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India Speaks: भारत अपनी आजादी के 75वें वर्ष में है. अब आगे खुद के लिए और अपने देश के लिए क्या भविष्य देखते हैं, इसे लेकर फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन के वैशाली डार और रेया मेहरोत्रा ने विभिन्न सेग्मेंट के लोगों से बातचीत कर भविष्य को लेकर उनकी उम्मीदों के बारे में बातचीत की.
India Speaks: भारत अपनी आजादी के 75वें वर्ष में है. अब आगे खुद के लिए और अपने देश के लिए क्या भविष्य देखते हैं, इसे लेकर फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन के वैशाली डार और रेया मेहरोत्रा ने विभिन्न सेग्मेंट के लोगों से बातचीत कर भविष्य को लेकर उनकी उम्मीदों के बारे में बातचीत की. Akriti Kakkar, 35 (Singer): मशहूर गायिका आकृति कक्कड़ भारत को और लिबरल देखना चाहती है जहां विभिन्न संस्कृति और धर्मों के लोग रहते हैं. आकृति का कहना है कि उनके मित्र कई धर्मों से हैं और देश के कई हिस्सों से हैं, कई भाषाएं बोलते हैं और सभी एक-दूसरे का सम्मान करते हैं. आकृति का कहना है कि हम सभी एक हैं, इस संदेश को और मजबूत करना है. (File Photo) Ananya Birla, 28 (Businessperson, Artiste): गायक, गीतकार और बिजनसपर्सन अनन्या बिरला नए भारत को लेकर उत्साहित हैं. उनका कहना है कि डिजिटल मीडिया के इस दौर पर नई पीढ़ी अपनी सोच डेवलप करने में अधिक सक्षम है. बिरला के मुताबिक नए भारत का जादू परंपरा और पुरानी पीढ़ी द्वारा विकसित किए गए वैल्यू के साथ खुली सोच पर निर्भर करेगा. (Image- Insta Profile) Dia Mirza, 40 (Actor, Producer): दिग्गज अभिनेत्री और निर्माता दिया मिर्जा ने भविष्य से पहले भूतकाल की बात उठाई. उन्होंने कहा कि 75 साल पहले भारत के सभी नागरिकों ने एक होकर आजादी हासिल की जो भविष्य के लिए भी एक जरूरी पाठ है. आज हम क्या कर रहे हैं, भविष्य इसी से तैयार होगा. सामाजिक और आर्थिक रूप से अलग होने के बावजूद सभी लोग समान चीजें चाहते हैं- सम्मान की जिंदगी और शांति, आगे बढ़ने के अवसर, अपने बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा, साफ हवा और पानी, अपने बच्चों के लिए स्वस्थ माहौल. (File Photo) Dr Aakanksha Chawla Jain, 35, Critical care consultant, Indraprastha Apollo Hospital, New Delhi: इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल में क्रिटिकल केयर कंसल्टेंट डॉ आकांक्षा जैन आने वाले समय को लेकर बहुत उत्साहित हैं. उनका मानना है कि भारतीयों के लिए अवसरों की भरमार है और आगे भी रहने वाला है. उन्होंने कहा कि सिर्फ मेडिसिन ही नहीं बल्कि वैदिक साइंस समेत अन्य क्षेत्रों में भी भारतीय अहम भूमिका निभाने की स्थिति में हैं. (File Photo) Ghazal Alagh, 33 (Co-founder & chief innovation officer, Mamaearth): बिजनसवूमन गजल का कहना है कि निवेश करने के लिहाज से दुनिया भर में भारत एक मजबूत देश के रूप में देखा जा रहा है. गजल के मुताबिक भारत का अब तक का सफर शानदार रहा है और अब मौजूदा स्थिति की बात करें तो स्वदेशी ब्रांड, तकनीकी विकास के हिसाब से यहां अवसरों की भरमार है और वे आने वाले समय को लेकर बहुत उत्साहित हैं. (File Photo) Licypriya Kangujam, 10 (Climate activist and Environmentalist): मणिपुर की रहने वाली दस वर्षीय पर्यावरण कार्यकर्ता लिसिप्रिया कांगुजम का सपना है कि गाड़ियों की बजाय सड़कों पर साइकिल की संख्या अधिक होगी. कोयले और थर्मल प्लांट्स की बजाय रिन्यूएबल व सोलर एनर्जी के प्लांट होंगे. दुनिया भर के सभी बच्चों साफ हवा में सांस ले सकेंगे, साफ पानी पी सकेंगे और रहने के लिए धरती एकदम स्वच्छ होगी. लिसिप्रिया कांगुजम का कहना है कि भारत सिर्फ 7.4 फीसदी वैश्विक कॉर्बन उत्सर्जन का जिम्मेदार है लेकिन जलवायु संकट का खामियाजा सभी को भुगतना पड़ रहा है. उनका कहना है कि नेताओं की असफलता के चलते लाखों बच्चों की जिंदगी का बलिदान किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं है. लिसिप्रिया के मुताबिक दुनिया भर में हर बच्चा जलवायु में परिवर्तन का भुक्तभोगी है. (Image- Twitter Profile) Nithin Kamath, 42 (Founder & CEO, Zerodha): दिग्गज ब्रोकरेज फर्म जीरोधा के फाउंडर और सीईओ नितिन कामथ का कहना है कि विकसित देशों के मुकाबले में भारत को युवाओं का एडवांटेज है. एक तरफ यह एक बहुत ताकत है लेकिन दूसरी तरफ एक चुनौती भी है क्योंकि बड़ी संख्या में युवाओं के पास भविष्य को आकार देने वाला कौशल नहीं है. ऐसे में यह बहुत जरूरी है कि युवाओं में निवेश किया जाए और बेहतर शिक्षा के जरिए उन्हें भविष्य के लिए तैयार किया जाए. कामथ ने एक तरफ बदलती दुनिया के हिसाब से खुद के तैयार करने की जरूरत बताई तो वहीं दूसरी तरफ ब्रेन ड्रेन को रोकने के लिए जरूरी कदम उठाने और भारत में ही स्टार्टअप्स को रजिस्टर कराने के लिए माहौल तैयार करने की जरूरत बताई. (File Photo) Raghav Verma, 35 (Co-founder, Chaayos): चाय बेचने वाली शॉप चायोस के को-फाउंडर राघव वर्मा ऐसे भारत का सपना देख रहे हैं जो दुनिया भर में लोकतंत्र के लिए एक उदाहरण पेश कर सके और यह आत्म-निर्भर हो. वर्मा के मुताबिक भारत दुनिया को दिखा सकता है कि इतिहास-संस्कृति और तकनीकी व युवाओं के बीच कैसे बैलेंस बनाया जाए. भारत का समय अब आ गया है और अब अपनी पूरी क्षमता से काम करने का वक्त है. (Image- LinkedIn)