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म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करने से पहले निवेशक को सेलेक्टेड स्कीम के पिछले रिकार्ड को खंगाल लेनी चाहिए.
How to Selecting the Right Mutual Fund Scheme: निवेश पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई बनाने के लिए म्यूचुअल फंड (Mutual fund) में पैसे लगाना एक बेहतर रणनीति हो सकती है और ऐसा करके आप लॉन्ग टर्म फाइनेंशियल टार्गेट को आसानी से पूरा कर सकते हैं. हालांकि आज के समय में म्यूचुअल फंड में निवेश के कई ऑप्शन मौजूद हैं. उनमें से अपने लिए बेस्ट म्यूचुअल फंड स्कीम को चुनना चुनौतीभरा हो सकता है. बेस्ट म्यूचुअल फंड स्कीम को चुनने से पहले किन अहम बातों पर गौर करना चाहिए यहां उसके बारे में जानकारी दी गई है. यहां बताए गए पहलुओं को समझ लेने के बाद आप म्यूचुअल फंड निवेश के लिए बेहतर विकल्प को चुन सकते हैं.
निवेश का मकसद जान लें
म्यूचुअल फंड स्कीम का रिव्यू करते समय, आपको अपने इनवेस्टमेंट टार्गेट यानी फाइनेंशियल गोल को तय करके ही निवेश की शुरुआत करनी चाहिए. निवेश स्कीम में रिस्क और अपनी रिस्क सहने की क्षमता और फाइनेंशियल टार्गेट को हासिल करने के लिए आपके पास कितना समय है इन सब पहलुओं पर विचार कर लेने के बाद ही आप उस म्यूचुअल फंड का चुनाव कर सकते हैं जो आपकी जरूरतों को पूरा करने के लिए सबसे बेहतर साबित हो सकता है.
फंड के पिछले रिकार्ड को चेक करें
इनवेस्टमेंट टार्गेट को पूरा करने वाली म्यूचुअल फंड स्कीम को चुन लेने के बाद अगला पड़ाव उस स्कीम के परफार्मेंस हिस्ट्री को जानना है. म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करने से पहले निवेशक को सेलेक्टेड स्कीम के पिछले रिकार्ड को खंगाल लेनी चाहिए. निवेशक को ये जान लेना चाहिए कि क्या सेलेक्टेड म्यूचुअल फंड ने लगातार लॉन्ग टर्म परफार्मेंस किया है, या क्या इसने पिछले कुछ सालों में शानदार परफार्मेंस के बाद खराब दौर को भी देखा है? यह सब समझना बेहद जरूरी है कि मार्केट के उतार-चढ़ाव के दौरान सेलेक्टेड फंड ने कैसा परफार्म किया है.
निवेश के नियमों को पालन करें
म्यूचुअल फंड में निवेश करते समय सही तौर तरीकों को अपनाना चाहिए. हालांकि, मार्केट की अलग-अलग स्थितियों में फंड मैनेजर संभावित रिटर्न जेनरेट करने के लिए अपनी स्ट्रैटेजी में बदलाव कर सकते हैं. अपना फंड चुनते समय, आपको उस फंड मैनेजर के पास जाना चाहिए जो इनवेस्टमेंट मैंडेट का सख्ती से पालन करता हो. आपको उन फंड मैनेजर से दूरी बनाए रखना चाहिए जो बार-बार अपनी इनवेस्टमेंट स्टाइल में बदलते रहते हैं.
रिस्क और पोर्टफोलियो की समय-समय पर निगरानी करें
म्यूचुअल फंड में निवेश से पहले फंड के रिस्क प्रोफाइल को चेक कर लें. हालांकि रिस्क-फ्री इनवेस्टमेंट जैसी कोई चीज नहीं होती है, फिर भी कुछ म्यूचुअल फंड दूसरों की तुलना में कम जोखिम भरे होते हैं. इनवेस्टमेंट टार्गेट और म्यूचुअल फंड रिस्क को जान लेने के बाद फंड में निवेश की शुरूआत करना बेहतर है. इसके अलावा जिस भी आप म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करने का फैसला ले रहे हैं उसके पिछले रिकार्ड समेत कई पहलुओं और क्वालिटी के बारे में समझ लेना जरूरी है.
इनवेस्टमेंट लागत
म्यूचुअल फंड निवेश से जुड़े इनवेस्टमेंट लागत को भी जान लेना चाहिए. कुछ फंड एक्टिव तौर पर मैनेज किए जाते हैं और ऐसे फंड की इनवेस्टमेंट लागत ज्यादा होती है, जबकि कुछ फंड पैसिव रूप से मैनेज होते है जिन फंड को पैसिव तौर पर मैनेज किया जाता है उनकी फीस भी कम होती है. म्यूचुअल फंड स्कीम को मैनेज करने के लिए होने वाले लागत के हिसाब से सक्षम होना चाहिए, अगर किसी फंड को एक्टिव तौर पर मैनेज करने के लिए ज्यादा खर्च आता है, तो संबंधित फंड का परफार्मेंस भी बेहतर होना चाहिए, ऐसा नहीं है तो फिर पैसिव तौर पर मैनेज किए जा रहे फंड ही बेहतर हैं. पिछले कुछ सालों में, बहुत कम ही लार्ज-कैप फंड मैनेजर मार्केट से बेहतर परफार्म कर पाए हैं और सभी फंड कैटेगरी में अल्फा का ट्रेंड घट रहा है.
लागू टैक्स नियमों को जान लें
जैसे ही निवेश के लिए आप म्यूचुअल फंड स्कीम पर रिसर्च करते हैं, तो उसी दौरान ही ये विचार कर लेनी चाहिए कि सेलेक्टेड फंड को लागू टैक्स नियम कैसे प्रभावित कर सकता है. इक्विटी और डेट-ओरिएंटेड फंड्स के लिए होल्डिंग पीरियड और टैक्स कंप्यूटेशंस अलग-अलग हैं और आपके सभी पोर्टफोलियो के लिए सेट-ऑफ उपलब्ध हैं.
म्यूचुअल फंड का चयन करते समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए. सही म्यूचुअल फंड का चयन करना आसान काम नहीं है, लेकिन ऊपर साझा किए गए पहलुओं पर विचार करके आप सही म्यूचुअल फंड में निवेश का फैसला ले सकते हैं साथ ही सेलेक्टेड फंड में भरोसे के साथ निवेश भी कर सकते हैं.
(Article by Karan Batra)