/financial-express-hindi/media/post_banners/NxIbfFenuU5QvpKGVukt.jpg)
The warning has been issued on Cyber Dost twitter account for users to not fall for any fraudulent messages.
Online Fraud Safety Tips: कोरोना वायरस महामारी के दौर में ज्यादातर सरकारी और निजी कर्मचारी अपने दफ्तर का काम घर से कर रहे हैं. ऐसे में वे दिन में अधिकतम समय इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं. इन दिनों साइबर अपराधी भी इसका फायदा उठा रहे हैं. बैंक धोखाधड़ी के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है. इसलिए सुरक्षा पर ध्यान देना बहुत जरूरी हो गया है. इसमें से एक तरीका जिसका साइबर अपराधी इस्तेमाल कर रहे हैं, वह फिशिंग (Phishing) का है.
फिशिंग क्या है?
फिशिंग वैश्विक समस्या है जिसका दुनिया भर के बैंक सामना कर रहे हैं. फिशिंग एक ईमेल हो सकता है जो किसी मशहूर संस्थान जैसे बैंक या लोकप्रिय वेबसाइट से लग सकता है. यह ध्यान रखें कि बैंक कभी भी गोपनीय जानकारी जासे लॉगइन और ट्रांजैक्शन पासवर्ड, वन टाइम पासवर्ड (OTP), यूनिक रेफरेंस नंबर (URN) के बारे में आपसे नहीं पूछेगा.
यह कैसे होती है?
साइबर अपराधी किसी प्रतिष्ठित वित्तीय संस्थान या लोकप्रिय शॉपिंग वेबसाइट के समान फर्जी पेज बना लेते हैं.
फिर यूजर्स को बल्क में ई-मेल भेजे जाते हैं, जिनमें उनकी निजी जानकारी जैसे अकाउंट डिटेल, पासवर्ड आदि पूछे जाते हैं.
जब यूजर लिंक पर क्लिक करता है, तो वेबसाइट की नकल खुल जाती है. या जिस समय यूजर ऑनलाइन होता है, तो इन सेशन पॉप-अप के जरिए एक फॉर्म आएगा.
अपडेट करने पर डेटा अपराधियों के पास चला जाएगा, जिसके बाद यूजर असली वेबसाइट की ओर रिडायरेक्ट हो जाएगा.
15 जनवरी से बदल जाएगा लैंडलाइन से मोबाइल पर कॉल करने का तरीका, बिना ‘0’ लगाए नहीं बनेगी बात
फिशिंग की कोशिश को कैसे पहचानें?
- अनचाहे ई-मेल, अनजान लोगों से फोन या वेबसाइट जिन पर गोपनीय बैंकिंग डिटेल्स के बारे में पूछा जा रहा है.
- सुरक्षा कारणों की वजह से तुरंत कार्रवाई के लिए कहने वाले मैसेज.
- ईमेल में आए लिंक जिसमें वेबसाइट का एक्सेस दिया जाता है.
- सही वेबसाइट को चेक करने के लिए, लिंक पर करसर ले जाइए या https:// को चेक करें जहां s का मतलब सुरक्षित साइट होता है.
- अपराधी किसी मशहूर बैंक के इमेल एड्रेस, डोमेन नेम, लोगो आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं जिससे फर्जी ईमेल को प्रमाणिक लुक मिलता है.
- ऐसे फर्जी ईमेल हमेशा सामान्य तरीके से संबोधित करता है जैसे "डियर नेट बैंकिंग कस्टमर" या "डियर बैंक कस्टमर". बैंक के प्रमाणित ई मेल हमेशा आपको नाम से संबोधित करेंगे जैसे डियर मिस्टर सुरेश कुमार.
- ऐसा बहुत होता है कि फर्जी ईमेल बुरी तरह से लिखे होते हैं और उसमें स्पेलिंग या ग्रामर की गलती हो सकती है.
- ऐसै फर्जी ईमेल बमेशा आपको लिंक पर क्लिक करने या अपनी अकाउंट की गोपनीय जानकारी को अपडेट करने के लिए कहेंगे.
- फर्जी ईमेल में दिए लिंक कई बार सही लग सकते हैं लेकिन जब उसके ऊपर कर्सर या प्वॉइंटर ले जाएंगे, तो उसमें नीचे फर्जी वेबसाइट का लिंक या यूआरएल दिया हो सकता है.
(Source: ICICI Bank Website)