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Women’s Day 2022: पत्नी के नाम पर करने जा रहे हैं निवेश? जानें इससे होने वाली आय पर कैसे लगता है टैक्स और क्या हैं इससे जुड़े नियम

Women’s Day 2022: टैक्स नियम कहता है कि पति द्वारा पत्नी के नाम पर किया गया कोई भी निवेश गिफ्ट माना जाएगा.

Women’s Day 2022: टैक्स नियम कहता है कि पति द्वारा पत्नी के नाम पर किया गया कोई भी निवेश गिफ्ट माना जाएगा.

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Women’s Day 2022

इस बार महिला दिवस के मौके पर अपनी पत्नी को कोई उपहार देना चाहते हैं तो उनके नाम पर निवेश करना एक बेहतर विकल्प हो सकता है.

Women’s Day 2022: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) हर साल 8 मार्च को मनाया जाता है. अगर आप इस बार महिला दिवस के मौके पर अपनी पत्नी को कोई उपहार देना चाहते हैं तो उनके नाम पर निवेश करना एक बेहतर विकल्प हो सकता है. हालांकि, इस तरह के निवेश से होने वाली आय पर किस तरह टैक्स लगता है, इसकी जानकारी आपको जरूर होनी चाहिए.

टैक्स नियम कहता है कि पति द्वारा पत्नी के नाम पर किया गया कोई भी निवेश गिफ्ट माना जाएगा. नांगिया एंडरसन इंडिया के डायरेक्टर चिराग नांगिया के अनुसार, पत्नी को इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फॉर्म की शेड्यूल EI में छूट वाली आय के रूप में निवेश की राशि का खुलासा करना होगा. उदाहरण के लिए, यदि पति ने पत्नी के नाम पर सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) में निवेश किया है, तो ब्याज आय को उसकी टोटल इनकम में आईटीआर की शेड्यूल एसपीआई में जोड़ा जाएगा. हालांकि, नांगिया के अनुसार, पत्नी को इस तरह से जमा की गई आय का खुलासा करने की आवश्यकता नहीं है.

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रिश्तेदारों से प्राप्त कैश गिफ्ट पर टैक्स

आयकर नियमों के अनुसार रिश्तेदारों से प्राप्त कैश गिफ्ट पूरी तरह टैक्स फ्री होता है. यहां यह भी बताया गया है कि रिश्तेदार के दायरे में कौन आएंगे. इसमें कहा गया है कि पति या पत्नी, भाई-बहन, पति या पत्नी के भाई या बहन. किसी व्यक्ति का वंशानुगत रिश्तेदार पति या पत्नी का कोई वंशानुगत रिश्तेदार, रिश्तेदारों के दायरे में आते हैं.

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दूसरों से कैश गिफ्ट पर टैक्स

आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 56(2)(x) के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति द्वारा प्राप्त कुल धन एक वित्तीय वर्ष के दौरान बिना किसी प्रतिफल के 50,000 रुपये से अधिक हो जाता है, तो इस पर टैक्स देना होगा. ऐसी राशि पर "अन्य स्रोतों से आय" के रूप में टैक्स लगता है.

आरएसएम इंडिया के फाउंडर डॉ सुरेश सुराणा के मुताबिक अगर एक या एक से अधिक लोगों से एक वित्तीय वर्ष में प्राप्त कुल कैश 50,000 रुपये से अधिक है तो ऐसी राशि पर लागू स्लैब रेट के अनुसार टैक्स लगेगा. इसलिए, टैक्स से बचने के लिए, एक वित्तीय वर्ष में प्राप्त उपहारों की कुल राशि 50,000 रुपये से अधिक नहीं होनी चाहिए.

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