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आपकी जरूरत के हिसाब से कौन सी इंश्योरेंस पॉलिसी होगी बेहतर, यहां समझिए फुल डिटेल

इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से पहले अपने जरूरतों की पहचान कर लें. उसके बाद बीमा कंपनी के स्कीम को सावधानीपूर्वक समझें. सभी संदेह दूर हो जाने के बाद फैसला लें.

इंश्योरेंस पॉलिसी लेने से पहले अपने जरूरतों की पहचान कर लें. उसके बाद बीमा कंपनी के स्कीम को सावधानीपूर्वक समझें. सभी संदेह दूर हो जाने के बाद फैसला लें.

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FE Hindi Desk
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इंश्योरेंस पॉलिसी वित्तीय संकटों से बचाने में मदद करता है.

ज्यादातर लोगों को इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने का ख्याल तब आता है जब वे अपने पड़ोसी या करीबी दोस्त या सहकर्मी को खरीदते हुए देखते हैं. वे भी उसी बीमा एजेंट से पॉलिसी की खरीदारी करने के लिए संपर्क करते हैं जिससे उनका कोई परिचित खरीदा होता हैं. लेकिन इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने का ये तरीका सही नहीं है. इंश्योरेंस पॉलिसी खरीदने से पहले ये समझना जरूरी है कि वह आने वाले दिनों में आपकी जरूरतों को पूरा करने में सक्षम है या नहीं. लाइफ इंश्योरेंस इंसान के जीवन के हर एक पड़ाव पर फायदेमंद साबित होता है. लाइफ इंश्योरेंस बीमाधारक के जीवन में आने वाली वित्तीय संकटों को दूर करने में मददगार साबित होता है. ये बॉन्ड, इक्विटी या बैंक डिपॉजिट जैसे खास मकसद से लिए गए फाइनेंशियल प्रोडक्ट को प्रभावित होने से बचाता है.

वित्तीय संकट के असर को कम करने में मदद करता है

लाइफ इंश्योरेंस प्रोडक्ट और अन्य में एक अहम फर्क है. लाइफ इंश्योरेंस के अलावा बाकी फाइनेंशियल प्लान में निवेश करने पर रिटर्न मिलता है. हालांकि उस पर रिटर्न निवेश किए गए अमाउंट पर के आधार पर मिलता है. फैमिली में अचानक पैसे की जरूरत पड़ने पर ये फाइनेंशियल प्लान निवेश किए गए अमाउंट के साथ रिटर्न का लाभ देते हैं. जबकि लाइफ इंश्योरेंस पर मिलने वाल रिटर्न इस लाभ से अलग होता है. हालांकि इसमें भी निवेश की जरूरत होती है. लाइफ इंश्योरेंस ज्यादा अहम तब हो जाता है जब अचानक आई मुसीबत जिसके लिए भारी रकम की जरूरत पड़ जाती है, को पूरा करने के लिए अगर आपके पास पर्याप्त पैसे नहीं है तो ऐसे में इंश्योरेंस पॉलिसी उसे कवर करने में मदद करती है. हालांकि इसके लिए पहले इंश्योरेंस पॉलिसी की खरीदाने की जरूरत होती है. इसमें ज्यादा कम निवेश पर भारी कवरेज का लाभ मिल जाता है.

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इंश्योरेंस पॉलिसी के अहमियत को समझने के बाद अगले चरण में बीमा कंपनी को चुनने की जरूरत होगी. आपको उस स्कीम को पहचानने की जरूरत होगी जो जरूरतों को पूरा कर सकें. इंश्योरेंस पॉलिसी का कितने कवरेज का होना चाहिए ये फैसला खुद ही लेना चाहिए. क्योंकि बीमा एजेंट बीमाधारक के लाइफ के टार्गेट या उससे जुड़े जरूरतों के बारे में अच्छी तरह परिचित नहीं होता है. बीमा एजेंट बीमाधारक को बेहतर से बेहतर इंश्योरेंस पॉलिसी के बारे में बता सकता है लेकिन वह बीमाधारक के विभिन्न जरूरतों में से किसे वरीयता देनी है या इसे अपने टार्गेट को पूरा करने के लिए किस स्कीम का चुनाव करना बेहतर होगा उसकी नसीहत नहीं दे सकता है. 

टार्गेट आधारित नजरिया

कुछ लोगों के लिए सबसे ज्यादा अहम उसके बच्चे की पढ़ाई हो सकती है तो कुछ के लिए इसके मां की हेल्थ. ऐसे में पॉलिसी खरीदने वाले के ऊपर निर्भर करता है कि वह किसे प्राथमिकता देना चाहता है. साथ ही वह कितने की पॉलिसी खरीदने में सक्षम है. बीमा एजेंट टार्गेट आधारिक निश्चित प्रामियम वाले पॉलिसी के बारे में ही कस्टमर को बता सकते हैं. 

इन दिनों कंस्टमर बड़े आसानी से बीमा कंपनी के बारे में और इंश्योरेंस पॉलिसी प्रोडक्ट के बारे में जानकारी जुटा सकते हैं. अपनी जरूरतों को जान लेने और बीमा से जुड़ी सभी पहलुओं के बारे में जानकारी हासिल करने के बाद कस्टमर अपने लिए सही पॉलिसी का चुनाव कर सकता है. संदेह की स्थिति में उसे चाहिए कि बीमा से जुड़े जानकारों की सलाह लेकर मन में आए सभी सवालों को दूर कर लेना चाहिए. उसके बाद ही पॉलिसी खरीदने का फैसला लेना चाहिए. उस बीमा एजेंट से सलाह लेना ज्यादा बेहतर है जो कस्टमर के प्रोफेशन को अच्छी तरह से समझता हो. ऐसा करने से ग्राहक को उपयुक्त पॉलिसी चुनने में चूक करने के बहुत कम जोखिम होता है.

(Article by Nirjhar Majumdar, An Insurance Industry Analyst)

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