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Sachin Tendulkar's Statue: मास्टर ब्लास्टर की ओर से भारतीय क्रिकेट को दिए गए योगदान के सम्मान में मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में पहली नवंबर को सचिन तेंदुलकर की मूर्ति लगाई गई. (ANI Photo)
Sachin Tendulkar's Statue: भारत में इस वक्त क्रिकेट का महाकुंभ चल रहा है. ऐसे में क्रिकेट के मैदान में खेले जा रहे मुकाबलों में खिलाड़ियों के करिश्माई प्रदर्शन को लेकर काफी चर्चाएं कर रही हैं. मैदान से आए विजुअल पर तरह-तरह का मीम बनाकर क्रिकेट फैन्स मजे भी ले रहे हैं. इस बीच मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम (Wankhede Stadium) में लगी सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) की मूर्ति पर भी चकल्लस जारी है.
भारत की मेजबानी में चल रहे क्रिकेट के सबसे बड़े टूर्नामेंट- आईसीसी मेन्स क्रिकेट वर्ल्डकप (2023 ICC Men's Cricket World Cup) के दौरान क्रिकेट फैन्स मूर्ति में सचिन का चेहरा, ऑस्ट्रेलिया के स्टीव स्मिथ (Steve Smith) से मिलता-जुलता बताकर सोशल मीडिया पर तरह-तरह की बातें कर रहे हैं. कोई मूर्ति बनाने वाले के बारे में पूछ रहा है तो कोई आस्ट्रेलिया के सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में सचिन की मूर्ति लगाए जाने की बात कर रहा है. क्रिकेट फैन्स के कुछ एक कमेंट पर आइए एक नजर डालते हैं. साथ ही पूरे मसले को भी समझते हैं.
सोशल मीडिया यूजर तस्वीरें साझा कर दे रहे ऐसी प्रतिक्रिया
इंटरनेट यूजर ने स्मिथ के चेहरे से समानता देखकर इसके जुड़े मीम्स सोशल मीडिया पर साझा करने लगे. एक फैन्स ने समानता का मज़ाक उड़ाते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘यह स्मिथ युग और उनका प्रभाव है. यही कारण है कि यह स्मिथ की प्रतिमा की तरह दिख रही है. हो सकता है कि उन्होंने सचिन की जगह स्टीव को बनाया हो, लेकिन यह स्मिथ का प्रभाव है.’’
एक अन्य फैन्स ने लिखा, ‘‘इसकी भरपाई के लिए ऑस्ट्रेलिया की क्रिकेट बोर्ड स्टीव स्मिथ के रिटायरमेंट के बाद सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (SCG) में सचिन की मूर्ति लगाएगा.
सचिन की मूर्ति बनाने वाले के बारे में पूछ रहे फैन्स
पहली नवंबर को मुंबई के वानखेड़े में लगी प्रतिमा की तस्वीर स्मिथ के साथ साझा कर सोशल मीडिया एक यूजर ने लिखा- वानखेड़े स्टेडियम में लगी सचिन तेंदुलकर की मूर्ति उनसे ज्यादा स्टीव स्मिथ की दिखाई दे रही है. आखिर किसने ये प्रतिमा बनाई है?
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सचिन के योगदान के सम्मान में लगी मूर्ति
बता दें कि बीते दिन श्रीलंका और भारत के बीच खेले गए वर्ल्डकप टूर्नामेंट (World Cup 2023) के 33वें मुकाबले से पहले क्रिकेट के महान खिलाड़ी भारतरत्न सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के सम्मान में मूर्ति वानखेड़े स्टेडियम में लगाई गई. सचिन तेंदुलकर की आदम कद प्रतिमा के अनावरण के दौरान स्टेडियम में भारी संख्या में फैन्स भी मौजूद रहे. इस दौरान वे सचिन-सचिन के नारे लगाते देखे गए. वानखेड़े में मूर्ति स्थापना के दौरान सचिन तेंदुलकर अपनी पत्नी अंजलि और बेटी सारा के साथ पहुंचे थे.
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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इसी बुधवार को सचिन तेंदुलकर की मूर्ति का अनावरण वानखेड़े स्टेडियम में किया. इस अवसर पर पूर्व बीसीसीआई और आईसीसी प्रमुख शरद पवार, मौजूदा बीसीसीआई सचिव जय शाह, कोषाध्यक्ष आशीष शेलार, उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला और मुंबई क्रिकेट संघ (एमसीए) के अध्यक्ष अमोल काले और अन्य शामिल थे. वानखेड़े में लगी मूर्ति में तेंदुलकर स्ट्रेट ड्राइव लगाते हुए दिख रहे हैं. उनकी प्रतिमा उनके नाम पर बने स्टैंड के पास लगी है.
मूर्ति अनावरण के मौके पर सचिन ने कहा- मेरे लिए विशेष क्षण
इस अवसर पर तेंदुलकर ने कहा,‘‘यह वास्तव में मेरे लिए एक विशेष क्षण है. यह फरवरी के आसपास की बात है जब शेलार और काले ने मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन (एमसीए) की तरफ से मुझे फोन करके बताया कि वह स्टेडियम के अंदर मेरी प्रतिमा लगाना चाहते हैं. ईमानदारी से कहूं तो मुझे बहुत खुशी हुई. मेरी समझ में नहीं आ रहा था कि इस पर कैसी प्रतिक्रिया दूं.’’ उन्होंने कहा,,‘‘यहां खड़ा होकर मैं वास्तव में विनम्र बन जाता हूं. जब मैं इस मैदान पर आता हूं तो मेरे जेहन में कई यादें तैरने लग जाती हैं. इस मैदान पर चलना वास्तव में सम्मान की बात है जिसने मुझे जिंदगी में सब कुछ दिया.’’
सचिन ने वानखेड़े से जुड़ी यादें कीं ताजा
तेंदुलकर ने कहा,‘‘जब मैं पहली बार 1983 में वानखेड़े स्टेडियम में आया था तो तब मैं 10 साल का बच्चा था. विश्व कप के बाद वेस्टइंडीज की टीम भारत दौरे पर आई थी और इस श्रृंखला को लेकर काफी उत्साह था. बांद्रा की मेरी कॉलोनी के दोस्त जिनमें मेरे भाई के मित्र भी शामिल थे, सभी ने यह मैच देखने की योजना बनाई थी.’’ उन्होंने कहा,‘‘मैं नहीं जानता कि ऐसा कैसे हुआ लेकिन 10 साल के सचिन को भी साथ में चलने के लिए कहा गया. हमने बांद्रा से ट्रेन ली और चर्च गेट पहुंचे. हमने इस पूरी यात्रा का आनंद लिया. मैं स्टेडियम में नॉर्थ स्टैंड पर बैठा था. हम क्रिकेटर जानते हैं कि नॉर्थ स्टैंड का क्या महत्व है. जब यहां बैठे दर्शक टीम के साथ होते हैं तो कोई भी विरोधी टीम भारत और मुंबई को नहीं हरा सकती