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Imports of the yellow metal stood at USD 8.75 billion in the corresponding period of 2019-20.
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Gold Investment: ग्लोबल आउटपुट में गिरावट के साथ वैश्विक अर्थव्यवस्था आकलन के मुताबिक ज्यादा गहरी मंदी में हैं और दूसरे कई एसेट क्लास में अच्छा रिटर्न नहीं मिल रहा है. ऐसे में सोना दुनिया भर में निवेशकों के लिए सुरक्षित विकल्प के तौर पर उभरा है. हालांकि, वर्तमान में प्रतिबंधों और लॉकडाउन के कारण फिजिकल गोल्ड की डिमांड में गिरावट हुई है, लेकिन लोग सोने में डिजिटल तौर पर निवेश कर रहे हैं. आइए आपको बताते हैं कि कोरोना वायरस के समय में सोना खरीदने या निवेश करने के लिए 5 बेस्ट ऑप्शन कौन-से हैं.
लोकल ज्वैलर से फिजिकल गोल्ड खरीदना
फिजिकल गोल्ड खरीदने का एक विकल्प अपने पड़ोस का ज्वैलर है जिस पर आप विश्वास भी करें. आपको कैश में भुगतान करना है और अपने लोकल ज्वैलर से ज्वैलरी खरीदनी है. हाालंकि, अगर आपके क्षेत्र में ज्वैलरी की दुकानें बंद हैं या बाहर जाना आपको सुरक्षित नहीं लग रहा है, तो आप दूसरे विकल्पों पर ध्यान दे सकते हैं.
गोल्ड ETF (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स) में निवेश करना
आप गोल्ड ETF में भी निवेश कर सकते हैं. हालांकि, भारत में ये ज्यादा लोकप्रिय नहीं हैं. लेकिन अंतरराष्ट्रीय निवेशकों के बीच इनकी लोकप्रियता बहुत अधिक है.
गोल्ड एकम्यूलेशन प्लान (GAP)
व्यक्ति सोना ऑनलाइन मोबाइल वॉलेट जैसे पेटीएम, फोन पे और स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के गोल्ड रश प्लान के तहत खरीद सकता है. ये सोने को खरीदने के विकल्प MMTC-PAMP के साथ SafeGold या दोनों के साथ मिलकर पेश किए जाते हैं.
फ्यूचर/ ऑप्शंस प्लेटफॉर्म पर सोने को खरीदना या बेचना
यह पूरे तौर पर व्यापार की दृष्टि से है. जहां व्यक्ति सोने में ट्रेड अपने अकाउंट में मार्जिन रखकर और कीमतों में उतार-चढ़ाव से फायदा लेने के लिए करना चाहता है.
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भारत सरकार द्वारा जारी सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में निवेश
भारत में सोने को एक उत्पादक एसेट में बदलने के लिए सरकार ने 5 नवंबर 2015 को गोल्ड मॉनेटाइजेशन स्कीम (GMS) को पेश किया था जिसकी मदद से बैंक लोकर में रखे सोने पर ब्याज कमाने में मदद मिलती है.
क्योंकि सोना भारतीय अर्थव्यवस्था में निवेश और विदेशी निवेश के आउटफ्लो का बड़ा भाग है, इसलिए गोल्ड बॉन्ड स्कीम ऐसे निवेशकों के लिए अहम है जो सोने में अपने पोर्टफोलियो को विभाजित करना चाहते हैं.