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मेटा 100 करोड़ से अधिक लोगों के फेसियल रिकोग्निशन से जुड़ा डेटा डिलीट करेगी.
दुनिया की सबसे बड़ी सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक (Facebook), जो अब मेटा बन चुकी है, ने मंगलवार को फेसियल रिकोग्निशन सिस्टम को बंद करने की जानकारी दी. इस सिस्टम के जरिए अपलोड की जाने वाली तस्वीरों और वीडियोज में लोगों को मेटा (Meta) का सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक अपने-आप पहचान लेता है. मेटा ने यह कदम दुनिया भर में फेस रिकोग्निशऩ तकनीक के गलत इस्तेमाल को लेकर बढ़ती चिंता के मद्देनजर उठाया है. मेटा ने जानकारी दी कि वह 100 करोड़ से अधिक लोगों के फेसियल रिकोग्निशन से जुड़ा डेटा डिलीट करेगी. हालांकि यह तकनीक कुछ सेवाओं के लिए जारी रहेगी.
कुछ सेवाओं में जारी रहेगा इस तकनीक का इस्तेमाल
मेटा ने जानकारी दी है कि फेस रिकोग्निशन तकनीक को दुनिया भर में हटाया जाएगा और यह कार्य दिसंबर 2021 तक पूरा होने की उम्मीद है. हालांकि कुछ सेवाओं के लिए यह तकनीक इसके बाद भी जारी रहेगी. मेटा ने एक ब्लॉगपोस्ट में जानकारी दी कि अगर पर्सनल डिवाइस या अकाउंट लॉक हो गया हो तो उसे खोलने के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल हो सकेगा. मेटा के वाइस प्रेसिडेंट (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) जेरोम पसेंटी (Jerome Pesenti) ने कहा कि यह फैसला तकनीकी इतिहास में फेस रिकोग्निशन की उपयोगिता को लेकर अहम बदलाव का प्रतिनिधित्व करेगा.
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तकनीक के गलत इस्तेमाल को लेकर झेल रही आलोचना
फेसियल रिकोग्निशन टेक्नोलॉजी रिटेलर्स, हॉस्पिटल्स और अन्य कारोबारियों के लिए सुरक्षा उद्देश्यों के मद्देनजर बहुत पसंद किया जाता है लेकिन क्रिटिक्स का मानना है कि इससे निजता प्रभावित होती है और इससे खास लोगों का निशाना भी बनाया जा सकता है. फेसबुक ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब पिछले कुछ वर्षों से उसे तकनीक के गलत इस्तेमाल को लेकर आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. इसके अलावा यूजर्स के डेटा के गलत इस्तेमाल के चलते सुरक्षा चिताएं जताई जा रही हैं जिसे लेकर दुनिया भर की सरकारें और नियामक सख्त हुई हैं.