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दुबई में पाकिस्तान को 5 विकेट से हराकर भारत ने जीता एशिया कप. Photograph: (Image: X/@ACCMedia1)
दुबई में खेल के मैदान पर उस वक्त एक अजीबोगरीब नजारा देखने को मिला, जब भारतीय क्रिकेट टीम ने एशिया कप में अपनी शानदार जीत का जश्न बिना ट्राफी के मंच पर मनाया. न तो किसी खिलाड़ी ने मेडल पहने थे, और न ही कप्तान सूर्यकुमार यादव ने विजयी ट्रॉफी अपने हाथों में ली थी. यह अनोखा विरोध भारत और पाकिस्तान के बीच चल रहे राजनीतिक और क्रिकेटिंग तनाव को दर्शाता है.
भारत ने यह चौंकाने वाला कदम पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के प्रमुख और एशियाई क्रिकेट परिषद के अध्यक्ष मोहसिन नकवी से एशिया कप की मेजबानी और ट्रॉफी लेने से इनकार करके उठाया. दोनों देशों के बीच तनाव को देखते हुए, खासकर पाकिस्तान में एक सरकारी मंत्री के रूप में नकवी की दोहरी भूमिका और टूर्नामेंट के दौरान उनके भड़काऊ सोशल मीडिया पोस्ट के कारण, यह माना जा रहा था कि भारत ऐसा कोई कदम उठा सकता है. यह मैच पहलगाम आतंकवादी हमले और सीमा पार शत्रुता के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच पहली भिड़ंत थी.
पीएम मोदी ने भारतीय टीम को दी जीत की बधाई
दुबई में शानदार जीत पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय टीम को बधाई दी. फाइनल मुकाबले में भारत की पाकिस्तान पर 5 विकेट से जीत के लिये टीम को बधाई देते हुए इसकी तुलना आपरेशन सिंदूर से की और कहा कि नतीजा भारत की जीत ही रहा. भारत की जीत के बाद एक्स पर किए ट्वीट के जरिए पीएम मोदी ने कहा - आपरेशन सिंदूर खेल के मैदान में. नतीजा समान है. भारत की जीत. हमारे क्रिकेटरों को बधाई.
#OperationSindoor on the games field.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 28, 2025
Outcome is the same - India wins!
Congrats to our cricketers.
दोनों टीमों के बीच तनाव टूर्नामेंट में काफी तनाव देखा गया. भारतीय टीम ने पहलगाम पीड़ितों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए मैचों में टॉस के समय और खेल के बाद पाकिस्तानी खिलाड़ियों से हाथ मिलाने से इनकार कर दिया था।
जीत के बाद भी ट्राफी न लेने की क्या थी वजह
कप्तान सूर्यकुमार यादव ने बताया कि टीम ने जानबूझकर नकवी से ट्रॉफी न लेने का फैसला किया था और उन्हें ऐसा करने के लिए मजबूर नहीं किया गया था. इस फैसले के कारण, जैसा कि उन्होंने बताया, टीम को ट्रॉफी से वंचित कर दिया गया. फाइनल के बाद प्रेस से बातचीत में सूर्यकुमार ने कहा, "हमने एक टीम के रूप में ट्रॉफी (मोहसिन नकवी से) नहीं लेने का फैसला किया. किसी ने हमें ऐसा करने के लिए नहीं कहा. लेकिन मुझे लगता है कि जो टीम टूर्नामेंट जीतती है, वह ट्रॉफी की हकदार होती है."
भारत ने अधिकारियों को यह संदेश दिया कि वे अमीरात क्रिकेट बोर्ड के उपाध्यक्ष खालिद अल जरूनी से ट्रॉफी लेना चाहते थे, जो नकवी के साथ मंच साझा कर रहे थे, लेकिन नकवी ने इसकी अनुमति नहीं दी.
