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फेसबुक (Facebook) ने बुधवार को अपने Messenger Kids ऐप को 70 नए देशों के लिए शुरू किया है जिसमें भारत भी शामिल है. कंपनी का कहना है कि इससे वह कोरोना वायरस लॉकडाउन के दौरान डिस्टैंस लर्निंग और आइसोलेशन जैसी चुनौतियों का सामना करने में बच्चों की मदद करेगा. यह ऐप 13 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए है और इसमें नया फीचर भी जोड़ा जाएगा जिससे माता-पिता नए कनेक्शन को मंजूरी दे सकेंगे. यह फीचर पहले अमेरिका और उसके बाद दूसरे देशों में आना शुरू होगा.
फेसबुक के ग्लेबल हेड ऑफ सेफ्टी Antigone Davis ने अपने ब्लॉग पोस्ट में कहा कि स्कूल बंद हैं और लोग सोशल डिस्टैसिंग का पालन कर रहे हैं, ऐसे में माता-पिता अपने बच्चों को दोस्तों और परिवार के साथ जोड़ने के लिए टेक्नोलॉजी की पहेल से कहीं ज्यादा मदद ले रहे हैं.
माता-पिता कर सकते हैं कंट्रोल
उन्होंने कहा कि Messenger Kids एक वीडियो चैट और मैसेजिंग ऐप है जो बच्चों को दोस्तों और परिवार के साथ जोड़ने में मदद करता है जो माता-पिता द्वारा कंट्रोल में होता है. उन्होंने बताया कि आज वे Messenger Kids को ज्यादा देशों में शुरू कर रहे हैं और इसके साथ माता-पिता द्वारा बच्चों को दोस्तों के साथ कनेक्ट करने का नया फीचर लभी जोड़ रहे हैं.
Messenger Kids को अमेरिका में 2017 में लॉन्च किया गया था और बाद में इसे कनाडा और दूसरे कई देशों में लाया गया. यह उन बच्चों के लिए है, जिनकी उम्र फेसबुक अकाउंट के लिए बहुत कम है. बुधवार को जिन बदलावों का एलान हुआ, उनसे बच्चे अपने अभिभाविकों की देखरेख में पढ़ने-लिखने की सुविधा के लिए ग्रुप में जुड़ सकेंगे.
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नया फीचर भी जुड़ा
अमेरिका, कनाडा और लैटिन अमेरिका में माता-पिता अपने बच्चों को अपने नाम और प्रोफाइल फोटो को विजेबल करने की इजाजत भी दे सकते हैं जिससे वे ज्यादा दोस्त बना सकें. बच्चे अपनी फ्रेंड रिक्वेस्ट को खुद भेज सकेंगे. अब तक यह माता-पिता को करना होता था. Davis ने कहा कि अभिभावकों ने उनसे कहा कि वे अपने बच्चों को अपनी कॉन्टैक्ट लिस्ट को मैनेज करने के लिए ज्यादा आजादी देना चाहते हैं. यह वे अपनी देखरेख को जारी करके करना चाहेंगे.
पहले यह अभिभावकों के पास अधिकार था कि वे बच्चे के हर कॉन्टैक्ट को इनवाइट और मंजूरी दें. अब नए फीचर से माता-पिता बच्चों को कॉन्टैक्ट को मंजूर, ऐड, रिजेक्ट या रिमूव करने की भी इजाजत दे सकते हैं जिसके साथ उनके पास किसी नए कॉन्टैक्ट को मंजूर या रिजेक्ट करने की ताकत बनी रहेगी. कुछ प्राइवेसी से जुड़े लोगों ने ये बात उठाई कि यह ऐप बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है क्योंकि इससे उनसे संबंधित डेटा लिया जा सकता है.