/financial-express-hindi/media/post_banners/XAknZTf8VPUIYoIHiHLj.jpg)
इंडियन प्रीमियर लीग घरेलू मैदान में वापसी कर रहा है.
IPL 2021 Business Model: करीब दो साल बाद, इंडियन प्रीमियर लीग घरेलू मैदान में वापसी कर रहा है. यह इवेंट इस साल अहमदाबाद, बेंगलुरू, चेन्नई, दिल्ली, मुंबई और कोलकाता में खेला जाएगा. सीजन की शुरुआत 9 अप्रैल को चेन्नई में होगी, जहां पिछले साल के चैंपियन मुंबई इंडियंस और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के बीच पहला मुकाबला खेला जाएगा. यहां भारतीय दिग्गजों के साथ दुनियाभर के कई नामी क्रिकेटर एक मंच पर दिखेंगे. IPL की पॉपुलैरिटी की सबसे बड़ी वजह इसमें पैसा और ग्लैमर है. यहां एक टूर्नामेंट खेलकर ही खिलाड़ी करोड़पति बन जाते हैं. वहीं, BCCI और फ्रेंचाइजी टीमों की भी जमकर कमाई होती है. असल में आईपीएल को बिजनेस के लिए ही डिजाइन किया गया है.
यह एक क्रिकेट टूर्नामेंट है, जिसे कमर्शियल प्रॉपर्टी के तौर पर विकसित किया गया है. टीम मालिकों के लिए ये सिर्फ क्रिकेट का गेम नहीं बल्कि बिजनेस गेम है. शायद इसलिए बाजार के एक्सपर्ट इसे आईपीएल नहीं बल्कि ‘इंडियन पैसा लीग’ भी कहते हैं. इसके जरिए कई कंपनियों को भी अपना एक्सपोजर बढ़ाने में मदद मिलती है और वे अपने विज्ञापन के बदले करोड़ों रुपये देने को तैयार रहती हैं. आईपीएल का प्रमुख बिजनेस प्लान यह है कि कॉरपोरेट्स को क्रिकेट से जोड़कर ऐसा रास्ता तैयार किया जाए, जहां से पैसा आए.
आय के स्रोत
- फ्रेंचाइजी की नीलामी
- ब्रॉडकास्टिंग
- टाइटल और कॉरपोरेट स्पॉन्सरशिप
- प्लेयर्स की जर्सी पर विज्ञापन
- टिकटों की बिक्री
- इनामी राशि
- लोकल स्पॉन्सरशिप
- क्रिकेट स्टेडियम के अंदर लगने वाले विज्ञापन
- मर्चेंडाइज सेल्स
आईपीएल का रेवेन्यू मॉडल
एक रिपोर्ट के मुताबिक, आईपीएल के जरिए जितनी भी कमाई होती है, पहले उसका 40 फीसदी हिस्सा बीसीसीआई को मिलता था, जो अब करीब 47 फीसदी के करीब हो गया है. कुल कमाई का 47 फीसदी फ्रेंचाइजी के खाते में जाता है. 6 फीसदी प्राइज मनी पर खर्च आता है. जबकि फ्रेंचाइजी द्वारा जब खिलाड़ियों पर दांव लगाया जाता है तो उनका भाव तय हो जाता है कि किस खिलाड़ी को पूरे सीजन के लिए कितना मिलेगा. नीलामी से पहले खिलाड़ी का बेस प्राइज तय होता है. फ्रेंचाइजी टीमों की ज्यादातर कमाई का सबसे बड़ा हिस्सा ब्रॉडकास्टिंग फीस और बीसीसीआई से केंद्रीय स्पाॉन्सरशिप से मिलने वाली रकम से होती है. कमाई का 70 फीसदी हिस्सा इसी से आता है.
BCCI की आमदनी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018 की बैलेंसशीट के अनुसार सभी 8 फ्रेंचाइजी टीमों को 50 फीसदी रेवेन्यू शेयर करने के बाद बीसीसीआई को इससे 2000 करोड़ सालाना का लाभ हुआ था. आईपीएल के पहले सीजन 2008 में आईपीएल के जरिए बीसीसीआई की इनकम 350 करोड़ रुपए थी. 2016 में फिर से बीसीसीआई को 1200 करोड़ रुपए मिले थे. साफ है कि बीसीसीआई के लिए आईपीएल कितना बड़ा फायदे का सौदा है.