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Investment Tips : कॉरपोरेट बॉन्ड, ट्रेजरी बिल्स और कॉमर्शियल पेपर का रिटर्न बढ़ा, छोटी अवधि के निवेश के लिए बढ़िया मौका

मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों की ओर से जारी किए जाने वाले कॉमर्शियल पेपर्स पर 3.44 से लेकर 3.58 फीसदी तक यील्ड मिल रहा है.पिछले तीन-चार दिनों इनमें 10 से 15 बेसिस प्वाइंट की तेजी आई है.

मैन्यूफैक्चरिंग कंपनियों की ओर से जारी किए जाने वाले कॉमर्शियल पेपर्स पर 3.44 से लेकर 3.58 फीसदी तक यील्ड मिल रहा है.पिछले तीन-चार दिनों इनमें 10 से 15 बेसिस प्वाइंट की तेजी आई है.

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The yield on 10-year US Treasury notes fell nearly 6 basis points to 1.46%.

The yield on 10-year US Treasury notes fell nearly 6 basis points to 1.46%.

घरेलू मार्केट में कॉरपोरेट बॉन्ड, ट्रेजरी बिल्स ( T-Bills) और कॉमर्शियल पेपर पर मिलने वाले यील्ड में 5 से 15 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी हुई है यह बढ़ोतरी सभी अवधि बॉन्ड, टी-बिल्स और कॉमर्शियल पेपर्स में हुई है. दरअसल सरकारी सिक्योरिटीज के बढ़ते यील्ड और निवेशकों में इनकी घटती मांग के बीच रिवर्स रेपो ऑक्शन में आरबीआई की ओर से ऊंचे कट-ऑफ रेट की वजह से ऐसी स्थिति आई है.

कॉरपोरेट बॉन्ड, ट्रेजरी बिल्स और कॉमर्शियल पेपर पर यील्ड बढ़ा

JM Finanacials में इंस्टीट्यूशनल फिक्स्ड इनकम के एमडी और हेड अजय मंगलुनिया का कहना है कि इमर्जिंग मार्केट्स में अमेरिका के बॉन्ड यील्ड का असर दिख रहा है. अमेरिकी बाजार में जो हो रहा है उसका यह असर है. हालांकि यह घरेलू बाजार की फौरी प्रतिक्रिया है. फिलहाल घरेलू मार्केट में 3 साल के कॉरपोरेट बॉन्ड पर यील्ड पर 5.20-5.26 फीसदी है. वहीं पांच से दस साल की अवधि के लिए यील्ड 5.76-5.79 फीसदी और 6.79-6.85 फीसदी तक है.

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NBFC की ओर से जारी किए जाने तीन महीने के कॉमर्शियल पेपर्स 3.82 फीसदी से लेकर 4 फीसदी के बीच ट्रेड कर रहे हैं. मैन्यूफैक्चरिं ग कंपनियों की ओर से जारी किए जाने वाले कॉमर्शियल पेपर्स पर 3.44 से लेकर 3.58 फीसदी तक यील्ड मिल रहा है.पिछले तीन-चार दिनों इनमें 10 से 15 बेसिस प्वाइंट की तेजी आई है.

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अमेरिकी मार्केट के असर से बढ़ रहा है यील्ड

आरबीआई ने 29 सितंबर को ट्रेजरी बिल्स पर यील्ड कट-ऑफ बढ़ा दिया है. 91 दिनों के ट्रेजरी बिल पर अब 3.4488 फीसदी और 182 दिनों के लिए 3.5669 और 364 दिनों के लिए 3.8100 फीसदी का यील्ड मिल रहा है. ट्रस्ट म्यूचुअल फंड के फंड मैनेजर आनंद नेवतिया का कहना है कि मार्केट को लग रहा है कि आरबीआई अब पॉलिसी नॉर्मलाइजेशन की ओर बढ़ेगा. सात दिनों के VRRR में ऊंचा कट-ऑफ का यील्ड कर्व पर बड़ा असर पड़ सकता है. इससे ओवरनाइट्स रेट से लेकर 5 साल तक के रेट पर असर पड़ सकता है. अमेरिका में भी यील्ड में तेजी आने और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से यील्ड बढ़ाने का दबाव बढ़ा दिया है.

 (Article: Manish M Suvarna) 

(स्टोरी में में दी गई जानकारी संबंधित रिसर्च एनालिस्ट व ब्रोकरेज फर्म की राय है. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. पूंजी बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन हैं. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें.)

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