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बच्चों को कम उम्र से ही पैसों की अहमियत को लेकर जागरूक करना चाहिए.
World Health Day 2022: कोविड-19 महामारी को दुनिया में आए दो साल से अधिक समय हो गए हैं. इसने पूरी दुनिया को बुरी तरह से प्रभावित किया है. इसके चलते लोगों में शारीरिक के साथ ही मानसिक स्वास्थ्य को लेकर भी जागरूकता बढ़ी है. हालांकि, आज हम विश्व स्वास्थ्य दिवस के मौके पर फाइनेंशियल हेल्थ के बारे में बात करने जा रहे हैं. माता-पिता के तौर पर आप हमेशा अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए कुछ अच्छा करना चाहते हैं. इसके लिए सबसे जरूरी है कि आप अपने बच्चों को मनी-स्मार्ट बनाने की कोशिश करें. क्या आप जानते हैं कि जब बच्चे सात साल के होते हैं तो पैसे को लेकर उनकी आदतें तय हो जाती हैं? हां, आपने बिल्कुल सही पढ़ा. कम उम्र में बच्चों का दिमाग चंचल होता है. ऐसे में उन्हें कम उम्र में ही पैसों की अहमियत को लेकर जागरूक करना जरूरी है.
डिजिटलीकरण के युग में, बच्चे पहले से ही क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या ऑनलाइन भुगतान जैसी चीजों के बारे में जानते हैं. ऐसे में उन्हें वित्तीय जिम्मेदारी को लेकर शिक्षा देना जरूरी हो जाता है. यहां बताया गया है कि आप अपने बच्चों को कम उम्र से ही पैसों की अहमियत को लेकर कैसे जागरूक कर सकते हैं.
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बच्चों से करें खुलकर चर्चा
कहा जाता है कि बच्चे बड़ों से ही सीखते हैं. बच्चे आपकी हर हरकत पर नजर रखते हैं, इसलिए बच्चों के सामने कुछ भी कहने और करते समय सावधानी बरतनी चाहिए. जब आपका बच्चा आपसे बिलों के भुगतान के बारे में या काम पर जाने के बारे में कोई सवाल करे तो ऐसे में यह जरूरी है कि आप अपने बच्चे के साथ खुलकर चर्चा करें. उनसे इस बारे में बात करें कि आप पैसे कैसे कमाते हैं, बचत करना क्यों जरूरी है और कुछ खरीदने के बारे में समझदारी से निर्णय कैसे लें. इससे न केवल उन्हें पैसे की अहमियत समझ में आएगी, बल्कि उन्हें यह भी समझ में आएगा कि पैसे का प्रबंधन कैसे किया जाता है.
काम के बदले दें पैसे
पैसे की अहमियत समझने के लिए जरूरी है कि बच्चों के पास अपना पैसा होना चाहिए. आप उन्हें कुछ छोटे-मोटे काम देकर इसके बदले उन्हें पैसे दे सकते हैं. इस तरह उन्हें यह समझ में आएगा कि पैसे कमाने के लिए मेहनत करनी पड़ती है. बच्चों को सिखाया जाना चाहिए कि पैसे काम के बदले मिलते हैं. उन्हें नया खिलौना/कपड़ा फ्री में न दिलाएं बल्कि इन्हें हासिल करने के लिए उन्हें काम के माध्यम से पैसा बनाने के लिए प्रोत्साहित करें.
बजट बनाते समय अपने बच्चों को करें शामिल
मासिक बजट बनाते समय अपने बच्चे को भी इसमें शामिल करें. आपको ऐसा लग सकता है कि उन्हें ये समझ में नहीं आएगा, लेकिन आप देखेंगे कि इसका उनके खर्च करने के तरीकों पर असर हो रहा है. इससे उन्हें यह समझ में आएगा कि कहां खर्च करना जरूरी है और कहां नहीं. इतना ही नहीं, बच्चों के सामने पंखे-कंप्यूटर बंद करने से उन्हें बचत की अहमियत समझ में आएगी.
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बच्चों में बचत की आदत डालें
आपके बच्चे आपको सामान खरीदते हुए देखते हैं. इसलिए, उन्हें यह सिखाना जरूरी है कि किन चीजों पर खर्च नहीं करते हुए बचत की जा सकती है. मान लीजिए कि आप अपने बच्चे को साइकिल खरीदने के लिए बचत करने की सलाह देते हैं. इससे उन्हें बचत की अहमियत समझ में आएगी. इस तरह, लक्ष्य निर्धारित करते हुए बचत करने का यह तरीका उनके जीवन भर काम आएगा.
उन्हें समझाएं कि क्या जरूरी है और क्या नहीं
बच्चों को यह समझाना जरूरी है कि उनकी जरूरत क्या है और क्या नहीं. अपनी जरूरत और चाहत के बीच का अंतर समझने से फिजूलखर्ची को रोकने में मदद मिलेगी. बच्चों को यह समझाना होगा कि कोन सी वस्तु उनके लिए जरूरी है और किन चीजों के बिना भी उनका काम चल सकता है. मनी मैनेजमेंट हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा है. इसके बारे में बच्चों को बचपन से ही शिक्षित किया जाना चाहिए. ताकि वे बड़े होकर सही जगह निवेश कर सकें और फिजूलखर्ची से बच सकें.
(Article: Ankit Gera)
(लेखक Junio के को-फाउंडर हैं. यहां व्यक्त विचार उनके निजी हैं. FE ऑनलाइन इसकी जिम्मेदारी नहीं लेता है.)
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