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मेटावर्स में एक वर्चुअल एनवायरमेंट होता है जिसे अपने डिवाइस के जरिए यूजर एक्सेस कर सकते हैं. (Image- Meta)
Facebook Name Changed: दुनिया भर के कई देशों में अपने प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग के मामले में नियामकों और सरकारों की आलोचना झेल रही दिग्गज सोशल मीडिया कंपनी Facebook को मेटा (Meta) के रूप में री-ब्रांड किया गया है. फेसबुक ने कहा है कि उसके सभी ऐप्स और तकनीकी अब इस एक नए ब्रांड के तहत साथ आएंगे. हालांकि कंपनी ने स्पष्ट कर दिया है कि इससे कॉरपोरेट स्ट्रक्चर में कोई बदलाव नहीं होगा. कंपनी के सीईओ मार्क जुकरबर्ग (Mark Juckerberg) ने कंपनी के लाइव-स्ट्रीम्ड वर्चुअल व ऑगमेंटेड रियल्टी कांफ्रंस में कहा कि नए नाम से कंपनी के लक्ष्य का संकेत मिलता है. कंपनी का अब अगला लक्ष्य मेटावर्स है.
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वर्चुअल एनवॉयरमेंट में जुड़ सकेंगे यूजर्स
मेटावर्स का सबसे पहले इस्तेमाल करीब तीन दशक पहले 1992 में प्रकाशित अमेरिकी लेखक नील स्टीफेंसन के एक डायस्टोपियन नॉवेल 'स्नो क्रैश' में हुआ था और अब यह सिलिकॉन वैली (अमेरिका का आईटी हब जैसे भारत में बेंगलूरु है) को आकर्षित कर रहा है. मेटावर्स में एक वर्चुअल एनवायरमेंट होता है जिसे अपने डिवाइस के जरिए यूजर एक्सेस कर सकते हैं. सालाना वर्चुअल व ऑगमेंटेड रियल्टी कांफ्रेंस में जुकरबर्ग ने कहा कि मेटावर्स में प्राइवेसी और सेफ्टी को लेकर काम करना है.
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मोबाइल इंटरनेट की अगली पीढ़ी है मेटावर्स- Zuckerberg
जुकरबर्ग फेसबुक को सोशल मीडिया की बजाय मेटावर्स कंपनी के रूप में प्रचारित कर रहे हैं. उन्होंने ऑग्मेंटेड व वर्चुअल रियल्टी में भारी निवेश किया है. सीईओ जुकरबर्ग ने फेसबुक कनेक्ट इवेंट के दौरान प्राइवेसी और सेफ्टी कंट्रोल को लेकर कुछ उदाहरण दिए जिनकी जरूरत होगी जैसे कि यूजर के स्पेस में किसी शख्स को ब्लॉक करना. जुकरबर्ग मेटावर्स को मोबाइल इंटरनेट की अगली पीढ़ी कहते हुए इसे अगला बड़ा कंप्यूटिंग प्लेटफॉर्म बताते हैं.
Metaverse से बदल जाएगा इंटरनेट इस्तेमाल का तरीका
मार्क जुकरबर्ग ने करीब 17 साल पहले वर्ष 2004 में फेसबुक की शुरुआत की थी. अब जुकरबर्ग का मानना है कि फेसबुक का भविष्य मेटावर्स में है. मेटावर्स के जरिए इंटरनेट इस्तेमाल करने का तरीका बदल जाएगा और कंप्यूटर के सामने बैठने की बजाय एक हेडसेट के जरिए आभासी दुनिया में घुस सकेंगे. यह काफी कुछ वीआर की तरह है जिसका इस्तेमाल अभी गेमिंग में होता है. हालांकि वर्चुअल वर्ड का इस्तेमाल काम, खेल, कंसर्ट्स, सिनेमा ट्रिप्स या महज हैंग आउट के लिए भी किया जा सकता है. इसके लिए कंपनी आकुलस वर्चुअल रियलटी हेडसेट्स में भारी निवेश कर रही है.