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वॉट्सऐप (WhatsApp) में सिक्योरिटी को लेकर एक खामी सामने आई है. इसके चलते हैकर्स किसी फोन में रिमोटली सेंध लगा सकते थे. यह जानकारी खुद वॉट्सऐप ने दी है. हालांकि इस खामी को दूर कर लिया गया है और यूजर्स को अपने वॉट्सऐप ऐप को अपडेट करने की हिदायत दी गई है.
इस बारे में सबसे पहले फाइनेंशियल टाइम्स ने रिपोर्ट दी थी. वॉट्सऐप में आई यह खामी हैकर्स को किसी यूजर को कॉल कर उसके फोन पर मैलिशियस सॉफ्टवेयर इन्सर्ट करने की अनुमति देती थी. उनके फोन के कैमरा और माइक तक को हैक किया जा सकता था और यूजर्स के ईमेल से लेकर मेसेज और लोकेशन डेटा तक पता लगाए जा सकते थे.
कौन है इसके पीछे
फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह स्पाईवेयर इजरायल की एक संदिग्ध कंपनी NSO Group ने डेवलप किया है. इस ग्रुप पर मिडिल ईस्ट से लेकर मेक्सिको तक की सरकारों की एक्टिविस्ट और जर्नलिस्ट की जासूसी में मदद करने का आरोप है.
इस माह की शुरुआत में ही पता लगी थी खामी
इस खामी का पता इस माह की शुरुआत में पता लगा था और तब से वॉट्सऐप इसे फिक्स करने की कोशिश कर रही थी. वॉट्सऐप के प्रवक्ता का कहना है कि हम यूजर्स को लेटेस्ट वर्जन से ऐप अपग्रेड करने और मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम अप टू डेट रखने की हिदायत देते हैं ताकि संभावित सेंधमारी से बचा जा सके.
हालांकि कंपनी की ओर से यह नहीं बताया गया कि इस खामी के चलते कितने यूजर्स प्रभावित हुए हैं या कितनों को टार्गेट किया गया. कंपनी ने इस बारे में अमेरिकी अथॉरिटी को भी सूचित किया था.
एक ह्यूमन राइट्स लॉयर के फोन में सेंधमारी की सामने आई बात
टोरंटो यूनिवर्सिटी के एक रिसर्च ग्रुप सिटीजन लैब के एक ट्वीट के मुताबिक, ऐसा माना जा रहा है कि एक अटैकर ने मानवाधिकार से जुड़े एक वकील के फोन में सेंधमारी की कोशिश की थी लेकिन वॉट्सऐप ने उसे ब्लॉक कर दिया.
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