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ICC World Cup 2011 Unsung Hero: साल 2011 में वर्ल्ड कप जीत की जब भी बात आती है, फाइनल मे महेंद्र सिंह धोनी के सिक्स की चर्चा ज्यादा होती है. (PTI)
World Cup Win Heroes/Unsung Heroes: आईसीसी वर्ल्ड कप 2023 शुरू होने का समय अब नजदीक आ रहा है. ऐसे में टीम इंडिया के पास 12 सालों का सूखा खत्म करने का बेहतरीन मौका है. क्योंकि इस बार पूरा टूर्नामेंट भारत में ही खेला जा रहा है. पिछली बार 2011 में भी सबकॉन्टिनेंट में वर्ल्ड कप खेला गया था, जिसमें भारत चैंपियन बना था. 2011 वर्ल्ड कप जीतने की जब भी बात आती है, ज्यादातर वीडियो में तब टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी का वह सिक्स दिखाया जाता है, जिससे भारत को श्रीलंका पर जीत मिली थी. अक्सर यह डिबेट होती है कि उस सिक्स के आगे 2011 विश्व कप में कई खिलाड़ियों के अहम प्रदर्शन को याद नहीं किया जाता. बल्कि वे वर्ल्ड कप जीत के गुमनाम हीरो बनकर रह गए.
युवराज सिंह
युवराज सिंह 2011 में वर्ल्ड कप जीत के सबसे बड़े हीरो थे, लेकिन उस रूप में चर्चा कम ही होती है. युवराज सिंह ने पूरे टूर्नामेंट में 362 रन बनाने के अलावा 15 विकेट चटकाए थे. क्वार्टर फाइनल में युवराज ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैन ऑफ द मैच चुने गए थे. वहीं फाइनल मैच में भी उन्होने नाबाद 21 रन बनाने के अलावा 2 विकेट हासिल किए थे. वह मैन ऑफ द टूर्नामेंट भी चुने गए थे. लेकिन उनके योगदान की उस तरह से चर्चा नहीं की जाती है.
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गौतम गंभीर
गौतम गंभीर ने भी वर्ल्ड कप जीत में अपनी अहम भूमिका निभाई थी. फाइनल में जल्दी जल्दी 2 विकेट गिरने क बाद उन्होंने 97 रन की मैच विनिंग पारी खेली थी. विराट कोहली के साथ उन्होंने 83 रनों की महत्वपूर्ण पार्टनरशिप की थी. गंभीर ने पूरे टूर्नामेंट में 393 रन बनाए और सचिन के बाद दूसरे बेस्ट रन स्कोरर रहे. लेकिन वर्ल्ड कप जीत में उनका नाम भी बहुत कम आता है.
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जहीर खान
तेज गेंदबाज जहीर खान ने भारत को विश्व विजेता बनाने में बड़ा रोल निभाया था. उन्होंने 9 मैचों में कुल 21 विकेट झटके और भारत के टॉप विकेट टेकर बने. लेकिन वह भी एक गुमनाम हीरो बनकर रह गए.
वीरेंद्र सहवाग
भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने टूर्नामेंट में अपनी शानदार बल्लेबाजी से कोई कसर नहीं छोड़ी. वह पूरे मेगा-इवेंट के दौरान बेहतरीन मूड में थे, जो शुरुआत से ही गेंदबाजों के खिलाफ मोर्चा संभाल लेते थे. शुरुआती मैच में उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ 175 रनों की रिकॉर्डतोड़ पारी खेली और कपिलदेव की 1983 वाली पारी की याद दिला दी. उन्होंने टूर्नामेंट में 380 रन बनाए. सहवाग ने कई मैचों में टीम इंडिया को शानदार शुरुआत दी. लेकिन वह भी 2011 की जीत के गुमनाम हीरो ही रहे.
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सुरेश रैना
मिडिल आर्डर बैट्समैन सुरेश रैना को बहुत ज्यादा मौके नहीं मिले, लेकिन जब मिले तो उन्होंने अपना रोल सही से निभाया था. उन्हें क्वार्टर फाइनल मैच से पहले अचानक युसूफ पठान की जगह शामिल किया था और उस मैच में रैना ने 28 गेंदों पर 34 रनों की शानदार पारी खेलकर जीत दिलवाई. उससे भी अच्छी पाी सेमीफाइनल में पाकिस्तान के खिलाफ थी. एक कठिन पिच पर उन्होंने 36 रन बनाए और उनका ये रन भारत की जीत का कारण बना. वह मैच भारत ने सिर्फ 29 रनों से जीता था.
मुनाफ पटेल
पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज मुनाफ पटेल को विश्व कप 2011 में उनके प्रदर्शन के बराबर सम्मान नहीं मिला. वह मेगा-इवेंट में एमएस धोनी के सबसे भरोसेमंद हथियारों में से एक थे. जब भी भारतीय कप्तान खुद को संघर्ष करते हुए पाते थे, तो वह मुनाफ पटेल को गेंदबाजी आक्रमण में शामिल करते थे. मुनाफ पटेल ने टीम इंडिया के लिए 8 मैचों में 5.36 की कम इकोनॉमी रेट से कुल 11 विकेट लिए. 2011 वर्ल्ड कप के दौरान वह टीम इंडिया में बॉलिंग यूनिट को परफेक्ट बैलेंस देते थे.