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पीएम मोदी ने राजीव गांधी खेलरत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद के नाम पर किया, कांग्रेस बोली फैसले का स्वागत, पर ऐसी राजनीति ठीक नहीं

खेल के क्षेत्र में दिया जाने वाला सबसे बड़ा पुरस्कार अब बदल गया है. इस पुरस्कार को तीन बार ओलम्पिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य मेजर ध्यान चंद के नाम पर रखा गया है.

खेल के क्षेत्र में दिया जाने वाला सबसे बड़ा पुरस्कार अब बदल गया है. इस पुरस्कार को तीन बार ओलम्पिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य मेजर ध्यान चंद के नाम पर रखा गया है.

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pm narendra modi announces khel ratna award in name of major dhyan chand replacing rajeev gandhi

पीएम मोदी ने कहा कि खेल के सबसे बड़े पुरस्कार को अब मेजर ध्यान चंद खेल रत्न के नाम से जाना जाएगा.

Khel Ratna Award: खेल के क्षेत्र में दिया जाने वाला सबसे बड़ा पुरस्कार अब बदल गया है. केंद्र सरकार ने आज Rajeev Gandhi Khel Ratna का नाम बदलकर Major Dhyan Chand Khel Ratna Award कर दिया है. इस पुरस्कार को तीन बार ओलम्पिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य मेजर ध्यान चंद के नाम पर रखा गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी घोषणा करते हुए कहा कि उन्हें देश के कई नागरिकों से खेल रत्न सम्मान को मेजर ध्यान चंद के नाम पर करने के अनुरोध प्राप्त हो रहे थे. पीएम मोदी ने कहा कि लोगों की भावनाओं का सम्मान करते हुए खेल के सबसे बड़े पुरस्कार को अब मेजर ध्यान चंद खेल रत्न के नाम से जाना जाएगा.

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ओलंपिक खेलों में शानदार प्रदर्शन के बीच बड़ा फैसला

मोदी सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है, जब भारतीय टीम पुरुष हॉकी टीम 41 साल बाद ओलंपिक में पदक जीतने में सफल रही है. इस उपलब्धि पर देश भर में जश्न का माहौल है. पीएम मोदी ने इस पर ट्वीट करते हुए कहा कि 'ओलंपिक खेलों में भारतीय खिलाड़ियों के शानदार प्रयासों से हम सभी अभिभूत हैं. विशेषकर हॉकी में हमारे बेटे-बेटियों ने जो इच्छाशक्ति दिखाई है, जीत के प्रति जो ललक दिखाई है, वो वर्तमान और आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है. देश को गर्वित कर देने वाले पलों के बीच अनेक देशवासियों का ये आग्रह भी सामने आया है कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद जी को समर्पित किया जाए. लोगों की भावनाओं को देखते हुए, इसका नाम अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किया जा रहा है.'

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कांग्रेस ने फैसले का स्वागत किया

कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है. इसके साथ ही पार्टी ने यह भी कहा है कि हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का नाम राजनीतिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल न किया जाता तो अच्छा होता. कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि, "हॉकी के जादूगर,खेल के पुरोधा मेजर ध्यानचंद जी के प्रति सम्मान प्रकट करने का कांग्रेस स्वागत करती है. मेजर ध्यानचंद का नाम अगर BJP व PM मोदी जी अपने छोटे राजनीतिक उद्देश्यों के लिए ना घसीटते तो अच्छा था. पर मेजर ध्यानचंद के नाम पर खेल रत्न पुरस्कार का नाम रखने का हम स्वागत करते हैं."

6, 2021

मेजर ध्यान चंद का जन्मदिन है 'खेल दिवस'

ध्यान चंद भारतीय फील्ड हॉकी के भूतपूर्व खिलाड़ी एवं कप्तान थे जिनकी गिनती विश्व हॉकी के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में होती है. वह 1928 में एम्सटर्डम ओलंपिक, 1932 में लॉस एंजेल्स ओलंपिक और 1936 के बर्लिन ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम के सदस्य रहे. उनकी जन्मतिथि 29 अगस्त को भारत में "राष्ट्रीय खेल दिवस" के रूप में मनाया जाता है. भारतीय ओलम्पिक संघ ने ध्यानचंद को शताब्दी का खिलाड़ी घोषित किया था.

अब तक 48 खिलाड़ी हो चुके हैं खेल रत्न से सम्मानित

खेल रत्न की शुरुआत 1991-92 से हुई थी और यह पहले किसी खिलाड़ी को एक वर्ष में शानदार प्रदर्शन के लिए दिया जाता था. 2014 में पुरस्कार चयन समिति के सुझावों के आधार पर खेल मंत्रालय ने 2015 में चार वर्ष के प्रदर्शनों को आधार बनाया. अब तक इस पुरस्कार से 38 खिलाड़ी सम्मानित हो चुके हैं और 1991-92 में सबसे पहले यह पुरस्कार शतरंज के ग्रैंडमास्टर विश्वनाथन आनंद को दिया गया था. यह पुरस्कार 'क्रिकेट के भगवान' कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर को 1997-98 में और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को 2007 में दिया गया था. 2001 में अभिनव बिंद्रा महज 18 वर्ष की आयु में यह सम्मान पाने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी बने.

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