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30 साल से कम की उम्र में पूरा करें अपने घर का सपना, मौजूदा समय ड्रीम होम के लिए सबसे बेहतर

कोरोना महामारी ने लोगों को अधिक सुरक्षित भविष्य के लिए बेहतर तरीके से अपने बचत और निवेश की योजना बनाने के लिए बाध्य किया है.

कोरोना महामारी ने लोगों को अधिक सुरक्षित भविष्य के लिए बेहतर तरीके से अपने बचत और निवेश की योजना बनाने के लिए बाध्य किया है.

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FE Online
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Why you should buy your dream home in your early 30s know here in details

घर जैसा फाइनेंसियल एसेट तैयार करना भविष्य की किसी भी अनिश्चितता को लेकर बेहतर सुरक्षा उपलब्ध कराता है.

कोरोना महामारी के चलते कई लोगों के रोजगार चले गए और कुछ लोग इस साल के अपने वित्तीय लक्ष्य को नहीं हासिल कर पाए. ऐसे में यह महामारी एक तरह से वेक अप कॉल की तरह है. कोरोना महामारी ने लोगों को अधिक सुरक्षित भविष्य के लिए बेहतर तरीके से अपने बचत और निवेश की योजना बनाने के लिए बाध्य किया है. ऐसे में युवा भी अब जल्द से जल्द फाइनेंसियल एसेट्स बनाने की सोच रहे हैं यानी कि वे अब रोजगार शुरू होने के कुछ ही समय में इसके बारे में सोचने लगे हैं. इसके अलावा घर से काम करने का ट्रेंड अब कई कंपनियों में स्थाई रहने वाला है तो अपना पहला घर खरीदना या वर्तमान से बड़ा घर खरीदना प्रैक्टिकल विकल्प बन चुका है. हालांकि घर खरीदना बहुत लंबी प्रक्रिया है और इसके लिए वित्तीय अनुशासन और प्रतिबद्धता की जरूरत होती है. ऐसे में कम उम्र में ही अपने घर के सपने को साकार करने के लिए जल्द से जल्द योजना बनाना शुरू कर देना सही है.

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इन कारणों से 25-30 वर्ष की उम्र में घर खरीदना बेहतर

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  • रीयल एस्टेट इंडस्ट्री इस समय पहली बार घर खरीदने वाले ग्राहकों को लुभाने के लिए कई ऑफर्स और स्कीम्स पेश कर रही हैं. इसके अलावा पहले के मुकाबले इस समय छोटे आकार के और अफोर्डेबल घर के ढेरों विकल्प मौजूद हैं.
  • अधिकतर वित्तीय संस्थान और लेंडर्स इस समय बहुत सस्ती दरों पर होम लोन दे रहे हैं. इसके अलावा बैंक कुछ ऐसे भी ऑफर भी दे रहे हैं जिससे लोन रीपेमेंट और अपने योगदान में फ्लेक्सिबिलिटी बढ़ी है. इसके चलते घर खरीदने की प्रक्रिया अधिक बेहतर हुआ है. हाल ही में स्टांप ड्यूटी में कटौती की गई और टैक्स बेनेफिट्स भी मिल रहा है जिससे घर खरीदने को लेकर आकर्षण बढ़ा है.
  • आमतौर पर रेंटल्स प्रॉपर्टी वैल्यू के करीब 2-3 फीसदी के बराबर चार्ज किया जाता है जबकि होम लोन रेट्स 7 फीसदी के करीब है. 2-3 साल पहले यह अंतर 6 फीसदी के ऊपर था. गणितीय भाषा में बात करें तो अभी भी किसी अपार्टमेंट को रेंट पर लेना प्रॉपर्टी खरीदने से बेहतर है जब प्रॉपर्टी की कीमत सालाना 5 फीसदी से कम की दर से बढ़ रही है. हालांकि अगर अपार्टमेंट की रीसेल वैल्यू मायने नहीं रखती है तो पिछले दो दशक में घर खरीदने का यह सबसे बेहतर समय है.
  • कुछ लेंडर्स अधिकतम 25 वर्षों के टेन्योर के लिए लोन उपलब्ध कराते हैं लेकिन कुछ लेंडर्स 30 साल तक का भी समय देते हैं. अधिक टेन्योर होने से हर महीने की किश्त कम हो जाएगी. अगर आप 25 वर्ष के हैं या 30 वर्ष के हैं तो लंबे समय की अवधि के लिए लोन लेने पर कम ईएमआई बनेगी और यह अफोर्डेबल रहेगा. हालांकि अधिक टेन्योर रखने पर कुल चुकाई जाने वाली राशि अधिक हो जाती है, ऐसे में यह फैसला सोच-समझकर लिया जाना चाहिए.
  • अगर एक लंबी अवधि तक रहने के लिए घर खरीदने की सोच रहे हैं तो यह देख लें कि कम ईएमआई के साथ रीपेमेंट शुरू करने का विकल्प मिल रहा है या नहीं और यह भी देख लें कि समय बढ़ने पर अपनी क्षमता के मुताबिक ईएमआई बढ़वाई जा सकती है या नहीं. इससे भविष्य की जरूरत के मुताबिक आज बड़े घर को खरीदने की सहूलियत मिलेगी.
  • अगर कोई बैंक सबवेंशन स्कीम ऑफर कर रही है तो जब तक घर का पॉसेसन नहीं मिल जाता है, ईएमआई भरने की चिंता नहीं करनी पड़ेगी. शुरुआत में यह विकल्प बहुत राहत देता है लेकिन लंबे समय तक के लिए अधिक ईएमआई चुकानी पड़ सकती है. ऐसे में घर की लागत और ईएमआई में जरूरी बैलेंस होना जरूरी है.
  • घर जैसा फाइनेंसियल एसेट तैयार करना भविष्य की किसी भी अनिश्चितता को लेकर बेहतर सुरक्षा उपलब्ध कराता है. इसके अलावा यह किराए के रूप में सेकंड इनकम भी उपलब्ध कराता है. यह युवाओं को अपने पैसे को जरूरत के हिसाब खर्च करने के लिए प्रेरित करता है यानी कि युवा अगर घर खरीदते हैं तो होम लोन की किश्त चुकाने में लगी राशि उन्हीं के भविष्य को मजबूत करेगी.

    (By Manish Shah, MD & CEO, Godrej Housing Finance)