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Twitter को दिल्ली हाईकोर्ट का निर्देश, बताएं कब तक होगी नए नियमों के तहत शिकायत अधिकारी की नियुक्ति, 8 जुलाई तक मांगा जवाब

दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्विटर से पूछा, नए आईटी नियमों के तहत रेजिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर (RGO) की नियुक्ति कब तक होगी, पिछली सुनवाई में पूरी जानकारी नहीं देने पर डांट भी लगाई.

दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्विटर से पूछा, नए आईटी नियमों के तहत रेजिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर (RGO) की नियुक्ति कब तक होगी, पिछली सुनवाई में पूरी जानकारी नहीं देने पर डांट भी लगाई.

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delhi high court directs twitter to inform when will it appoint grievance officer as per new IT rules

दिल्ली हाईकोर्ट ने ट्विटर को निर्देश दिया कि वह जानकारी दे कि नए आईटी नियमों के मुताबिक रेजिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर (RGO) की नियुक्ति कब करेगा.

दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को ट्विटर (Twitter) को निर्देश दिया कि वह जानकारी दे कि नए आईटी नियमों के मुताबिक रेजिडेंट ग्रीवांस ऑफिसर (RGO) की नियुक्ति कब करेगा. माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म ने कोर्ट में सब्मिट किया है कि वह ऐसा करने की प्रक्रिया में है. जस्टिस रेखा पल्ली ने इस बात पर आपत्ति जताई कि कोर्ट को यह जानकारी नहीं दी गई थी कि RGO की पहले की गई नियुक्ति केवल अंतरिम आधार पर थी और वे इस्तीफा दे चुके हैं.

हाई कोर्ट ने इस बात का जिक्र किया कि ट्विटर द्वारा केवल एक अंतरिम RGO की नियुक्ति की गई थी और 31 मई को कोर्ट को गलत जानकारी दी गई क्योंकि उसे यह नहीं बताया गया नियुक्ति अंतरिम आधार पर की गई है.

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जज ने कहा कि अगर वह 21 जून को चले गए थे, तो कम से कम ट्विटर इन 15 दिनों में दूसरे अफसर की नियुक्ति कर सकता था, क्योंकि आपको यह पता था कि मामले की 6 जुलाई को सुनवाई होने वाली है. हम अनुपालन के मामले पर चिंतित हैं. आपकी प्रक्रिया में कितना लंबा समय लगता है. अगर ट्विटर सोचता है कि वह मेरे देश में जितना लंबा समय चाहे, उतना ले सकता है, तो मैं उसकी इजाजत नहीं देती.

ट्विटर ने कोर्ट से मांगा समय

ट्विटर की ओर से वरिष्ठ वकील साजन Poovayya ने कहा कि हालांकि ट्विटर नियुक्ति करने की प्रक्रिया में है, यह सच है कि आज की तारीख में कोई चीफ कम्पलायंस ऑफिसर, RGO और नोडल कॉन्टैक्ट पर्सन नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि इसलिए जैसा कोर्ट ने कहा, अभी ट्विटर नियमों के अनुपालन में नहीं है. लेकिन वह अफसर की नियुक्ति की प्रक्रिया में है. जब कोई इंटरमीडियरी नियमों के अनुपालन में नहीं होती है, तो वह सेफ harbour प्रोटेक्शन को खो देती है. यह सही है कि ट्विटर को नियमों का पालन करना चाहिए और वह करेगी. कृप्या हमें उचित समय दें.

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कोर्ट में केंद्र का प्रतिनिधित्व कर रहे एडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा ने कहा कि नियमों को 25 फरवरी को अधिसूचित किया गया था और इंटरमीडियरीज को नियमों के अनुपालन के लिए तीन महीनों का समय दिया गया था, जो 25 मई को खत्म हो गया है. उन्होंने अदालत में कहा कि हम 6 जुलाई पर हैं. यह पूरे 42 दिनों का गैर-अनुपालन है. इनका भारत में कारोबार करने के लिए पूरा स्वागत है. लेकिन यह रवैया इस देश की डिजिटल संप्रभुता के प्रति सम्मान नहीं करने का है.

(Input: PTI)

Delhi High Court Twitter