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एप्पल (Apple) की जून तिमाही का रेवेन्यू सालाना आधार पर 36.4 फीसदी बढ़कर 81.4 अरब डॉलर पर पहुंच गया है.
एप्पल (Apple) की जून तिमाही का रेवेन्यू सालाना आधार पर 36.4 फीसदी बढ़कर 81.4 अरब डॉलर पर पहुंच गया है, जो एक तिमाही के लिए रिकॉर्ड है. इसकी वजह उभरते हुए बाजारों में मजबूत ग्रोथ है. एप्पल के सीईओ टिम कुक ने कहा कि अधिकतर बाजार में डबल डिजिट ग्रोथ देखी गई है. जिसमें विशेषकर भारत, वियतनाम और लातिन अमेरिका में मजबूती रही है.
विश्लेषकों से बात करते हुए, कुक ने कहा कि कंपनी का तीसरी तिमाही का प्रदर्शन उभरते बाजारों में शानदार रहा है और इस प्रदर्शन की वजह सभी लोगों के लिए कुछ-न-कुछ पेश करना है. उन्होंने कंपनी के सबसे किफायती iPhone, iPhone SE को एंट्री प्वॉइंट और कंपनी के लाइन-अप में महत्वपूर्ण बताया.
कंपनी ने भारत में पिछले कुछ सालों के दौरान भारत में कीमतों पर काफी ध्यान दिया है. iPhone SE की शुरुआती कीमत 40 हजार रुपये से कम है, जबकि XR और 11 वेरिएंट्स का दाम डील और ऑफर्स के साथ 50,000 रुपये से थोड़ा कम रहेगा.
कंपनी का भारतीय बाजार पर फोकस
एप्पल ने इससे पहले भारत में ग्रोथ के अवसरों को लेकर बात की थी. कंपनी ने बताया था कि उसकी योजना ऑनलाइन स्टोर के अलावा फिजिकल आउटलेट खोलने की है, जिससे उसकी दुनिया के सबसे बड़े और प्रतिसपर्धा वाले बाजारों में से एक भारत में स्थिति को मजबूत करना है. कंपनी ने भारत में इन स्टोर और ऑनलाइन अनुभव पेश करने की रूचि दिखाई, जो वैश्विक मापदंडों के मुताबिक होगी.
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हालांकि, कुक ने यह भी कहा कि ग्लेबल चिप की कमी से पहले ही Macbook और iPad की सेल पर असर पड़ा है और जल्द ही यह आईफोन के उत्पादन पर भी असर डालेगा. उन्होंने कहा कि इससे रेवेन्यू ग्रोथ भी धीमा पड़ सकता है.