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इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सभी सोशल मीडिया इंटरमीडियरीज से नए इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस और डिजिटल एथिक्स कोड) रूल्स, 2021 के पालन को लेकर डिटेल्स पूछी हैं.
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सभी सोशल मीडिया इंटरमीडियरीज से नए इन्फोर्मेशन टेक्नोलॉजी (इंटरमीडियरी गाइडलाइंस और डिजिटल एथिक्स कोड) रूल्स, 2021 के पालन को लेकर डिटेल्स पूछी हैं. इस संबंध में मंत्रालय ने सभी सोशल मीडिया इंटरमीडियरीज को खत लिखा है.
Ministry of Electronics & Information Technology asks all social media intermediaries compliance details over the new 'the InformationTechnology (Intermediary Guidelines and Digital Ethics Code) Rules, 2021'. pic.twitter.com/5hvWekHK8n
— ANI (@ANI) May 26, 2021
व्हाट्सऐप का कोर्ट जाना दुर्भाग्यपूर्ण: केंद्र सरकार
वहीं, सरकार ने बुधवार को कहा कि वह निजता के अधिकार का सम्मान करती है और फ्लैग किए गए मैसेज की शुरुआत का पता लगाने की जरूरत भारत की अखंडता या कानून व्यवस्था से जुड़े बहुत गंभीर अपराध को रोकने और जांच करने के लिए है. आईटी मंत्रालय ने यह भी कहा है कि व्हाट्सऐप ने उसकी इंटरमीडियरी गाइडलाइंस को आखिरी समय पर जिस तरह अदालत में चुनौती दी है, वो नियमों को लागू होने से रोकने की एक दुर्भाग्यपूर्ण कोशिश है.
आधिकारिक बयान में कहा गया है कि ब्रिटेन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड और कनाडा में सोशल मीडिया कंपनियों को कानून का पालन करने की जरूरत होती है. आगे कहा गया है कि भारत जो पूछ रहा है, वह उससे बहुत कम है, जो कुछ दूसरे देशों ने मांग की है. आधिकारिक बयान के मुताबिक, इसलिए व्हाट्सऐप की भारत की इंटरमीडियरी गाइडलाइंस को निजता के अधिकार के खिलाफ दिखाने की कोशिश गलत है.
बयान में कहा गया है कि सरकार निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार के तौर पर मान्यता देती है और इसे अपने नागरिकों के लिए सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.
बयान में आगे कहा गया है कि आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार अपने सभी नागरिकों के लिए निजता के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन उसी समय पर यह सरकार की भी जिम्मेदारी है कि वह कानून व्यवस्था को बनाए रखे और राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित करे.