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फेसबुक ने #ResignModi हैशटैग वाली पोस्ट हटाए जाने पर सफाई पेश करते हुए कहा कि यह सरकार के आदेश नहीं पर हुआ था बल्कि गलती से हुआ था.
Facebook ने अपने प्लेटफॉर्म पर ऐसे कई पोस्ट्स को ब्लॉक कर दिया था, जिनेमें हैशटैग #ResignModi का प्रयोग किया गया हो या सरकार पर कोरोना संकट को संभालने में नाकाम साबित होने का आरोप लगाया गया हो. लेकिन अब फेसबुक ने इसे एक गलती मानकर ऐसे पोस्ट को फिर से बहाल कर दिया है. फेसबुक ने इस पर सफाई पेश करते हुए कहा है कि जो कुछ भी हुआ वो उसकी गलती थी, सरकार ने उसे ऐसा करने का कोई आदेश नहीं दिया था. फेसबुक के प्रवक्ता ने सफाई दी है कि यह हैशटैग अस्थाई तौर पर गलती से ब्लॉक हो गया था. भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड आईटी मंत्रालय ने भी एक ट्वीट करके कहा है कि सरकार की तरफ से इस हैशटैग को हटाने का कोई निर्देश फेसबुक को नहीं दिया गया था.
फेसबुक से पहले ट्विटर पर भी ऐसा हुआ था जब कोरोना संकट को हैंडल करने में सरकार की आलोचना वाले पोस्ट को ट्विटर ने सेंसर कर दिया था. इसके अलावा ट्विटर ने कुछ पोस्ट्स को फेक न्यूज बताकर या तो हटा दिया था या रिस्ट्रिक्ट कर दिया था.
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अंतिम चरण के बंगाल चुनाव से पहले हैशटैग हुआ ब्लॉक
रिपोर्ट्स के मुताबिक फेसबुक पर पीएम मोदी के इस्तीफे की मांग को लेकर एक हैशटैग चलाया गया जिसे बुधवार 29 अप्रैल को कुछ समय के लिए ब्लॉक कर दिया गया. जो यूजर्स इस हैशटैग को सर्च कर रहे ते, उन्हें मैसेज आ रहा था कि इस प्रकार की पोस्ट्स को अस्थाई तौर पर हटा या छिपा दिया गया है क्योंकि इन पोस्ट्स में कुछ कंटेट फेसबुक के कम्यूनिटी स्टैंडर्ड्स के खिलाफ हैं. फेसबुक समय-समय पर कुछ हैशटैग हटाता है और कुछ ऑटोमेटेड तरीके से हट जाती हैं. पीएम मोदी के इस्तीफे को लेकर चलाए गए हैशटैग को अंतिम चरण के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले फेसबुक ने ब्लॉक करना शुरू किया था.
कुछ दिनों पहले Twitter ने भी लिया था ऐसा एक्शन
ऐसा नहीं है कि सरकार की आलोचना वाले पोस्ट्स को आज फेसबुक ने ही पहली बार हटाया है. कुछ दिनों पहले माइक्रोब्लॉगिंग साईट ट्विटर ने भी अपने भारत में मौजूदा मेडिकल क्राइसिस की हैंडलिंग को लेकर या महामारी को लेकर फेक न्यूज फैलाने को लेकर करीब 100 पोस्ट्स और यूआरएल हटाए थे. ट्विटर ने यह एक्शन सरकार के निर्देश पर उठाए थे. लूमेन डेटाबेस के मुताबिक सरकार के अनुरोध पर ट्विटर ने सांसद, विधायक और फिल्ममेकर्स के 50 से अधिक पोस्ट्स हटाए थे. सरकारी सूत्रों के मुताबिक सरकार ने महामारी के खिलाफ लड़ाई में किसी प्रकार की रुकावट डालने वाले पोस्ट्स और यूआरएल को हटाने के निर्देश दिए थे. यह फैसला उन खबरों को सोशल मीडिया के जरिए फैलने से रोकने के लिए उठाया गया था, जो महामारी के दौरान लोगों के बीच गलत जानकारियां फैलाने और डर का माहौल बनाने का काम कर रही थीं.