एक चैंपियन टीम को ट्रॉफी से वंचित कर दिया गया: सूर्यकुमार यादव
ट्रॉफी न दिए जाने पर हैरानी जताते हुए भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने अपनी निराशा स्पष्ट शब्दों में व्यक्त की. उन्होंने कहा - जब से मैंने क्रिकेट खेलना और उसे फ़ॉलो करना शुरू किया है, तब से मैंने कभी नहीं देखा कि एक चैंपियन टीम को ट्रॉफी से वंचित कर दिया जाए, वह भी इतनी मेहनत से जीते गए टूर्नामेंट के बाद. ऐसा नहीं था कि यह आसान जीत थी. हमने लगातार दो दिनों में कठिन मैच खेले और मुझे लगा कि हम पूरी तरह इसके हकदार थे. इससे ज़्यादा मैं कुछ नहीं कह सकता. हालांकि, कप्तान ने यह भी साफ़ किया कि टीम के लिए असली मायने जीत की भावना और साथ बिताए गए पल रखते हैं. उन्होंने कहा- अगर आप मुझसे ट्रॉफियों की बात करेंगे, तो मेरे ड्रेसिंग रूम में पहले से ही 14 ट्रॉफियाँ हैं. मेरे साथी खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ ही मेरी असली ट्रॉफियां हैं. मुझे लगता है कि वही सच्ची उपलब्धि है और वही असली पल हैं जिन्हें मैं हमेशा अपने साथ लेकर जाऊंगा."
पाक कप्तान ने बताया 'क्रिकेट का अनादर'
पुरस्कार वितरण समारोह के दौरान हुए नाटकीय घटनाक्रम ने भारत की शानदार जीत (जिसमें तिलक वर्मा के नाबाद 69 रनों ने भारत को 19.4 ओवर में लक्ष्य तक पहुंचाया और कुलदीप यादव व वरुण चक्रवर्ती ने पाकिस्तान को 146 पर समेटा) को फीका कर दिया. पाकिस्तानी खिलाड़ियों को उपविजेता पदक प्रदान किए गए, और व्यक्तिगत पुरस्कार भी दिए गए, लेकिन कप्तान ने ट्रॉफी नहीं ली. एक समय तो भारतीय टीम ने नक़वी के अड़े रहने पर विरोध दर्ज कराने की धमकी भी दी थी.
पाकिस्तानी कप्तान सलमान अली आगा ने न केवल ट्रॉफी लेने से इनकार करने पर, बल्कि 14 सितंबर को ग्रुप-स्टेज मैच के दौरान सूर्यकुमार यादव द्वारा हाथ मिलाने से मना करने की घटना पर भी भारत की आलोचना की.
सलमान ने फाइनल के बाद कहा: "भारत ने हमारे साथ जो किया (हाथ नहीं मिलाया, मोहसिन नकवी से ट्रॉफी नहीं ली) - वे न केवल हमारा अपमान कर रहे हैं, बल्कि क्रिकेट के खेल का भी अपमान कर रहे हैं." उन्होंने आगे कहा, "क्रिकेटरों को आदर्श माना जाता है; मैदान पर इस तरह का व्यवहार देखकर बच्चे क्या सीखेंगे? इस टूर्नामेंट में जो कुछ भी हुआ वह बहुत बुरा था."
देरी से हुआ जश्न, ट्रॉफी फिर भी गायब
पुरस्कार वितरण समारोह एक घंटे से ज़्यादा देरी से शुरू हुआ. भारतीय टीम के फैसले पर अड़े रहने के बाद, आठ गणमान्य व्यक्ति मंच से चले गए और घोषणा की कि भारत ने औपचारिक रूप से ट्रॉफी लेने से इनकार कर दिया है.
उनके जाने के बाद ही भारतीय टीम मंच पर लौटी. कंफ़ेटी उड़ी, विजय गीत बजे, और खिलाड़ियों ने प्रशंसकों के साथ जश्न मनाया, लेकिन ट्रॉफी फिर भी गायब रही. अपनी जीत का जश्न अपने अंदाज़ में मनाने के बाद, भारतीय टीम बिना ट्रॉफी लिए ही स्टेडियम से बाहर चली गई.