिए कोई दूसरा वित्तीय प्रोडक्ट मौजूद नहीं है. केवल बैंक में मौजूद कैश ही एक बेहतर विकल्प है. लेकिन उसमें हम में से अधितर लोगों के लिए बहुत समय लगता है. इसके बाद भी जीवन के महत्पूर्ण कामों में इसमें से अधिक का इस्तेमाल हो जाता है जो आते रहते हैं, जैसे- होम लोन, शिक्षा लोन, कार, बच्चे की शादी, दवाइयां, होम रेनोवेशन आदि. और यह तभी संभव है जब आपकी रिटायरमेंट की उम्र तक आय बढ़ती रहे. तो, व्यक्ति किसी बुरी घटना के लिए कैसे प्लान के. इसके लिए टर्म इंश्योरेंस प्लान लिया जा सकता है. 30 साल का व्यक्ति 1 करोड़ रुपये का कवर 30 साल की अवधि के लिए केवल 7,788 रुपये प्रति वर्ष के लिए ले सकता है.
कम उम्र में खरीदने पर काफी सस्ता
इसे कम उम्र में खरीदने पर बड़ा फर्क पड़ता है. इसके लिए 30 साल के लिए 1 करोड़ के कवर को लीजिए.
30 साल- सालाना प्रीमियम 7,788 रुपये
35 साल- सालाना प्रीमियम 9,912 रुपये
40 साल- सालाना प्रीमियम 13,216 रुपये
45 साल- सालाना प्रीमियम 17,700 रुपये
प्रीमियम मे अंतर देखा जा सकता है. जीवन में जल्दी प्लान लेकर आप काफी पैसा बचा सकते हैं.
कम प्रीमियम के अलावा कंपनियां सख्त
प्रीमियम कम होने के साथ इंश्योरेंस कंपनियां अपने उन ग्राहकों को प्लान ऑफर करने में बहुत सावधान हो गई हैं, जिन्हें वे जोखिम समझती हैं. उम्र के साथ लाइफस्टाइल बीमारियों को डेवलप करने की संभावना भी बढ़ जाती है. हमारी नौकरी और जीवन की भागदौड़ की वजह से हम उनके लिए ज्यादा संवेदनशील हो जाते हैं. एक बार कोई बीमारी होने पर बीमा कंपनियां आपको ऑनबोर्ड लेने में काफी बचेंगी. या आपका प्रीमियम भी बढ़ सकता है.
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राइडर के साथ बहुत विस्तृत कवर
जहां डेथ कवर महत्वपूर्ण है, आपको ऐसे परिदृश्य कवर करने की जरूरत है, जहां आय मौत के बिना रूक जाए. यह खर्चों को बहुत बढ़ाता है और अधिकतर मामलों में आय का पूरा नुकसान हो जाता है. गंभीर बीमारी और दु्र्घटना होने पर दिव्यांगता की स्थिति में राइडर ऐसी स्थितियों में मदद करते हैं.
(By- Deepak Yohannan, CEO, MyInsuranceClub)