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Image: Reuters
साल 2026 तक दुनिया भर में 3.5 अरब 5जी कनेक्शन होंगे, जबकि भारत में इनकी संख्या करीब 35 करोड़ होगी. यह बात प्रमुख दूरसंचार कंपनी एरिक्सन ने एक रिपोर्ट में कही है. एरिक्सन के नेटवर्क समाधान (दक्षिण पूर्व एशिया, ओशिनिया और भारत) के प्रमुख नितिन बंसल का कहना है कि यदि स्पेक्ट्रम नीलामी अगले साल की शुरुआत में हो गई तो भारत को उसका पहला 5जी कनेक्शन 2021 में मिल सकता है. एरिक्सन मोबिलिटी रिपोर्ट-2020 के मुताबिक दुनियाभर में एक अरब लोग जो वैश्विक आबादी का 15 फीसदी हिस्सा हैं, उनकी 5जी कवरेज तक पहुंच है.
रिपोर्ट के मुताबिक 2026 तक दुनिया की 60 फीसदी आबादी के पास 5जी सेवाओं की पहुंच होगी और उस समय तक 5जी ग्राहकों की संख्या बढ़कर 3.5 अरब होने का अनुमान है. भारत में 5जी ग्राहकों की संख्या उस समय तक 35 करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएगी, जो कुल मोबाइल यूजर्स का 27 फीसदी हिस्सा होगा.
4G का है दबदबा
रिपोर्ट के मुताबिक भारत में प्रति माह प्रति स्मार्टफोन यूजर औसत ट्रैफिक 15.7 जीबी है, जो दुनिया में सबसे अधिक है. मोबाइल ब्रॉडबैंड सर्विसेज की कम कीमतें, सस्ते स्मार्टफोन और लोगों द्वारा ऑनलाइन अधिक वक्त बिताए जाने का भारत में मंथली यूसेज बढ़ोत्तरी में योगदान है. रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि 4जी 2020 में भारत में वर्चस्व वाली टेक्नोलॉजी बनी हुई है. कुल मोबाइल सब्सक्रिप्शंस में से 63 फीसदी 4जी हैं. 2026 तक 3जी के खत्म हो जाने का अनुमान है.
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76 करोड़ स्मार्टफोन सब्सक्रिप्शन
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2020 में भारत में स्मार्टफोन सब्सक्रिप्शन बढ़कर 76 करोड़ हो गए हैं. इनके 2026 तक 7 फीसदी के सीएजीआर से बढ़कर 1.2 अरब के करीब पहुंच जाने की उम्मीद है. बंसल ने कहा कि 5जी सेवाओं के लिए स्पेक्ट्रम नीलामी की घोषित समयसीमा के अनुसार भारत को उसका पहला 5जी कनेक्शन 2021 में मिल सकता है.