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इससे पहले कांट्रैक्ट हासिल करने के लिए तीन टेस्ट या सात वनडे जरूरी खेलना था. (File Photo-BCCI Twitter)
अब बिना टेस्ट और वनडे मैच खेले भी क्रिकटरों को बीसीसीआई से कांट्रैक्ट मिल सकेगा. बीसीसीआई ने सेंट्रल कांट्रैक्ट के नियमों में बदलाव किया है. इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक अब जो क्रिकेटर कम से कम 10 अंतरराष्ट्रीय टी20 मैच खेल चुके हैं, वे भी बोर्ड सालाना कांट्रैक्ट पा सकते हैं. इससे पहले बोर्ड से सालाना कांट्रैक्ट हासिल करने के लिए खिलाड़ियों को वनडे या टेस्ट मैच खेलना जरूरी होता था.
इससे पहले बोर्ड ने उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था जिसमें सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित प्रशासकों की समिति (सीओए) ने टी20 खेल चुके खिलाड़ियों को वेटेज देने के लिए कहा था.
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पहले तीन टेस्ट या सात वनडे खेलना था जरूरी
बोर्ड की नीति पहले यह थी कि कोई भी खिलाड़ी जो किसी सत्र में अगर कोई अंतरराष्ट्रीय मैच खेलता है तो वह बोर्ड के सेंट्रल कांट्रैक्ट सिस्टम का हिस्सा बन जाता है. हालांकि सीओए ने इस नियम में संशोधन किया था और अब फैसला किया गया कि कांट्रैक्ट पाने के लिए खिलाड़ियों को कम से कम तीन टेस्ट या सात वनडे मैच खेलना जरूरी होगा. हालांकि पिछले सत्र में एक अपवाद के रूप में बोर्ड ने वाशिंगटन सुंदर को एक कांट्रैक्ट दिया था जिसे बोर्ड ने एक तरह से टी20 में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के कारण सम्मानित किया था.
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ए+ श्रेणी में मिलते हैं सालाना 7 करोड़
नए नियमों के मुताबिक एक साल में किसी खिलाड़ी ने कम से कम 10 मैच खेल लिए हैं तो उसे बीसीसीआई से सेंट्रल कांट्रैक्ट मिल सकता है. एक स्रोत ने बताया कि अगर किसी खिलाड़ी में प्रतिभा है तो उसे इसलिए सेंट्रल कांट्रैक्ट से वंचित किया जा सकता कि उसने अपना प्रदर्शन टी20 फॉर्मेट के मैचों में दिखाया है, इसलिए बोर्ड ने नियमों में बदलाव किया है. बीसीसीआई चार श्रेणियो में पुरुष खिलाड़ियों को कांट्रैक्ट देती है; ए+, ए,बी और सी. इसमें ए+ श्रेणी के खिलाड़ियों को सालाना 7 करोड़, ए श्रेणी के खिलाड़ियों को 5 करोड़, बी श्रेणी के खिलाड़ियों को 3 करोड़ और सी श्रेणी के खिलाड़ियों को 1 करोड़ रुपये सालाना मिलते हैं.