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Hand of God: 1986 में अर्जेंटीना के विश्व विजेता बनने में डिएगो मैराडोना का बड़ा योगदान रहा है.
Hand of God Goal: फुटबॉल जगत के महान खिलाड़ी अर्जेंटीना के डिएगो मैराडोना का 60 की उम्र में निधन हो गया है. 1986 में अर्जेंटीना के विश्व विजेता बनने में डिएगो मैराडोना का बड़ा योगदान रहा है. जिसके बाद से वह गोल्डेन ब्यॉय बन गए थे. भले ही मैराडोना का बचपन गरीबी में बीता लेकिन फुटबॉल ने जितना नाम और पैसा उन्हें दिलाया, चुनिंदा खिलाड़ियों को ही यह नसीब हुआ है. मैराडोना के सबसे दिलचस्प किस्सा 'Hand of God' के नाम से जुड़ा है. दरअसल इसी गोल की बदौलत अर्जेंटीना ने 1986 विश्व कप के सेमीफाइनल में जगह बनाई और बाद में ट्रॉफी जीती. क्या है यह हैंड आफ गॉड गोल, और मैराडोना से जुड़ी कुछ दिलचस्प कहानियां.....
1986 का वर्ल्ड कप और हैंड ऑफ गॉड
1986 वर्ल्ड कप में मैराडोना अर्जेंटीना के लिए खेल रहे थे. हैंग आफ गॉड का किस्सा इस टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में हुआ. इंग्लैंड के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मुकाबले में मैराडोना ने मैच में दो गोल किए. इनमें से एक गोल को हैंड ऑफ गॉड कहा जाता है. दरअसल इस मैच में एक गोल ऐसा था, जिसमें फुटबॉल मैराडोना के हाथ से लगकर इंग्लैंड के गोल पोस्ट में गई थी. यहां इंग्लैंड मुकाबले से बाहर हो गई. मैच के बाद मैराडोना ने माना था कि ये गोल उनके सिर और हाथ से लगकर गई थी. उन्होंने इसे ईश्वर का हाथ बताया. तभी से उसे हैंड आफ गॉड गोल कहा जाने लगा. इसे लोगों ने गोल ऑफ द सेंचुरी भी चुना.
खिताब भी जीता
यहां से टीम सेमीफाइनल में और फिर फाइनल में पहुंची. अर्जेंटीना ने क्वार्टर फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ 2-1 से जीत हससिल की थी. उस विश्व कप में माराडोना के दम पर अर्जेंटीना दूसरी बार चैम्पियन बना था. फाइनल में अर्जेंटीना ने वेस्ट जर्मनी को 3-2 से शिकस्त देकर दूसरी बार इस ट्रॉफी पर कब्जा किया था. इस टूर्नामेंट में मैराडोना ने 5 गोल किए थे.
4 वर्ल्ड कप खेले
माराडोना ने अर्जेंटीना के लिए 91 मैचों में 34 गोल किए और उन्होंने अपने देश के लिए 4 वर्ल्ड कप खेले. माराडोना के नाम बतौर कप्तान सबसे ज्यादा वर्ल्ड कप मैच खेलने का रिकॉर्ड दर्ज है. माराडोना ने अर्जेंटीना के लिए बतौर कप्तान 16 वर्ल्ड कप मैच खेले हैं, वहीं उन्होंने कुल 21 वर्ल्ड कप मैचों में हिस्सा लिया है. माराडोना ने महज 15 साल की उम्र में प्रोफेशनल डेब्यू कर लिया था. 20 अक्टूबर, 1976 को माराडोना ने अर्जेंटीनोज जूनियर के लिए पहला मैच खेला.
माराडोना और लियोनल मेसी इकलौते फुटबॉलर हैं जिन्होंने फीफा अंडर-20 और फीफा वर्ल्ड कप में गोल्डन बॉल का खिताब जीता है. माराडोना को 1986 वर्ल्ड कप में गोल्डन बॉल अवॉर्ड मिला था. उनकी कप्तानी में अर्जेंटीना ने वेस्ट जर्मनी को 3-2 से हराकर खिताबी मुकाबला जीता था.
नशे की लगी लत
जब मैराडोना का करियी पीक पर था, उसी दौर में उन्हें नशे की लत लग चुकी थी. वह कोकीन लेते थे. कोकीन के सेवन के लिए मैराडोना को उनके क्लब नेपोली ने 1991 में 15 महीने के लिए बैन कर दिया था. इसी साल उन्हें ब्यूनस आयर्स में 500 ग्राम कोकीन के साथ अरेस्ट किया गया था. उन्हें तब 14 महीने की सजा दी गई थी. ड्रग्स ने उनके फुटबॉल करियर को ही खत्म कर दिया. 1997 में उन्होंने फुटबॉल को अलविदा कह दिया.