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5G in India: भारत में 5जी सेवाएं जल्द शुरू हो सकती हैं. पीएम मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने आज (15 जून) 5जी स्पेक्ट्रम के नीलामी को मंजूरी दे दी है. इसके तहत अगले महीने जुलाई के आखिरी तक 72097.85 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के लिए बोली लगेगी. सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के मुताबिक स्पेक्ट्रम की वैधता 20 साल की होगी लेकिन 10 साल बाद अगर कोई टेलीकॉम कंपनी स्पेक्ट्रम वापस करना चाहेगी तो वह कर सकेगी.
4जी से 10 गुना अधिक स्पीड
नीलामी के तहत 20 साल की वैलिडिटी के साथ 72097.85 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम रखे जाएंगे. यह नीलामी कई फ्रीक्वेंसी बैंड लो (600 MHz, 700 MHz, 800 MHz, 900 MHz, 1800 MHz, 2100 MHz, 2300 MHz), मिड (3300 MHz) और हाई (26 GHz) में होंगे. अनुमान के मुताबिक मिड और हाई बैंड स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल टेलीकॉम कंपनियां 5जी तकनीक पर आधारित सेवाओं को उपलब्ध कराने के लिए करेंगी जिसके जरिए 4जी सेवाओं से करीब 10 गुना अधिक स्पीड और कैपेसिटी मिलेगी.
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टेलीकॉम कंपनियों को बड़ी वित्तीय राहत
पहली बार इसके लिए कंपनियों को भुगतान नहीं करना होगा. टेलीकॉम कंपनियां स्पेक्ट्रम के लिए 20 बराबर किश्तों में चुका सकेंगी लेकिन सभी किश्तों का भुगतान हर साल की शुरुआत में एडवांस के तौर पर करना होगा. इसके अलावा टेलीकॉम कंपनियों को दस साल बाद स्पेक्ट्रम को वापस करने का भी विकल्प दिया गया है. वापस करने के बाद उन्हें शेष वर्षों के लिए कोई पैसा नहीं चुकाना होगा.
प्राइवेट नेटवर्क को मंजूरी
मोदी कैबिनेट ने प्राइवेट कैप्टिव नेटवर्क्स को लेकर एक अहम फैसला लिया है. सरकार ने प्राइवेट कैप्टिव नेटवर्क्स को डेवलप करने और इसे सेट अप करने की मंजूरी दे दी है. इससे ऑटो, स्वास्थ्य, कृषि, एनर्जी और अन्य सेक्टर्स में मशीन से मशीन के बीच कम्यूनिकेशंस, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) के प्रयोग को बढ़ावा मिलेगा. प्राइवेट कैप्टिव नेटवर्क्स का मतलब ऐसे टेलीकॉम नेटवर्क से है जो निजी उपयोग के लिए होगा.
(Input: PTI)