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कोड ऑफ कंडक्ट के मुताबिक डिजिटल लेंडर्स को अपने स्टॉफ और रिप्रेजेंटेटिव को उचित प्रशिक्षण के अलावा लोगों को आउटस्टैंडिंग ड्यू को लेकर समय पर और स्पष्ट जानकारी दी जाएगी. (File Photo)
केंद्रीय बैंक भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 23 दिसंबर को ट्वीट के जरिए क्विक लोन उपलब्ध कराने अनऑथराइज्ड डिजिटल लेंडिंग प्लेटफॉर्म या मोबाइल ऐप्स से लोगों को सावाधान किया था. आरबीआई की इस पहल के एक दिन बाद 5 फिनटेक कंपनियां डिजिटली कर्ज के लेन-देन के लिए एक कोड ऑफ एथिकल कंडक्ट तैयार किया है जिससे लोगों को किसी भी प्रकार से नुकसान से बचाया जा सकेगा. फिनटेक एसोसिशन फॉर कंज्यूमर एंपॉवरमेंट (FACE) के मुताबिक इस कोड के जरिए उन सभी तरीकों पर रोक लगाए जाएगी जिससे डिजिटल लैंडिंग इको—सिस्टम पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. फेस 5 पिनटेक कंपनियों द्वारा गठित नॉन-प्रॉफिट बॉडी है. इसमें अर्लीसैलरी (EarlySalary), क्रेडिटबी (KreditBee), किश्त (Kissht), कैश (CashE) और लोनटैप (LoanTap) शामिल हैं.
कोई हिडेन चार्ज नहीं होना चाहिए- FACE
फेस ने एक स्टेटमेंट जारी कर कहा है कि कोड ऑफ कंडक्ट जारी करने से डिजिटल लेंडिंग में जवाबदेही बढ़ेगी और पारदर्शिता आएगी. इस कोड के तहत मोबाइल ऐप्स समेत सभी डिजिटल लेंडर्स को ग्राहकों के सामने पूरी कॉस्ट्स, प्राइसिंग और कॉस्ट ऑफ क्रेडिट दिखानी होगी. यानी कोई हिडेन चार्जेज नहीं होना चाहिए. इसके अलावा उनके साथ उचित व्यवहार किया जाएगा, कलेक्शन के लिए कोई भी गलत तरीका नहीं अपनाया जाएगा. इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण है कि डेटा प्राइवेसी सुनिश्चित की जाएगी और विवादों का निपटारा उचित तरीके से किया जाएगा. कलेक्शन को लेकर मोबाइल ऐप्स समेत सभी डिजिटल लेंडर्स को डेट कलेक्शन पॉलिसी का पालन करना चाहिए.
आउटस्टैंडिंग ड्यू की जानकारी समय पर देने का निर्देश
कोड ऑफ कंडक्ट के मुताबिक डिजिटल लेंडर्स को अपने स्टॉफ और रिप्रेजेंटेटिव को उचित प्रशिक्षण के अलावा लोगों को आउटस्टैंडिंग ड्यू को लेकर समय पर और स्पष्ट जानकारी दी जाएगी. फेस ने अपने बयान में कहा है कि वह रेगुलेटरी बॉडीज के साथ देश में डिजिटल क्रेडिट लेंडिंग लैंडस्केप को मजबूत करने के लिए सहयोग करेगी. इसके अलावा वह इस सेक्टर में फेयर प्रैक्टिसेज के लिए उच्च मानकों को मॉनीटर करेगी और उसे प्रमोट करेगी.
आरबीआई ने सैशे पोर्टल पर शिकायत के लिए कहा
आरबीआई ने बुधवार आम लोगों को अनऑथराइज्ड मोबाइल ऐप्स और फाइनेंसियल टेक्नोलॉजी फर्म्स से लोगों को सावधान किया था. आरबीआई ने एक ट्वीट कर आगाह किया था कि तुरंत कर्ज उपलब्ध कराने वाले अनऑथराइज्ड डिजिटल लेंडर्स के झांसे में न पड़ें क्योंकि वे आपके फोन पर मौजूद आपकी पूरी जानकारी चुरा लेंगे. आरबीआई ने एक सैशे पोर्टल https://sachet.rbi.org.in पर लोन ऑफर करने वाले अनऑथराइज्ड मोबाइल ऐप्स के खिलाफ लोगों से शिकायत भी दर्ज कराने को कहा.
आरबीआई ने अपने सर्कुलर में उन सभी रिपोर्ट्स का जिक्र किया है जिसमें यह जिक्र किया गया है कि ऐसे ऐप्स के जरिए लोन लेने वालों से अतिरिक्त ब्याज दरें और हिडेन चार्जेज की मांग की गई थी. इसके अलावा इस तरह अनऑथराइज्ड तरीके से लोन उपलब्ध कराने वाले डिजिटल लेंडर्स वसूली के लिए गलत तरीके अपनाते हैं और वे उधार लेने वाले शख्स के मोबाइल पर डेटा एक्सेस के लिए एग्रीमेंट्स का मिसयूज भी करते हैं.