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Twitter vs Threads: ट्विटर से कितना है मेटा का थ्रेड्स अलग, दोनों में क्या है अंतर

Threads डेस्कटॉपर पर नहीं इस्तेमाल किया जा सकता है और इस पर ट्रेंडिग टॉपिक भी देखने की सुविधा नहीं है. यहां ट्विटर थ्रेड से कैसे अलग है देख सकते हैं.

Threads डेस्कटॉपर पर नहीं इस्तेमाल किया जा सकता है और इस पर ट्रेंडिग टॉपिक भी देखने की सुविधा नहीं है. यहां ट्विटर थ्रेड से कैसे अलग है देख सकते हैं.

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FE Hindi Desk
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Threads पर पोस्ट एडिट करने का विकल्प नहीं है जबकि ट्विटर अपने प्रीमियम यूजर को यह सुविधा देता है.

मेटा (Meta) ने हाल ही में एक नया प्लेटफार्म थ्रेड (Threads) लॉन्च किया. बताया जा रहा है कि यह नया प्लेटफार्म हूबहू माइक्रोब्लागिंग प्लेटफार्म ट्विटर की तरह है. इस बीच काफी कम समय में थ्रेड ने 10 लाख से अधिक यूजर जोड़ लिये. इंस्टाग्राम आधारित थ्रेड भले ही लोंगों के बीच तेजी से मशहूर हो रहा हो और माना जा रहा हो कि यह ट्विटर को कड़ी टक्कर देने वाली प्लेटफार्म है. फीचर के मामले में थ्रेड्स ट्विटर से पीछे हैं. यहां ट्विटर पर मिलने वाले उन फीचर् की जिक्र किया गया जो इसे थ्रेड से अलग करती है.

  1. हैशटैग (#): ट्विटर के पास हैशटैग की सुविधा है जिसकी बदौलत इस पर कोई टॉपिक ट्रेंड लिस्ट में शामिल होता है. दूसरी तरफ व्हाट्सऐप की पेरेंट कंपनी मेटा द्वारा हाल ही लॉन्च किए गए थ्रेड्स से यह फीचर गायब है. हालांकि, मेटा के अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जैसे इंस्टाग्राम और फेसबुक पर कई सालों से हैशटैग फीचर मौजूद है, बताया जा रहा है कि आने वाले दिनों में थ्रेड्स पर भी ऐसा सुविधा होगी.
  2. डेस्कटॉप एक्सेस: ट्विटर को किसी भी ब्राउजर और ऐप के जरिए इस्तेमाल किया जा सकता है जबकि थ्रेड्स को डेस्कटॉप पर नहीं चलाया जा सकता है. मेटा का थ्रेड्स मौजूदा समय में ऐप पर हीं इस्तेमाल किया जा सकता है. फिलहाल इसकी आधिकारिक वेबसाइट Threads.net से एंड्रायड और आईफोन यूजर बार कोड स्कैन करके सिर्फ ऐप डाउनलोड कर सकते हैं.
  3. एडिट पोस्ट: ट्विटर पर हाल ही में एडिट बटन का फीचर जोड़ा गया है. हालांकि फिलहाल इस फीचर का इस्तेमाल सब्सक्रिप्शन लिये यूजर्स के लिए उपलब्ध है. जबकि थ्रेड्स पर यूजर को पोस्ट एडिट करने का विकल्प नहीं दिया गया है. थ्रेड्स ऐप पर पोस्ट में सुधार के लिए यूजर को उसे हटाना होगा या नए सिरे पोस्ट बनाना होगा. हालांकि यह सुविधा इंस्टाग्राम और फेसबुक पर बीते कुछ सालों से एडिट करने का विकल्प उपलब्ध है, उम्मीद है कि आने वाले दिनों में थ्रेड्स को यह सुविधा मिल सकती है.
  4. डायरेक्ट मैसेज यानी DM: ट्विटर पर यूजर को डायरेक्ट दूसरे यूजर को बॉक्स में मैसेज भेजने की सुविधा दी गई है जबकि थ्रेड्स के पास ऐसी फेसिलिटी नहीं है. हाल ही में इसने अतिरिक्त गोपनीयता के लिए एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन भी इनेबल किया है. जिसका मतलब ये है कि यूजर निजी तौर पर एक-दूसरे से नहीं जुड़ पाएंगे.
  5. ट्रेंडिंग टॉपिक्स नहीं है: ट्रेंडिंग टॉपिक्स ट्विटर पर चल रही खबरों को देखने के सबसे आसान तरीकों में से एक है. जबकि मौजूदा समय में थ्रेड्स में ट्रेंड देखने का फीचर नहीं है. द वर्ज (The Verge) से हुई बातचीत में मेटा सीईओ ने बताया कि थ्रेड्स "हार्ड न्यूज़" के लिए नहीं है, ऐसे में इस पर जल्द ही ट्रेंडिंग टॉपिक का सेक्शन नहीं मिल सकता है.
  6. AI जनरेटेड alt text: Alt text या alternative text किसी इमेज या वीडियो का डिसक्रिप्शन है. अधिकांश सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म यूजर को alt text को कस्टमाइज करने की अनुमति देते हैं लेकिन थ्रेड्स ऐसा नहीं करता है. इसके बजाय यह फिलहाल कंप्यूटर-जनरेटेड alternative text का इस्तेमाल करता है, जिससे यह उन यूजर के लिए कम सुलभ हो जाता है जो स्क्रीन रीडर पर निर्भर हैं.
  7. विज्ञापन: थ्रेड्स की एक अच्छी बात ये है कि इस पर विज्ञापन यानी Ads नहीं दिखाता है जबकि ट्विटर मौजूदा वक्त में विज्ञापनों से भरा पड़ा है. मार्क जुकरबर्ग ने यहां तक ​​संकेत दिया है कि थ्रेड्स को तब तक विज्ञापन नहीं मिलेंगे जब तक उन्हें बड़ी संख्या में (1 बिलियन यानी 100 करोड़ ) यूजर्स नहीं मिल जाते.
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