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कोई व्यक्ति अपने घर से काम करते समय डेटा या साइबर सिक्योरिटी को कैसे सुनिश्चित करे.
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बहुत सी कंपनियों ने कोरोना महामारी के समय में अपने कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम पॉलिसी को अपनाया है. ऐसे में साइबर सुरक्षा की चिंता तेजी से बढ़ रही है. कर्मचारियों के पास कंपनी के सेवेदनशील डेटा का एक्सेस भी रहता है. तो, कोई व्यक्ति अपने घर से काम करते समय डेटा या साइबर सिक्योरिटी को कैसे सुनिश्चित करें. Flock के CTO देवाशीष शर्मा ऐसे चार स्टेप्स के बारे में बता रहे हैं, जिससे आप अपने डेटा को सुरक्षित रख सकते हैं.
अनॉथराइज्ड सिस्टम एक्सेस को रोकें
इन दिनों अनॉथराइज्ड एक्सेस का खतरा बहुत ज्यादा बना हुआ है. क्योंकि हैकर्स को यह जानकारी है कि बहुत से लोग अपने घर से काम कर रहे हैं. आधे से ज्यादा डेटा उल्लंघन कमजोर या पुराने पासवर्ड के कारण होते हैं. इसलिए मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें और उसे नियमित अंतराल पर बदलते रहें. अपने पासवर्ड को लैपटॉप या कंप्यूटर पर नहीं लिखें.
इसके साथ, अगर आप अपने कंप्यूटर से दूर जाते हैं, भले ही थोड़े समय के लिए, तो कंप्यूटर को लॉक कर दें. यह फर्क नहीं पड़ता कि आप अकेले रहते हैं और आसपास कोई मौजूद नहीं है. ऐसे कई टूल मौजूद हैं, जिससे यह पता चलता है कि आपके पासवर्ड के साथ छेड़छाड़ हुई है.
टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन
इससे आपके अकाउंट में किसी दूसरे व्यक्ति के एक्सेस को रोकने में मदद मिलती है. हैकर कर्मचारी के पासवर्ड को चोरी कर सकता है, लेकिन उसके पास फोन मौजूद नहीं होगा जिस पर वेरिफिकेशन कोड या ओटीपी आएगा. इसके साथ ही हैकर के पास फिंगरप्रिंट का एक्सेस भी नहीं होगा. साफ तौर पर, लॉगइन प्रोसेस में हैकर्स को बाहर रखने में ये मदद कर सकते हैं. टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन सिस्टम अलर्ट के तौर पर भी काम कर सकते हैं, जब कोई आपके अकाउंट में लॉगइन करने की कोशिश कर रहा हो.
फिशिंग ईमेल और मैसेज से सावधान रहें
हाल ही में आई एक रिपोर्ट के मुताबिक, फिशिंग स्कैम और फर्जी कोविड-19 लिंक जनवरी 2020 में 15 से बढ़कर मार्च में 54,772 हो गए हैं. अगर आपको कभी भी कोई PPE, मास्क, सैनिटाइजर आदि से जुड़ा ईमेल आता है, तो लिंक पर क्लिक करने के पहले दो बार सोच लें. ऐसे मामलों की संख्या बढ़ रही है, जहां कर्मचारियों को ऐसे ईमेल आते हैं , जिसे एक बार क्लिक करने पर हैकर आपके डेटा का एक्सेस पा सकता है.
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अपने नेटवर्क को सुरक्षित करें
अगर आपके पास ऑफिस द्वारा दिया गया लैपटॉप भी मौजूद है, तो भी आप अपने होम वाईफाई का इस्तेमाल करेंगे. इसके साथ आपके संस्थान की आईटी टीम का उसके ऊपर कोई कंट्रोल नहीं होता है. होम नेटवर्क को सुरक्षित करने के लिए अपने पासवर्ड को परिवार के सदस्यों के नाम या जन्म की तारीख से बदलकर कुछ जटिल रखना सबसे पहला कदम है. इसके अलावा अपने काम करने वाले डिवाइस को होम नेटवर्क से कनेक्ट करने से पहले वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) का इस्तेमाल करें. हालांकि, मुफ्त VPN का इस्तेमाल करने से बचें क्योंकि ये सुनिश्चित नहीं होते और सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करते हैं.
(स्टोरी: सुधीर चौधरी)