/financial-express-hindi/media/post_banners/dKuojqD2VQF5MkNTXtpG.jpg)
अगर आपने पिछले कुछ समय में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया है, तो आपको 1 जुलाई से ज्यादा टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) देना पड़ सकता है.
TDS New Rule: अगर आपने पिछले कुछ समय में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया है, तो आपको 1 जुलाई से ज्यादा टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (TDS) देना पड़ सकता है. जो लोग अपना आईटी रिटर्न नहीं भरते हैं, उनके लिए नया TDS रेट दोगुना होगा. पेमेंट करने के लिए एक हिस्सा सीधा टैक्स के तौर पर काटा जाता है. ऐसा ट्रांजैक्शंस की जानकारी इनकम टैक्स विभाग तक पहुंचाने के लिए किया जाता है.
किन्हें देना होगा ज्यादा TDS?
अब तक ज्यादा टीडीएस केवल उनका कटता था, जिनके पास पैन नहीं है. लेकिन अब अगर आपने टैक्स रिटर्न नहीं फाइल किया है, तो उस स्थिति में भी TDS की कटौती की जाएगी. आइए जानते हैं कि किस पेमेंट्स पर असर पड़ेगा और कैसे.
आधिकारिक तौर पर, यह नियम 1 जुलाई से लागू हो जाएगा. दोगुने टीडीएस से बचने के लिए आपको यह ध्यान देना है कि आपने पिछले दो सालों का टैक्स रिटर्न फाइल किया है. नया सेक्शन 206AB केवल तभी लागू होगा, जब सेक्शन 139(1) के तहत पिछले सालों के लिए टैक्स रिटर्न को फाइल करने की बकाया तारीख खत्म हो गई है.
Cost Inflation Index क्या है? जानिए आप पर टैक्स का बोझ कैसे घटा सकता है यह इंडेक्स?
अब सवाल उठता है कि किस पेमेंट पर असर होगा. TDS डिविडेंड, फिक्स्ड डिपॉजिट पर ब्याज, सर्विस पेमेंट्स, प्रॉपर्टी पर किराया या आपकी प्रॉपर्टी को बेचने से पहले कटता है. अगर आपने पिछले दो सालों में अपना टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया है, तो दोगुने टीडीएस रेट लागू होंगे. टीडीएस कटौती करने वालों को अपना परमानेंट अकाउंट नंबर (पैन) डालना होगा और आपकी जानकारी सामने आ जाएगी. अगर आपने टैक्स रिटर्न फाइल नहीं किया है, तो अलग-अलग ट्रांजैक्शन के मुताबिक, रेट की कटौती होगी.
हालांकि, सैलरी और कुछ दूसरी आय से कमाई को इस नियम से छूट दी गई है. प्रोविडेंट फंड पेमेंट को भी बाहर रखा जाएगा.